Book Title: Adhidwipna Nakshani Hakikat
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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________________ अढीद्वीपना नकशानी हकीगत. गति सूधां ए३२ योजन- जे अने धातकी खंममा एकेकुं वनमुख 1167 योजन त तथा पुष्कराईमां एकेकुं वनमुख 1960 योजन . शए गणत्रीशमे बोले जंबूछीपमा जमशालवन 2200 योजन लांबु बे तथा धा तकी खंडमां एकेकुं जमशालवन मेरुपर्वतसहित 225157 योजन लांबु अने पु कराईमां एकेकुं नशालवन 44016 योजन लांबुं बे. ___30 त्रीशमे बोले वीश गजदंतगिरिनुं विचार कहेले. तिहां प्रथम जंबूछीपमा निषध पर्वतथी बे गजदंता पर्वत निकल्या ते मेरुपर्वत तरफ चाल्या तेमां प्रथम सोमनस गजदं तो धोलेवणे वे ते अग्निकूणमा वढ्यो बीजो विद्युत्प्रन गजदंतो राते वर्णे ते नैश्त कूणमां वस्यो तथा नीलवंतपर्वतथी बे गजदंता नीकट्या ते मेरुपर्वत तरफ चाल्या तेमां प्रथम गंधमादन गजदंतो पीले वर्णे डे ते वाव्य कूणमां वस्यो, बीजो माल्यवंत गज दंतो नीले वर्णे ते श्शान कूणमां वल्यो; एम चार गजदंता जाणवा. ए चारे गजदंता ३०२०ए योजन ने उ कला लांबा ने अने निषध तथा नीलवंतथी निकल्या तिहां धर तीथी चारसे योजन ऊंचा बे पड़ी वधता वधता मेरुपर्वतनी पासे पांचशे योजन ऊंचा थया बे तथा धांतकी खंगमा पूर्व पश्चिम मलीने बे मेरु पर्वत माटे तिहां श्राप गज दंताने तिहां प्रथम जंबूलीपनी परे बे बे मली चार गजदंता 356227 योजन लांबा अने बीजा बेबे मली चार गजदंता ५६एएए योजन लांबाडे तथा पुष्कराई छीपमा पण बे मेरुले माटे तिहां श्राउ गजदंता तेमां पण आगली तरफनां धातकीनी परे बे बे मली चार गजदंता 1656116 योजन लांबाजे अने पाळली तरफना बीजा बे बे मली चार गजदंता २०४३२१ए योजन लांबा ए सर्वे गजदंता मेरु तरफ जतां प्रथम उचाइमा चारसे चारसे योजन डे अने बेहेडे मेरुनी पासे पांचसे योजन ऊंचाश्मां बे. ___31 एकत्रीशमे बोले श्नुकार पर्वतनो विचार कहे. तिहां प्रथम जंबूद्वीपमा इकु कार पर्वत बिलकुल नथी अने धातको खंगमां बे इतुकारने तेणे वचमां पडीने बेबे जरत अने बे बे ऐरवत कस्या ते लांबपणे चार चार लाख योजन अने जंचा पां चशे योजन तथा पोहोल पणे एक हजार योजन ते उपरे एकेको जिनप्रसाद ने तथा पुष्कराई छीपमां पण बे कुकारले तेणे पण वचमां पमी बे बे जरत श्रने बे बे ऐरवत कस्याडे. ए लांब पणे श्राप आठ लाख योजन अने उंचपणे पांचशे योजन बे तथा पोहोला एकेक हजार योजन डे एना उपर पण एकेकुं श्रीजिनप्रासाद ने अढीछीपनां चित्रामणमां जगतीनां दरबाजा पर्यंत लाल रंग जरेने पण तिहां दरवाजानी जगा राखवी जोश्ये. दरवाजाना अंतर पर्यंत जे. इहां (इनुके०) सेलडी तेनो सांगे जेवो लांबो थाय तेनां सरखा ए पर्वत पण लांबा , माटे एनुं शकुकार एवं नाम ले.

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