Book Title: Aagam 38 B PANCHKALP Bhashya ev
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 18
________________ आगम (३८/२) प्रत सूत्रांक [०६४९] दीप अनुक्रम [०६४९ ] “पंचकल्प” छेदसूत्र -५/२ ( भाष्य ) आयं [०६४९] ...आगमसूत्र [ ३८ / २ ], छेदसूत्र [५/२] “पंचकल्प" संघदासगणिक्षमाश्रमण रचितं भाष्यं - palest - - मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित ...... माणे पीको बालसतह मज्झे सेयन्ती अतियारविवजितो विहरे ॥९॥ इतरो जातिमदेणं अविणयमादीणि अविगत्ताणं भोहीयनं बंधिन्तु गतो तु दियलोयं ॥ ६५० ॥ कोसंबी व इमो सेड्डी णामेव नायसो णामं मरिऊण सूबरोरग जातो पुतरस पुतो तु ॥ १ ॥ जातो जाति सरंतो विचितती किष्णु सुन्ह अम्मति । पुत्तोऽथिय बी भणामि मूयन्त वरं मे ॥ २ ॥ मरुदेवो तिथकर पुच्छति कि सुलभभबोही ऽहं भणितो दुइभमोही जं सी गुरुपरिभवकणं ॥ ३ ॥ कह बुज्झेनामिति य? भणिती कोसंविगमातृए। उहिसी महियं मृगा अनुचितो पोहो ॥ ४ ॥ ताहे आतूर्ण साहू समायति (गाति) भगति सो देवो अगं पण तो तुझं मातृएं उदरम्मि ॥ ५ ॥ उपजी इरा होति बेला किच्छप्पाणा व होहिति तु ॥ ६॥ अहंगं गिरिणीतंबे सोत्य अंबर्ग करेहामि अंबाल जसि दे अंबे देह जदि गम् ॥ ७ ॥ अग्भुवगते ससपर अंबे देखासि बाला साहूणं चल पांडेलाही अभिषि ॥८॥ किं बहुना ? तह कुजा जहऽहं साहुतणे दटो होमि संबोहिकाओ मत अने चो तु ॥९॥ मृगेण अनुमति देवी गमिण सायं पत्तो पऊन उपवनो कुच्छीए मृगमाऊ ॥ ६६० ॥ अंगडोल जाते तिमि देहहाणीए अहम्णपरिजणाणं मृगो लिनक्राणिणमा ॥ १ ॥ जदि देह मेयर ज्यं तो अंगाणि आणेमि देमित्ति अम्भुवगते ससक्समाणेति अंबाई ॥ २ ॥ तो पुष्णडोहलाए जातो दिष्णो यता से तम् उत्तणसाय में जतियो पादे पाडेति ॥ ३ ॥ अतिविस्तरं परोच्छी जाहेदिय पाहिजो उ पादेसु मुहचलणेस जतीणं मृगेणतो तु मेच्छीया ॥४॥ तुंगीवाएं तओ मृगे पाओ वे बहुपतित निक्तीगतो व दिवलो ॥४५॥ ओहीए व सुविमादिमु मोहिओ जति बुझे ताहे करेति रोगी देषोऽपि य ज ॥ ६ ॥ जदि सत्यको ममनि मए याचि जदि समं एसो तो पीरोगु करेमी पविष्णों कतो व नीरोगो ॥ ७॥ पेतॄण तं पयाओ गुरुगं से सत्यको दाये तं वमारगुरुगं बेती ण तरामि बोजे ॥ ८ ॥ सेति साधु निजदिक्सिमाहितो तेहिं मुंचामि विमुंचमि य रोगा परिवण तो मुको ॥ ९॥ क्खिते तो सम्मी देवोनि ततो तु साल पत्नी कालेषुप्पवतुं परं संपड़ितो अह सो ॥ ६७० ॥ देषेण पायतो दिट्टो विगुरुणि तो अवि कार्ड मणुस्सरूवं जह अडविं पट्टितो तत्तो ॥ १॥ सवति ततो दुबोही कि इच्छसि अप्प विनासेतु ? | जादेिव ततो णु पचाह ॥ २ ॥ तं पुण विजाणमाणो नरगादीदुक्लकिलेस तु किं पितुं तत्तो पुणरवि दुक्लाविमतीसि ॥ ३ ॥ अगणित तं व सपरं अ जगतो तो सो तु रोगाणं साहरणं भू विजागमो दिवखा ॥ ४ ॥ काले केगइ पुणो लिंग मोनू पहिलो सहिं देवेण पुणो दिट्ठो नामपलिततरा कुणति ॥ ५॥ पुणरवि मरूपी भारेण तु विसति तं गामं द वे पुराणो किं इच्छसि अप्पणो णासं? ॥ ६ ॥ जं तणभारेण तुमं विससि पलितं ततो वे देवो एवं तुमं जाणतो जस्मरणपलित संसारं ॥ ७॥ पचिसंतिष्ठसि णासं मुंचसि जं दुक्खलदियं दिवं अगणितो वचति परं गतस्स रोगं पुणो कुणति ॥ ८॥ पुणरवि तब दिवसा उप्पर व सरसम्म संपड़िए बीए तर परडिमं ॥ ९ ॥ कातुं अवण देवो अतिमहितो तु पटति हेइमुहो। पुणरवि समुपेतुं न्हवियचिज सो पुणी पडिती ॥ ६८० ॥ एवं पुणो पुगोचिप अभियमहि तो बस जाहे लवति ततो दुबोही कि पराठासो ॥१॥ देवाह जहासि तुमं वरठाणेच विओऽविण रमेसि पत्र मोतु परगावठाणं पुणवि अभिलसि ॥२॥ लवत पुराणों को तुम? देवो इसेति मृगरू से देवतं पुत्रभवं संगारे चाचि संभारे ॥ ३ ॥ तो संभरितुं जाति संवेगमुचागतो भणति देवं इच्छामो अणुस जातो' घिरी संजमे ताहे ॥ ४ ॥ रोगिणिय एस दिवसा अगाडिया रामकहपुत्रभवो उदायणसंयोही पभावती देवसम्मती ॥ ५ ॥ वच्छऽणुबंधी मणको कणाएँ अजणिओ तु केणइवि पुत्तो जायत जो तू सो होती अजणकरणी ॥६॥ वादविणिक्ता तु भानुर्भदाई अगद रायमुतो तू मिसाएं लोयऽप्पणी कुणति ॥ ७ ॥ उद्देहामि पभाते चाहो काल पडिय तीए पोल पेदागमणं जयति ते वाले ॥ ८ ॥ वीसरिया ते तस् य सिरोहा सम्म चेष ठाणम्मि तत्व य पचित्तिणी उ अहागता गाम गंतुमणा ॥ ९॥ अह ती रायदु हिया दिसा से अह तंसि उबविट्ट वरि तीए व मोउ सहसमोगादं ॥ ६९० ॥ लए सहनुं सिं जे सुकपुग्गलाइ गुज्झम्मि सनिवेसिय अह सुकं जोगिमगाट ॥ १ ॥ तो गम्मी आत अह पोहं यदि पयतं च मुनिया व सुविहिचाहिं पुडा देती तु गवि जाये ॥२॥ अतिसयमाणी बेरा व पुच्छिता तेहिं सिह जपते होही जुगपहाणी रक्त गं अप्पमादेगं ॥ ३ ॥ जम्म सकुले सहितो गोण्णणाम करा केसी एसा तु अजणकरणी पडला होति णायवा ॥ ४ ॥ बहुजणसंमुतियाए णिक्खमणं होति जंणामस्स। अक्लायाए जंबू धम्मं अक्त्यादि पभवस्स ॥ ५ ॥ संगार महिणाने सत्त शिवा कासि जह तु संगारं वेधाकरणे सोमिल पुच्छा जह बाकरे भगवं ॥ ६ ॥ सयबुद्धा तित्थगरा सोलसहा एस होति पाण्डापरिमुदग्मितु अवगत होत परजा ॥ ७॥ गोयरमचित्तमोषणसज्झायमव्हाणभूमिसिजाती अम्भुवनयम्मि दिखा रवादी सत्थे ॥८॥ सम्मादिसु 1 1 मुनि दीपनगर ~ 17 ~ -

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