Book Title: Adhidwipna Nakshani Hakikat
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ अढीहीपना नकशानी हकीगत. शोल कूट दे मलीने वत्रीश श्रया. तथा जरतक्षेत्रना हिमवंत पासे एक कूटने श्रो ऐरवत देवना शिखरी पर्वत पासे एक कूटले. एरीते सरवाले चोत्रीश झष नकूट जंबू छीपमां ने अने ए थकी बमणा अभशकूट धातको खंगमां बे तथा अमराव कूट पु कराऊमां ने सरवाले अढीछीपमा 170 षन कूटले. 11 अगीपारमे बोले त्राण खंम साधीने वासुदेव जेने उपाडे तेने कोटी शिक्षा के हीये ते शिवा जंबूद्वीपमा चोत्रीश तथा धातकी खंममा एथको बभणी अमश अने पुष्कळमां पण अडश मली अढीछीपमा 170 कोटी शिवावे. 12 वारमे बोले प्रत्येक वैताढ्य पर्वत दीन तिमिश्रा अने खंम प्रपात एवी वे बेगु फाऊंडे ते जंबछीपमां चोत्रीश वैतादयनी अडशठ गुफा, धातकीमा अडशठ वैताज्य न) एकशो त्रीश अने पुष्करामां पण एकसो बत्रोश मली अढीछोपमा 340 गुफाले. 13 तेरमे बोले बिल्खनो संख्या कहे;-प्रथम जंबूझीपमां नरतक्षेत्रनी गंगा अने सिंधु ए बे नदीनां बहोत्तेर बिस तथा ऐरवत क्षेत्रनी रक्ता अने रक्तवतीनां बहोतेर वित तेमज वत्रीश विजयमां. पण प्रत्येक विजयनी गंगा अने सिंधु ए वे नदीनां बहोतेर गणतां 2304 विल्ब महाविदेहमांडे सरवाले जंबूछीपमा 2447 तथा घातको खममा UGC6 अने पुष्काकमां पण तए सरवाले अढीहीपमा 12240 बिच ने. 14 चौदमे बोले मागधादि तीर्थनी संख्या कहे:-तिहां प्रथम जंहापमा भागध वरदाम अने प्रनास ए त्रण तीर्थ चक्रवर्ति साधेले. तेमां भरतनां त्रण त थ दाद रवाजे समुद्रमां, अने ऐरवतनां त्रण तीर्थ उत्तर दरवाजे समुखमांडे. एवं उथयः तथा पूर्व महाविदेहनी शोल विजय तेमां साहामा साहामी अाठ श्राउ विजय व सीता नदीमा साहामा साहामा त्रण त्रण तीर्थ गणतां शोल त्रिक अडतानीज तार्थ सीता नदीमां अने पश्रिम महाविदेहनी शोल विजय तिहां साहामा साहामी श्राम आठ विजय वच्चे सीतोदा नदीमा साहामा साहामी त्रण त्रण तीर्थ गणतां शाल त्रिक अड तालीश तीर्थ सीतोदा नदी मली उन तीर्थ महाविदेहमा यया तेनो साथे पूर्वोक्त नरत ऐरवतनां मेलवीये तेवारे 102 तीर्थ जंबडीपमांने, तेथी वमणा 204 धातकी खंडनां अने 204 पुष्कराईनां मली अढीछोपमा 510 तार्थ है. 25 पंदरमे बोले खमनी संख्या कहे:-तिहां पांच नरत, पांच ऐरवत, अने पंच महाविदेहने बत्रीश विजये गणतां एकशोने शाठ थानक थाय तेनी साये पूर्वोक्त पांव चरत ने पांच ऐरवतनां दश स्थानक मेलवतां 170 थानक अढीछीपमां थाय ते प्रत्येक थानकमा उ उ खंड तेबारे एकसो सीतेरने आए गुणतां 1020 खंम थया तेमां जंबूमां 204 धातकीमा 407 अने पुष्कराईमा 407 जाणवा.

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 256