Book Title: Aapt Mimansa
Author(s): Lalaram Digambariya Jain
Publisher: Jain Granthratna Karyalay
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जैनग्रन्थरत्नाकरस्थं
ॐ श्री वीतरागायनमः
ॐ
चतुर्थ रत्नम्.
या
श्रीविद्यानन्दस्वामिना विरचिता ___ आप्तपरीक्षा. ---
- श्रीयुतलालारामदिगम्बरीयजैनेन
संशोधिता
सेयम् मुम्बयीस्थ-जैनग्रन्थरत्नाकरकार्यालयस्याधिपतिना कर्णाटकयन्त्रालये मुद्रयित्वा
प्रकाशिता.
प्रथमावृतिः
वीरसम्बत् २४३०, ईस्वी सन १९०४. मूल्यं
आणकद्वयम्.

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