Book Title: Agam 01 Aayaro Padhamam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 54
________________ बीए अज्झयणे पढमो उद्देसो समत्तो • बीओ - उद्देसो • [ ४०६] गाहावई नामेगे सुइ- समायारा भवंति, भिक्खू य असिणाणए मोयसमायारे से तग्गंधे दुग्गंधे पडिकूले पडिलोभे यावि भवइ, जं पुव्वकम्मं तं पच्छाकम्मं जं पच्छाकम्मं तं पुव्वकम्मं तं भिक्खु-पडियाए वट्टमाणे करेज्जा वा नो वा करेज्जा, अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा [एस पइण्णा जाव एस उवएसो] जं तहप्पगारे उवस्सए नो ठाणं वा [सेज्जं वा निसीहियं वा] चेतेज्जा । [४०७] आयाणमेयं भिक्खुस्स गाहावईहिं सद्धिं संवसमाणस्स- इह खलु गाहावइस्स अप्पणो सअट्ठाए विरूवरूवे भोयण-जाए उवक्खडिए सिया अह पच्छा भिक्खु पडियाए असनं वा पानं वा खाइमं वा साइमं वा उक्खडेज्ज वा उवकरेज्ज वा तं च भिक्खू अभिकंखेज्जा भोत्तए वा पायए वा वियसुयक्खंधो-२, अज्झयणं-२ उद्देसो-२ ट्टित्तए वा, अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा [एस पइण्णा जाव जं] जं तहप्पगारे उवस्सए नो ठाणं वा जाव चेज्जा | [४०८] आयाणमेयं भिक्खुस्स गाहावइणा सद्धिं संवसमाणस्स - इह खलु गाहावइस्स अप्पणो सयट्ठाए विरूवरूवाइं दारुयाइं भिन्न- पुव्वाइं भवंति, अह पच्छा भिक्खुपडियाए विरूवरूवाइं दारुयाइं भिंदेज्ज वा किणेज्ज वा पामिच्चेज्ज वा दारुणा वा दारुपरिणामं कट्टु अगनिकायं उज्जालेज्ज वा पज्जालेज्ज वा तत्थ भिक्खू अभिकंखेज्जा आयावेत्तए वा पयावेत्तए वा वियट्टित्तए वा, अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा [एस पइण्णा जाव जं] जं तहप्पगारे उवस्सए नो ठाणं वा जाव चेतेज्जा । [४०९ ] से भिक्खू वा भिक्खुणी वा उच्चार पासवणेणं उव्वाहिज्जमाणे राओ वा विआले वा गाहावइ-कुलस्स दुवारबाहं अवंगुणेज्जा, तेणे य तस्संधिचारी अनुपविसेज्जा, तस्स भिक्खुस्स नो कप्पड़ एवं वइत्तए - अयं तेण पविसइ वा नो वा पविसइ उव्वलियइ वा नो वा उवल्लियइ अइपतति वा नो वा अइपतति वदति वा नो वा वदति तेण हडं अन्नेण हडं तस्स हडं अन्नस्स हडं अयं तेणे अयं उवचरए अयं हंता अयं एत्थमकासी, तं तवस्सिं भिक्खुं अतेणं तेणं ति संकति, अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा [स पइण्णा एस हेऊ एस कारणं एस उवएसो जं तहप्पगारे उवस्सए नो ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा] चेतेज्जा | [४१०] से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण उवस्सयं जाणेज्जा-तण-पुंजेसु वा पलालपुंजेसु वा सअंडे [सपाणे सबीए सहरिए सउस सउदए सउत्तिंग- पणग-दग मट्टिय-मक्कडा ] संता तहप्पगारे उवस्सए नो ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चेतेज्जा से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुणं उवस्सयं जाणेज्जा - तण-पुंजेसु वा पलाल-पुंजेसुं वा अप्पंडे [अप्पपाणे जाव अप्पुत्तिंग- पणग- दग - मट्टिय - मक्कडासंताणए तहप्पगारे उवस्सए पडिलेहिता पमज्जित्ता तओ संजयामेव ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा] चेतेज्जा । [४११] से आगंतारेसु वा आरामगारेसु वा गाहावइ-कुलेसु वा परियावसहेसु वा अभिक्खणंअभिक्खणं साहम्मिएहिं ओवयमाणेहिं नोवएज्जा | [४१२] से आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइ-कुलेसु वा परियावसहेसु वा जेभयंता उडुबद्धियं वा वासावासियं वा कप्पं उवातिणावित्ता तत्थेव भुज्जो संवसंति, अयमाउसो ! कालाइक्कंतकिरिया वि भवइ । [ दीपरत्नसागर संशोधितः ] [53] [१-आयारो]

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