Book Title: Aadhyatmik Vikas Yatra Part 02
Author(s): Arunvijay
Publisher: Vasupujyaswami Jain SMP Sangh

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Page 4
________________ उपकारीओं के उपकार का स्मरण... समग्र विश्व में.. अजोड.. एवं अद्वितीय..महान उपकारी.. ऐसे जिनेश्वर परमात्मा के शासन में...जैन धर्म में... उच्च जैन कुल में...जिन्होंने जन्म दिया... उच्च संस्कारों से सिंचन किया... ऐसे...जन्मदाता.... जननी... जनक... १२ व्रतधारी तपस्विनीं सुश्राविका... श्रीमति शान्तिदेवी गुलाबचन्दजी जैन तथा... भवोदधि तारक... सम्यग् दर्शन-ज्ञान-चारित्र... भगवती प्रवृज्या देकर आत्मा को मोक्षमार्ग के सोपानों पर आरुढ करनेवाले.... ___प. पू. गच्छाधिपति आचार्य देव श्रीमद्विजय प्रेमसूरीश्वरजी महाराज सा. . के वडील बंधु एवं गुरु बंधु प. पू.आचार्यदेव श्रीमद्विजय सुबोधसूरीश्वरजी म.सा. उभय उपकारीओं की उपकार स्मृति करते हुए पूज्यों के चरणारविंद में... सादर समर्पण... - अरुणविजय NEE A

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