Book Title: Aadhyatmik Vikas Yatra Part 02
Author(s): Arunvijay
Publisher: Vasupujyaswami Jain SMP Sangh

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Page 16
________________ जैन श्रमण संघ के डबल M.A. Ph.D हुए सुप्रसिद्ध विद्वान प.पू.पंन्यास प्रवर डॉ. श्री अरुणविजयजी गणिवर्य महाराज सा. की प्रेरणा, सदुपदेश एवं मार्गदर्शनानुसार संस्थापित संस्था - श्री महावीर जैन साधर्मिक कल्याण केन्द्र __Registor trust No. E-28001, PUNE - Date 29-1-1999 . जैन शास्त्रों में साधर्मिक भक्ति की महिमा अत्यधिक गाई गई है। बात भी सही है कि...हमने जो जैन धर्म महान पुण्योदय से प्राप्त किया है, वही धर्म यदि कोई भी पाया है और आराधना करता है। लेकिन अन्य अशुभ पाप कर्मों के उदय से वर्तमान काल में आर्थिक स्थिति से कमजोर है। जिसके कारण अनेक कार्य इच्छा होने पर भी वह कर नहीं पाता है। ऐसी स्थिति में हमारा सबका पवित्र कर्तव्य है कि.. ऐसे साधर्मिक परिवारों को सहयोगी बनना और उन्हें उपर उठाना। इसी उद्देश्य से तथा ऊंची भावना से पुना, मुंबई, चेन्नई, बेंगलोरादि में पू. गुरुदेव श्री पं. अरुणविजयजी म. की प्रेरणानुसार इस संस्था की स्थापना की गई। इस संस्था की तरफ से. १)साधर्मिक परिवारों को व्यापारार्थ बड़ी रकम का आर्थिक सहयोग बिना व्याज दिया जाता है। २) साधर्मिक परिवारों को शैक्षणिक सहयोग दिया जाता हैं। ३) साधर्मिकों की चिकित्सा हेतु वैद्यकीय आर्थिक सहयोग देकर उपचार कराया जाता है। ४) अक्षम साधर्मिक परिवारों को अनाज-धान्यादि दिया जाता है। ५) वृद्धावस्था में अशक्त परिवारों को सब प्रकार का सहयोग दिया जाता है। ६) युवक/युवतीयों को कॉर्ष कराने में पूर्ण सहयोग किया जाता है। ७) सुशिक्षितों को योग्य प्रतिष्ठानों में नोकरी रखाने आदि में सहयोग दिया जाता है। ८) साधर्मिकों को स्वावलंबी बनाने में आवश्कतानुसार पूर्ण सहयोग दिया जाता है। श्री महावीर जैन साधर्मिक नगर :- इस संस्था ने वीरालयम् जैन तीर्थ परिसर में गुंदोज निवासी श्रेष्ठीवर्य श्रीमान् शा. गुलाबचंदजी पद्माजी गुंदेशा परिवार द्वारा भेट दी गई भूमि पर १० दुकानों तथा २८ घरों का एक सुंदर साधर्मिक नगर निर्माण किया है। आवश्यकता वाले साधर्मिक परिवारों को रहने के लिए एक-एक घर एक नया पैसा लिए बिना दिया जाता है। आज भी कई परिवार नियमित रहते हैं। हमारी भावना आगे १०८ घर बनाने की है। दान योजना :- दानवीर दाता भाग्यशाली सिर्फ १,५१,१११/- रुपये की राशी का आर्थिक सहयोग देने पर संस्था घर बनाकर दाता के नाम की आरस की तक्ति लगाएगी। दाता को भी स्व इच्छानुसार किसी भी साधर्मिक परिवार को देने का अधिकार रहेगा। ___ इसके अतिरिक्त 51,111/-, 31,111/-, 21,111/-,11,111/-,9999/-, 5,555/उपरोक्त योजनाओं में भी दाता दान देकर संस्था को सहयोग कर सकते हैं। चेक/ड्राफ्ट या कैश रुपमें राशी दे सकते हैं।' - कार्यालय - | वीरालयम् जैन तीर्थ वीरालयम् जैन तीर्थ । N.H.4. कात्रज बाय पास, मुंबई-पुणे,आंबेगाव (खुर्द) A-३ ज्ञात विक्रान्त.१७- Bपोहार स्टीट, जांभुलबाडी, पुना - 411046 एस.वी.रोड सान्ताक्रुज(प.), मुंबई - ५४ 24319057/2431787419326230914 Ph.No. 26136850/26136834

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