Book Title: Acharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Author(s): Uttamchand Jain
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 542
________________ सन्दर्भ ग्रन्थ सूची ... . पाण्डुलिपियाँ (हस्तलिखित) :१. पञ्चास्तिकाय - समयसार : (पद्यानुवादक-पं. हीरानन्द) रचनाकाल ६५४३ १. लिपिकाले १८३६. ई., व जैन मन्दिर, प्रादर्श नगर, जयपुर। २ पुरुषार्थ सिद्ध युपाय : पं. टोडरमल कृत टीका, रचनाकाल १७७० ई लिपिकाल १५८६ ई, लिपिकार-फतेराम व्यास, थी पाश्र्वनाथ दि. जैन बड़ा मन्दिर, हनुमानताल, जबलपुर। ३. परुषार्थ सिद्ध युपाय :पं. भूधर मिथ कृत टीका. रचनाकाल १८१४ ई., लिपिकाल १८७२ ई., लिपिकार-पंजवार चौबे चंदेरी, श्री दि. जैन मन्दिर चौक-भोपाल । ४. पुरुषार्थ सिद्ध युपाय : पं भूधर मिश्र कृत टीका, ग्चनाकाल १८१४ ई. लिपिकाल..., श्री पार्श्वनाथ दि. जन बड़ा मन्दिर हनुमानताल, जबलपुर। ५. प्रवचनसार भाषा टोका : पं जोधराज गोदिका. रचनाकाल, १६८९ ई., लिपिकाल १६७२ ई., दि जैन तेरहपंथी बदा मदिर, जयपुर । ६. प्रवचनसार भाषा टीका : पं. देवीदास, रचनाकाल १७६७ ई, लिपिकाल १७७१ ई , दि. जैन तेरहपंथी बड़ा मन्दिर, जयपुर। ७. प्रवचनसार सटीक : आचार्य अमृतचन्द्र कृत, लिपिकाल. १७३६ ई. दि. जैन तेरहपंथी बड़ा मन्दिर, जयपुर। समयसार - प्रात्मख्याति कलश टीका : याचार्य अमृतचन्द्र कृत, लिपिकाल, १३८६ ई , योगिनीपुर (दिल्ली) में प्रतिलिपि की गई, दि. जैन तेरह पंथी बड़ा मन्दिर, जयपुर। १. समयसार - प्रात्मल्याति कलश टीका : प्राचार्य अमृत चन्द्र कृत, लिपिकाल १६६५ ई., संग्रामपुर में लिपि की गई, दि. जै. ब. मं. जयपुर। १०. समयसार कलश टीका : प्राचार्य अमृत चन्द्र कृत, कपड़े पर, लिपि सन् १६११ ई., दि. जे. ते. ब. मं., जयपुर ।

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