Book Title: Acharya Shantisagar Janma Shatabdi Mahotsav Smruti Granth Author(s): Jinwani Jirnoddharak Sanstha Faltan Publisher: Jinwani Jirnoddharak Sanstha Faltan View full book textPage 8
________________ अनुक्रमणिका - - प्रथम भाग : अहवाल, चरित्र, स्मृति आदि १ से १७६ १. जिनवाणी जीर्णोद्धारक संस्था का पच्चीस साल का अहवाल २. आचार्यश्री का जीवनपरिचय प्रा. सुभाषचंद्र अक्कोळे श्रद्धा के सुमन : पृष्ठ ४९ से ८४ ३. विचारवंतों के दृष्टि में ४. श्रद्धाञ्जलि ५. काव्य स्मृति-मंजूषा : ८५ से १७६ ६. इंग्रजी ७. हिंदी ८. मराठी १२१ दूसरा भाग : दिगम्बर जैन साहित्य परिचय और परिशीलन १ से ३६८ १. शास्त्र का अर्थ करने की पद्धति और चार अनुयोग पं. टोडरमलजी २. पंचास्तिकाय समयसार श्री. पं. जगन्मोहनलालजी शास्त्री ३. श्रीसमयसार पं. धन्यकुमार भोरे ४. तत्त्वार्थसूत्र और उसकी टीकाएं पं. फुलचंदजी शास्त्री ५. प्रवचनसार पं. धन्यकुमार भोरे ६. मूलाचार का अनुशीलन पं. कैलाशचन्दजी शास्त्री ७. समंतभद्र-भारती श्री. पं. परमानन्द जैन शास्त्री ८. श्रीधवलसिद्धान्त ग्रंथराज श्री. रतनलालजी मुख्यार १०० ९. कसायपाहुड-सुत्त अर्थात् जयधवल सिद्धांत पं. हिरालालजी सिद्धान्तशास्त्री १०. महाबन्ध पं. फुलचन्दजी शास्त्री १२६ १ ८६ ११३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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