Book Title: Agam 12 Uvvaeam Padhamam Uvvangsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
Catalog link: https://jainqq.org/explore/003723/1

JAIN EDUCATION INTERNATIONAL FOR PRIVATE AND PERSONAL USE ONLY
Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पू. आनंद- क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः Date : // 2012 १२ उववाइयं-पढमं उवंगसुत्तं मुनि दीपरत्नसागर Jain Aagam Online Series- 12 Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गंथाणक्कमो कमको विसय कर्मको पिढेको विसय सुत्तं सुत्तं गाहा अणुक्कमो पिड्को गाहा समोसरणं ०१-३७ ०१-०५ ०१-४३ ०२ उववाइयं ३८-४३ ०६-३० ४४-७७ २२ दीपरत्नसागर संशोधितः] [१२-उववाइय] Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बालब्रह्मचारी श्री नेमिनाथाय नमः नमो नमो निम्मलदसणस्स ॐ ह्रीं नमो पवयणस्स १२ उववाइयं-पढम [१] तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नामं नयरी-होत्था-रिद्ध-त्थिमिय-समिद्धा पमुइय-जणजाणवया आइण्ण-जण-मणूसा हल-सयसहस्स-संकि-विकिट्ठ-लट्ठ-पन्नत्त-सेउसीमा कुक्कुडुसंडेय-गाम-पउरा उच्छु-जव-सालिकलिया गो-महिस-गवेलगप्पभूया आयारवंत-चेइय-जुवइ-विविसण्णिविट्ठबहुला उक्कोडियगायगंढिभेय-भड-तक्कर-खंडरक्खरहिया खेमा निरुवद्दवा सुभिक्खा वीसत्थसुहावासा अणेगकोडि कोडंबियाइण्ण-निव्वयसहा नड-नट्टग-जल्ल-मल्ल-मुट्ठिय-वेलंबग-कहग-कवग-लासगआइक्खग-लंख-मखतूणइल्ल-तुंबवीणियअणेगतालायराणुचरिया आरामुज्जाण-अगड-तलाग-दीहिय-वप्पिणि गुणोववेया नंदनवन सन्निभपगासा..... __उव्विद्ध-विउल-गंभीर-खायफलिहा चक्क-गय-मुसुंढि-ओरोहे-सयग्धि-जमलकवाड-धणदुप्पवेसा धणुकुडिलवंकपागार-परिक्खित्ता कविसीसगवट्टरइय-संठियविरायमाणा अट्टालय-चरिय-दार-गोपुर-तोरणउण्णय-सुविभत्तराय-मग्गा छेयायरिय-रइय-दढफलिह-इंदकीला।...... विवणि-वणियछित्त-सिप्पियाइण्ण-निव्वुयसुहा सिंघा-डग-तिग-चउक्क-चच्चर-पणियावणविविहवत्थुपरिमंडिया सुरम्मा नरवइ-पविइण्ण-महिव-इपहा अनेगरवरतुरग-मत्तंकंजर-रहपहकर-सीयसंदमाणियाइण्ण-जाण-जुग्गा विमलउ-नवण-लिणि-सोभियजला पंडुरवर-भवण-सण्णिमहिया उत्ताणगनयणपेच्छणिज्जा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा । [२] तीसे णं चंपाए नयरीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए पुन्नभद्दे नामं चेहए होत्था; चिराईए पुव्वपुरिस-पन्नत्ते पोराणे सद्दिए कित्तिए नाए सच्छत्ते सज्झए सघंटे सपडागाइपडागमंडिए सलोमहत्थे कयवेयदिए लाउल्लोइय-महिए गोसीससरसरत्तचंदण-दद्दर-दिण्णपंचंगुलितले उवचि-यवंदणकलसे वंदणघड-सुकय-तोरण-पडिदुवारदेसभाए आसत्तोसत्त-विउल-वट्ट-वग्धारिय-मल्ल-दामकलावे | पंचवण्ण-सरससुरभि-मुक्क-पुप्फपुंजोवयारकलिए कालागुरु-पवरकुंदुरुक्क-तुरक्कधूव-मघमघेत-गंधुघुयाभिरामे सुगंधवरगंधगंधिए गंधवट्टिभूए नड-नट्टग-जल्ल-मलल-मुट्ठिय-वेलंबग-पवग-कहगलासग-आइक्खग-लंख-मंख-तूणइल्ल-तुंबवीणिय-फुयग-मागह-परिगए | बहजण-जाणवयस्स विस्सयकित्तिए बहजणस्स आहस्स आहणिज्जे पाहणिज्जे अच्चणिज्जे वंदणिज्जे नमंसणिज्जे पयणिज्जे सक्कारणिज्जे सम्माणणिज्जे कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं विणएणं पज्जुवासणिज्जे दिव्वे सच्चे सच्चोवाए सण्णिहियपाडिहरे जाग-सहस्सभाग-पडिच्छए बहुजणो अच्चेइ आगम्म पुन्नभदं चेइयं पुन्नभई चेइयं । [३] से णं पुन्नभद्दे चेइय एक्केणं महया वससंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, से णं वणसंडे किण्हे किण्होभासे नीले नीलोभासे हरिय हरिओभासे सीए सीओभासे निद्धे निरोभासे तिव्वे तिव्वोभासे किण्हे किण्हच्छाए नीले नीलच्छाए हरिए हरियच्छाए सीए सीयच्छाए निद्धे निद्धच्चाए तिव्वे तिव्वच्छाए, घणकडियकडच्छाए रम्मे महामेह ते णं पायवे मूलमंते कंदमते खंधमते तयामंते सालमंते पवालमंते पत्तमंते पप्फमंते फल [दीपरत्नसागर संशोधितः] [2] [१२-उववाइयं] Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूत्तं-३ मंते बीयमंते, अनुपुव्व-सुजाय-रुइल-वट्टभावपरिणए एक्कखंधी अनेगसाला अणेगसाह-प्पसाह - विडिमे अनेगनरवाम-सुप्पसारिय-अगेज्झ-धण- विउल-बद्ध वट्ट खंधे अच्छिद्दपत्ते अविरलपत्ते अवाईणपत्ते अणईइपत्ते निद्धूय-जरढ-पंडुपत्त-नवहरिय-भिसंत-पत्तभारंधयार-गंभीरदरिसणिज्जे उवणिग्गय-नव-तरुणपत्त-पल्लव-कोमलउज्जलचलंतकिसलयसुकुमालपवाल - सोहियवरंकुरग्गसिहरे निच्चं कुसुमिए निच्चं माइ निच्चं लवइए निच्चं थवइए निचं गुलइए निच्चं गोच्छिए निच्चं जमलिए निच्चं जुवालिए निच विणमिए निच्चं पणमिए निच्चं कुसुमिय- माझ्य- लवड्य-थवइय-गुलइय-गोच्छिय- जमलिय- जुवलियविणमिय-पणमिय-सुविभत्त-पिंडि-मंजरि - वडेंसगधरे । सुय-बरहिण-मयणसाल-कोइल-कोहंगक- भिंगारग - कोंडलग जीवंजीवग- नंदिमुह-कविल-पिंगलक्खग-कारंडक-चक्कवाय कलहंस-सारस- अणेगसउणगण-मिहुणविरइयसद्दण्णइय महुरसरणाइ सुरम् सपिंडियदरिय भमरमहुयरिपहकरपरिलिंतमत्त छप्पय कसुमासवलोल - महुरगुमगु-मंतगुंजंतदेसभाए अब्भिंतरपुप्फफले बाहिर-पत्तोच्छण्णे पत्तेहि य पुप्फेहि य ओच्छन्न-पलिच्छन्ने साउफले निरोयए अकंट नानाविह-गुच्छ-गुम्म-मंडवगसोहि वावी - पुक्खरिणी - दीहियासु य सुनिवेसियरम्मजालंहरए पिंडिमं - नीहारमं सुगंधि सुह-सुरभि-मणहरं च महया गंधद्धणिं मुयंते नानाविहगुच्छगुम्ममंडवगरधरग-सुहसेउकेउबहुले अणेगरह-जाण-जुग्ग-सिविय - पविमोयणे सुरम्मे पासादीए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे । [४] तस्स णं वणसंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एक्के असोगवरपायवे पन्नत्तेकुस-विकुस-विसुद्ध-रुक्खमूले मूलमंते कंदमंते जाव- पविमोयणे सुरम्मे पासादीए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडवे । से णं असोगवरपायवे अन्नेहिं बहूहिं तिलएहिं लउएहिं छत्तोवेहिं सिरीसेहिं सत्तिवण्णेहिं दहिवण्णेहिं लोद्धेहिं धवेहिं चंदणेहिं अज्जुणेंहि नीवेहिं कुडएहिं कलंबेहिं फणसेहिं दाडिमेहिं सालेहिं ताहिं तमालेहिं पियएहिं पियंगूहिं पुरोवगेहिं रायरुक्खेहिं दिरुक्खेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते ते णं तिलया लउया जाव नंदिरुक्खा कुसविकुस - विसुद्ध रुक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो जाव - सिविय - पविमोयणा सुरम्मा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा, ते णं तिलया लउया जाव नंदिरुक्खा अण्णाहिं बहूहिं पउमलयाहिं नाणलयाहिं असोगलयाहिं पंचगलयाहिं चूयलयाहिं वणलयाहिं वासंतियलयाहिं अइमुत्तयलयाहिं कुंदलयाहिं सामलयाहिं सव्वो समंता संपरिक्खित्ता ताओ णं पउमलयाओ जाव सामलयाओ निच्चं कुसुमियाओ जाव वडेंसगधराओ पासादीयाओ दरिसणिज्जाओ अभिरुवाओ पडिरूवाओ । [५] तस्स णं असोगवरपायवस्स उवरिं बहवे अट्ठ अट्ठ मंगलगा पन्नत्ता तं जहासोवत्थिय- सिरिवच्छ- नंदियावत्त- वद्धमाणग-भद्दासण- कलस-मच्छ-दप्पणा सव्वरयणामया अच्छा सा लण्हा घट्ठा मट्ठा नीरया निम्मला निप्पंका निक्कंकडच्छाया सप्पहा समीरिया सउज्जोया पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा । तस्स णं असोगवरपायवस्स उवरिं बहवे किण्हचामरज्झया नीलचाम- रज्झया लोहियचामरज्झया हालिद्दचामरज्झया सुक्किलचामरज्झया अच्छा सण्हा रुप्पपट्टा वइरदंडा जलयामलगंधिया सुरम्मा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरुवा । [दीपरत्नसागर संशोधितः ] [3] [१२-उववाइयं] Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तस्स णं असोगवरपायवस्स उवरिं बहवे छत्ताइछत्ता पडागाइपडागा घंटाजुयला चामरजुयला उप्पल-हत्थगा पउमहत्थाग कुमुयहत्थगा नलिण-हत्थगा सुभगहत्थगा सोगंधियहत्थगा पुंडरीयहत्थगा सूत्तं-५ महापुंडरीयहत्थगा सयपत्तहत्थगा सहस्सपत्तहत्थगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा | तस्स णं असोगवरपायवस्स हेट्ठा ईसिं खंध-समल्लीणे एत्थ णं महं एक्के पढविसिला-पट्टए पन्नत्ते-विक्खं-भायाम-उस्सेह-सुपप्माणे किण्हे अंजणग-वाम-कुवलय-हलधरको-सेज्जागास-केस-कज्जलंगी खंजण-सिंगभेद-रिट्ठय-जंबूफल-असणग-सणबंधमणीलप्पलपत्तनिकर-अयसिक-मुमप्पगासे मरगय-मसारकलित्त-नयणकीयरासिवण्णे निद्धधणे अट्ठसिरे आयंसय-तलोवमे सुरम्मे ईहामिय -उसभ-तुरग-नर-मगरविहग-वालग-किन्नर-रुरु-सरभ-चमर-कुंजर-वणलय-पउमलयभत्ति-चित्ते आइणग-रूय-बूर-नवणीयतूलफासे सीहासणसंठिए पासादीए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे । [६] तत्थ णं चंपाए नयरीए कूणिए नामं राया परिवसइ-महयाहिमवंत-महंत-मलय-मंदरमहिंदसारे अच्चविसुद्ध-दीहराय-कुल-वंस-सुप्पसूए निरंतरं रायलक्खण-विराइयंगमंगे बहुजण-बमाण-पूइए सव्वगुण-समिद्धे खत्तिए मुइए मुद्धहिसित्ते माउपिउ-सुजाए दयपत्ते सीमंकरे सीमंधरे खेमंकरे खेमंधरे मणुस्सिंदे जणवयपिया जणवयपाले जवयपुरोहिए सेउकरे केउकरे नरपवरे पुरिसवरे पुरिससीहे पुरिसवग्धे पुरिसासीविसे पुरिसपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अड्ढे दित्ते वित्ते विच्छिण्म-विउल-भवम-सयणासण-जाणवाहणाइण्णे बहुधणबहुजायरूवरयए आओग-पओग-संपउत्ते विच्छड्डिय-पउर-भत्तपाणे बहुदासी-दास-गोमहिस-गवेलगप्पभूए पडिपुन्न-जंत-कोसकोढगाराउधागारे बलवं दुब्बलपच्चामित्ते ओहयकंटयं निहयकंटयं मलियकंटयं उद्धियकंटयं अकंटयं ओहयसत्तुं निहयसत्तुं मलियसत्तुं उद्धियसत्तुं निज्जियसत्तु पराइयसत्तुं ववगयदुभिक्खं मारि-भय-विप्पमुक्कं खेमं सिवं सुभिक्खं पसंत-डिंब-डमरं रज्जं पसासेमाणे विहरइ । [७] तस्स णं कोणियस्स रण्णो धारिणी नामं देवी होत्था-सुकुमाल-पाणिपाया अहीणपडिपुन्न-पंचिंदियसरीरा लक्खण-वंजण-गुणोववेया माणुम्माणप्पमाण-पडिपुन्न-सुजाय-सववंगसुं-दरंगी ससिसोमाकार-कंत-पिय-दंसणा सुरूवा करयल-परिमिय-पसत्थ-तिवली-वलिय-मज्झा कुंडलुल्लिहिय-गंडलेहा कोमुइ-रयणियर-विमल-पडिपन्न-सोम-वयणा सिंगारागार-चारुवेसा संगय-गय-हसिय-भणिय-विहिय-चिट्ठिय विलास-सललिय-संलाव-निउण-जुत्तोवयार-सुला सुंदरथण-जघण-वयण-कर-चरणनयणलावण्ण-विलासकलिया पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा कोणिएण रण्णा भिंभसारपुत्तेणं सद्धिं अनुरत्ता अविरत्ता इट्टे सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोए पच्चणुभवमाणी विहरइ । [८] तस्स कोणियस्स रण्णो एक्के पुरिसे विउल-कय-वित्तिए भगवओ पवित्तिवाउए भगवओ तद्देवसियं पवित्तिं निवेदेड तस्स णं परिसस्स बहवे अन्ने परिसा दिण्ण-भति-भत्त-वेयणा भगवओ पवित्तिवाउया भगवओ तद्देवसियं पवितिं निवेदेति । __ [९] तेणं कालेणं तेणं समएणं कोणिए राया भिंभसारपुत्ते बाहिरियाए उवट्ठाणसालाए अनेगगणनायग-दंडनायग-राईसर-तलवर-माडंबिय-कोडुबिय-मंति-महामंति-गणग-दोवारिय अमच्च-चेडपीढमद्द-नगर निगम-सेट्ठि-सेणावइ-सत्थवाह-दूय-संधिवाल-सद्धिं संपरिवुडे विहरइ । [१०] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे सहसंबुद्धे पुरिसोत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए जीवदए [दीपरत्नसागर संशोधितः] [१२-उववाइयं] [4] Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी अप्पडिहयवरनाणदंसणधरे वियदृछउमे जिणे जाणए तिण्णे तारए मुत्ते मोयए बुद्धे बोहए सव्वन्नू सव्वदरिसी सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबहमपुनरावत्तगं सिद्धि-गइनामधेज्जं ठाणं संपाविउकामे अरहा जिणे केवली सत्तहत्थूस्सेहे समचउरंस संठाण संठिए वज्जस्सिह सूत्तं-१० नाराय संघयणे अनुलोम वाउवेगे ककग्गहणी कवोय परिणामे सउणि पोस पिटुंतरोरु परिणए | पउमुप्पल गंधसरिस निस्सास सुरभिवयणे छवी निरायंक उत्तम पसत्य अइसेय निरुवमपले जल्ल मल्ल कलंक सेयरयदोसवज्जिय सरीर निरुवलेवे छाया उज्जोइ अंगमंगे घणनिचियसुबद्ध लवखणुण्णय कूडागार निभपिंडिअग्गसिरए सामलि बोंडयण निचियच्छोडियतिउ विसय पसत्थसुहुम लक्खण सुगंध सुंदर भुयमोयग-भिंग-नेल-कज्जल-पहट्ठभमरगण-निद्ध-निकुरुंब-निचिय-कुंचियपयाहि-णावत्त-मुद्धसिरए दालिमपुप्फप्प-गास-तवणिज्जसरिस-निम्मल-सुणिद्ध-केसंत-केसभूमी घण-निचियछत्ता-गारुत्तिमंगदेसे निव्वण-सम-लट्ठमट्ठ-चंदद्धसम-निडाले उडुवइपडिपुन्न-सोमवयणे अल्लीणपमाणजुत्तसवणे सुस्सवणे पीण-मंसल-कवोलदेसभाए आणामिय-चावरु-इल-किण्हब्भराइ तणु-कसिण-निद्धमुहे अवदालिय-पुडंरीयनयणे कोयासिय-धवल-पत्तलच्छे गरुलायत-उज्जु-तुंग-नासे ओयविय-सिल-प्पवालबंबफल-सण्णि-भारहोढे पंडुरससियल-विमलनिम्मलसंख-गोक्खीर-फेण-कंद-दगरयमणालिया-धवलदंतसेढी अखंडदंते अप्फुडियदंते अविरदंते सुणिद्धदंते सुजायदंते एगदंतसेढी विव अणेगदंते हुयवहणिद्धंत-धोय-तत्ततवणिज्ज-रत्ततलतालुजीहे...... अवट्ठिय सुविबत्त-चित्तमंसू मंसलसंठिय-पसत्थ-सद्दूल-विउलहणुए चउरंगुल-सुप्पमाणकंबुवर-सरि-सगीवे वरमहिस-वराह-सीह-सद्दूल-उसभ-नागवर-पडिपुन्ननविलक्खंधे जुगसन्निभ-पीण-रइयपीवर-पउट्ठसंठिय-सुसिलिट्ठ-विसिट्ठ-धण-थिर-सुबद्ध-संधि-पुरवर-फलि-एह-वट्टियभुए भुयगीसर-विउल-भोगआयाण-पलिहउच्छूढ-दीहबाहू रत्ततलोवइय-मध्य-मंसल-सुजाय-लक्खणपसत्थ-अच्छिद्दजालपाणी पीवरकोमलवरंगुली आयंब-तंब-तलिण-सुइ-रूइल-निद्धणखे चंदपाणिलेहे सूरपाणिलेहे संखपाणिलेहे चक्कपाणिलेहे दिसासोत्थियपाणिलेहे चंद-सूर-संख-चक्क-दिसा-सोत्थियपाणिलेहे कणग-सिलायलुज्जल-पसत्त-समतलउवचिय-विच्छिण्ण-पिहलवच्छे सिरिवच्छंकिय-वच्छे अकरंडुय-कणग-रुयय-निम्मल-सुजाय-निरुवहयदेह-धारी अट्ठसहस्स पडिपुण्ण वरपुरिस लक्खणधरे सण्णयपासे संगयपासे सुंदरपासे सुजायपासे मियमाइय-पीणरइय-पासे उज्जुय-सम-सहिय-जच्च-तणु-कसिण-निद्ध-आइज्झ-लडह-रमणिज्जरोमराई झस-विहग-सुजायपीण-कुच्छी ....... झसोयरे सुइकरणे पउमवियडनाभे गंगावत्तग-पयाहिणावत्त-तरंगभंगुर-रविकिरणतरुणबोहिय-अकोसायंतपउम-गंभीर-वियडणाभे साहय-सोणंद-मुसल-दप्पण-निकरियकणगच्छरुसरिस-वरवइरवलियमज्झे पमुइयवरतुरग-सीहवर-वट्टियकडी वरतुरग-सुजाय-सुगुज्झदेसे आइण्णहउव्व-निरुवलेवे वरवारणतुल्ल-विक्कम विलसियगई गयससण सुजाय-सन्निभोरु समुग्ग-निमग्ग-गूढजाणु एणी-कुरुविंद । वत्त-वाणु-पुव्वजंधे संठिय-सुसिलिट्ठ-गूढगुप्फे सुपपट्ठिय-कुम्माचारु-चलणे अनुपुव्वसुसंहयंगुलीए उण्णयतनु-तंब-निद्धणक्खे रत्तुप्पलपत्त-मय-सुकुमाल-कोमलतले अट्ठसहस्सवरपुरिसलक्खणधरे नगनगरमगरसागर-चक्कंकवरंक-मंगलकिय चलणे विसिहरूवे हुयवह निमजलियतडित- तडियतरुणविकिरण दीपरत्नसागर संशोधितः] [5] [१२-उववाइय] Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सरिसतेए अणासवे अममे अकिंचणे छिन्नसोए निरूवलेवे ववगयवेमरागदोसमोहे निग्गंथस्स पवयण देसए.....। सत्थनायगे पइट्ठावए समणगपई समणगविंद परिअट्टए चउतीस बुद्धवयणातिसेसपत्ते पणतीसगच्चवयणा-तिसेसपत्ते आगासगएणं चक्केणं आगारसगएणं छत्तेणं आगासियाहिं चामराहिं आगासफालियामएणं सपायवीढेणं सीहासणेणं धम्मज्झएणं पुरओ पकड्ढिज्जमाणेणं चउद्दसहिं समणसाहस्सीहिं छत्तीसाए अज्जियासाहस्सीहिं सद्धिं संपरिवुड़े पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे गामाणुगामं दूईज्जमाणे सुहंसुहेणं विह सूत्तं-१० रमाणे चंपाए नयरीए बहिया उवन-गरग्गामं उवागए चंप नगरिं पुन्नभई चेइयं समोसरिउँ कामे | __[११] तएणं से पवित्ति-वाउए इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हट्ठ-तुट्ठ-चित्तमाणंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवस विसप्पमाण हियए पहाए कयबलिकम्मे कय-कोउय-मंगल-पायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाइं मंगलाई वत्थाई पवर परिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकिय-सरीरे सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खिमित्ता चपाए नयरीए मज्झंमज्झेणं जेणेव कोणियस्स रण्णो गिहे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव कूणिए राया भिंभसार-पुत्ते तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट जएणं विजएणं वद्धावेइ वद्धावेत्ता एवं वयासी - जस्स णं देवाणप्पिया! दंसणं कंखंति जस्स णं देवाणप्पिया दंसणं पीहंति जस्स णं देवाणुप्पिया दंसण पत्थंति जस्स णं देवाणुप्पिया दंसणं अभि-लसंति जस्स णं देवाणुप्पिया नामगोयस्स वि सवणयाए हट्ठ-तुट्ठ जाव हियया भवंति, से णं समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे चंपाए नयरीए उवनगरग्गामं उवागए चंपं नगरिं पुन्नभदं चेइयं समोसरिउकामे तं एयं णं देवाणुप्पियाणं पियट्ठाए पियं निवेदेमि पियं भे भवउ । [१२] तए णं से कूणिए राया भिंभसारपुत्ते तस्स पवित्ति-वाउयस्स अंतिए एयमहूँ सोच्चा निसम्म हट्ठ-तुट्ठ जाव हियए वियसिय-वरकमल-नयण-वयणे पयलिय-वरकडग-तुडिय-केऊर-मउड-कुंडल-हारविरायंतरइयवच्छे पालंब पलंबमाण-घोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरियं चवलं नरिंदे सीहासणाओ अब्भुढेइ अब्भुढेत्ता पायपीढाओ पच्छोरुहइ पच्चोरुहित्ता पाउयाओ ओमुयइ ओमुइत्ता एगसाडियं उत्तरासंग करेइ करेत्ता आयंते चोक्खे परमसुइभूए अंजलिमउलियहत्थे तित्थगराभिमुहे सत्तद्वपयाइं अनुगच्छड़ अनुगच्छित्ता वामं जाणुं अंचि अंचेत्ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि साहट्ट तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि निवेसेइ निवेसेत्ता ईसिं पच्चुण्णमइ पच्चुण्णमित्ता कडग-तुडिय-थंभियाओ भुयाओ पडिसाहरइ पडिसाहरित्ता करयल जाव कटु एवं वयासी नमोत्थु णं अरहंताणं भगवंताणं आइगराणं तित्थगराणं सहसंबुद्धाणं पुरिसोत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुंडरीयाणं पुरसवरगंधहत्थीणं लोगुत्तमाणं लोगनाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपज्जोअगराणं अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मनायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टीणं दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा अप्पडिहयवरनाणदंसणधराणं वियट्ट-छउमाणं जिणाणं जावयाणं तिन्नाणं तारयाणं बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं सव्वन्नूणं सव्वदरिसीणं सिवमयल-मरुय-मणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तगं सिद्धिगइनामधेज्जं [दीपरत्नसागर संशोधितः] [6] [१२-उववाइय Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं संपत्ताणं, नमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आदिगरस्स तित्थगरस्स जाव संपाविकामस्स मम धम्मायरियस्स धम्मोपदेस-गस्स, वंदामि णं भगवंतं तत्थ गयं इहगए, पासइ मे भगवं तत्थगए इह गयं ति कट्टु वंदइ नमंसइ........ वंदित्ता-नमंसित्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुही निसीयइ निसीइत्ता तस्स पवित्तिवायरस अनुत्तरं सयसहस्सं पीइदाणं दलयइ दलइत्ता सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता एवं वयासी- जया णं देवाणुप्पिया! समणे भगवं महावीरे इहमागच्छेज्जा इह समोसरिज्जा इहेव चंपाए नय बहिया पुण्णभद्दे चेइए अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरेज्जा तया णं मम एयमट्ठे निवेदिज्जासि त्ति कट्टु विसज्जिए । सूत्तं-१३ व [१३] तए णं समणे भगवं महावीरे कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पल-कमल-कोमलुम्मिलियंमि अहपंडुरे पहाए रत्तासोगप्पगास-किंसुय सयमुह-गुंजद्ध-रागसरिसे कमलागरसंडबोहए उट्ठियम्मि सूरे सहस्सरस्सिंमि दिणयरे तेयसा जलते जेणेव चंपा नयरी जेणेव पुणभद्दे चेइए उवागच्छइ उवागच्छित्ता अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । [१४] तेणं कालेणं तेण समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे समणा भगवंतो अप्पेगइया उग्गपव्वइया भोगपव्वइया राइण्ण-नाय- कोरव्व- खत्तियपव्वइया भडा जोहा सेणावई पसत्थारो सेट्ठी इब्भाअण्णे य बहवे एवमाइणो उत्तमजाइ-कुल- रूव- विणय-विण्णाण-वण्ण-लावण्ण-विक्कमपहाण-सोभग्ग-कंतिजुत्ता बहुधण - धन्न - निचय- परियाल - फिडिया नरवइगुणाइरेगा इच्छियभोगा सुहसंपललिया किंपागफलोवमं च मुणिय विसयसोक्खं जलबुब्बुयसमाणं कुसग्ग- जलबिंदुचंचलं जीवियं य नाऊण अद्धुवमिणं रयमिव पडग्गलग्गं संविधुणित्ताणं चइत्ता हिरण्णं जाव पव्वइया अप्पेगइया अद्धमास परियाया अप्पेगइया मास परियाया एवं दुमास, तिमास, जाव एक्कारसमास परियाया अप्पेगइया वास परियाया अप्पेगइया दुवास, तिवास, जाव अप्पेगइया अणेगवासपरियाया संजमेणं तवसा अप्पा भावेमाणा विहरंति । [१५] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे निग्गंथा भगवंतो अप्पेगिया आभिणिबोहियनाणी जाव केवलनाणी, अप्पेगइया मणबलिया वयबलिया कायबलिया, अप्पेगइया मणेणं सावाणुग्गहसमत्था वएणं सावाणुग्गहसमत्था काएणं सावाणुग्गहसमत्था, अप्पेगइया खेलोसहिपत्ता एवं जल्लोसहिपत्ता विप्पोसहिपत्ता आमोसहिपत्ता सव्वोसहिपत्ता कोट्ठबुद्धी बीयबुद्धी पडबुद्धी अप्पेगइया पयाणुसारी अप्पेगइया संमिन्नसोआ अप्पेगइया खीरासवा अप्पेगइया महुआसवा अप्पेगइया सप्पियासवा अप्पेगइया अक्खीणमहाणसिया अप्पेगइया उज्जुमई अप्पेगइया विउलमई अप्पेगइया विउव्विणि ढिपत्ता, अप्पेगइया चारणा विज्जाहरा आगासाइवाइणो । अप्पेगइया कणगावलिं तवोकम्मं पडिवण्णा एवं एगावलिं खुड्डागं सीहनिक्कीलियं तवोकम्मं पडिवण्णा अप्पेगइया महालयं सीहनिक्कीलियं तवोकम्मं पडिवण्णा अप्पेगइया तवोकम्मं पडिवण्णा महाभद्दपडिमं तवोकम्मं पडिवण्णा सव्वओभद्दपडिमं तवोकम्मं पडिवण्णा अप्पेगइया आयंबिलवद्धमाणं तवोकम्मं पडिवण्णा । अप्पेगइया मासियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा एवं दोमासियं पडिमं तिमासियं पडिमं जाव अप्पेगइया सत्तमासियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा, अप्पेगइया पढमसत्तराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा [दीपरत्नसागर संशोधितः ] [१२-उववाइयं] [7] Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अप्पेगइया बीयसत्तराइंदियं भिक्खुपडिम पडिवण्णा अप्पेगइया तच्चसत्तराइंदियं भिक्खुपडिम पडिवण्णा अप्पेगइया राइंदियभिक्खुपडिमं पडिवण्णा अप्पेगइया एगराइयं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा अप्पेगइया सत्तसत्तमियं भक्खुपडिमं पडिवण्णा अप्पेगइया अट्टअट्ठमियं भिक्खुपडिम पडिवण्णा अप्पेगइया नवणवमियं भिक्खुपडिमं पडवण्णा अप्पेगइया दसदसमियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा । अप्पेगइया खुडियं मोयपडिम पडिवण्णा अप्पेगइया महल्लियं मोयपडिम पडिवण्णा अप्पेगइया जवमज्झं चंदपडिम पडिवण्णा अप्पेगइया वइरमज्झं चंदपडिम पडिवण्णा-संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति ।। [१६] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे थेरा भगवंतो सूत्तं-१६ । जाइसंपन्ना कुलसंपन्ना बलसंपन्ना रूवसंपन्ना विनयसंपन्ना नाणसंपन्ना दंसणसंपन्ना चरित्तसंपन्ना लज्जासंपन्ना लाघवसंपन्ना ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी जियकोहा जियमाणा जियमाया जियलोभा जिइंदिया जियणिद्दा जियपरीसहा जीवियास-मरणभय-विप्पमुक्का वयप्पहाणा गुणप्पहाणा करणप्पहाणा चरणप्पहाणा निग्गहप्पहाणा निच्छयप्पहाणा अज्जवप्पहाणा मद्दवप्पहाणा लाघवप्पहाणा खंतिप्पहाणा मुत्तिप्पहाणा विज्जप्पहाणा मंतप्पहाणा वेयप्पहाणा बंभप्पहाणा नयप्पहाणा नियमप्पहाणा सच्चप्पहाणा सोयप्पहाणा चारुवण्णा लज्जा-तवस्सी-जिइंदिया सोही अणियाणा अप्पोस्या अबहिल्लेसा अप्पडिलेसा सुसामण्णरया दंता-इणमेव निग्गंथं पावयणं पुरओकाउं विहरंति । तेसिं णं भगवंताणं आयावाया वि विदित्ता भवंति परवाया वि विदित्ता भवंति आयावायं जमइत्ता न लवणमिव मत्तमातंगा अच्छिद्दपसिण-वागरणा रयणकरंडगसमाणा कुत्तियावणभूया परवाइयप-मद्दणा दुवालसंगिणो समत्तगणिपिडगधरा सव्वक्खर-सण्णिवाइणो सव्वभासाणुगामिणो अजिणा जिणसंकासा जिणा इव अवितहं वागरमाणा संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति । [१७] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे अणगारा भगवंतो इरियासमिया भासासमिया एसणासमिया आयाण-भंड-मत्त-निक्खेवणासमिया उच्चार-पासवणखेल-सिंघाण-जल्ल-पारिट्ठावणियासमिया मणगुत्ता वयगुत्ता कायगुत्ता गुत्ता गुत्तिंदिया गुत्तबंभयारी अममा अकिंचणा छिन्नग्गंथा छिन्नसोआ निरुवलेवा कंसपाईव मुक्कतोया संखो इव निरंजणा जीवो विव अप्पडिहयगई जच्चकणगंपिव जायरूवा आदरिसफलगा इव पागडभावा कुम्मो इव गुत्तिंदिया पुक्खरपत्तं व निरुवलेवा गगणमिव निरालंबणा अनिलो इव निरालया चंदो इव सोमलेसा सूरो इव दित्ततेया सागरो इव गंभीरा विहग इव सव्वओ विप्पमुक्का मंदरो इव अप्पकंपा सारयसलिलं व सुद्धहियया खग्गविसाणं व एगजाया भारंडपक्खी व अप्पमत्ता कुंजरो इव सोंडीरा वसभो इव जायत्थामा सीहो इव दुद्धरिसा वसुंधरा इव सव्वफासविसहा सुययासणो इव तेयसा जलंता । नत्थि णं तेसिं भगवंताणं कत्थइ पडिबंधे, से य पडिबंधे चउव्विहे पण्णत्ते तं जहादव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ, दव्वओ-सचित्ताचित्तमीसिएसु दव्वेसु, खेत्तओ-गामे वा नयरे वा रणे वा खेत्ते वा खले वा घरे वा अंगणे वा, कालओ-समए वा आवलियाए वा जाव अयने वा अन्नयरे वा दीहकालसंजोगे, भावओ-कोहे वा माणे वा मायाए वा लोहे वा भए वा हासे वा एवं तेसिं न भवइ । दीपरत्नसागर संशोधितः] 18] [१२-उववाइय] Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तेणं भगवंतो वासावासवज्जं अट्ठ गिम्हहेमंतियाणि मासाणि गामे एगराइया नयरे पंचराइया वासीचंदणसमाणकप्पा समलेढुकंचणा समसुहदुक्खा इहलोगपरलोगअप्पडिबद्धा संसारपारगामी कम्मणिग्घायणढाए अब्भट्ठिया विहरति । [१८] तेसि णं भगवंताणं एएणं विहारेणं विहरमाणाणं इमे एयारूवे अभिंतर-बाहिरए तवोवहाणे होत्था, तं जहा- अभिंतरए वि छव्विहे बाहिरए वि छव्विहे | [१९] से किं तं बाहिरए? बाहिरए छविहे तं जहा- अणसणे ओमोयरिया भिक्खायरिया रसपरिच्चाए कायकिलेसे पडिसंलीणया । से किं तं अनसणे? अनसणे विहे पन्नत्ते तं जहा- इत्तरिए आवकहिए य । से किं तं इत्तरिए? इत्तरिए अनेगविहे पन्नत्ते तं जहा- चउत्थभत्ते छट्ठभत्ते अट्ठमभत्ते दसमभत्ते बारसभत्ते चउद्दसभत्ते सोलसभत्ते अद्धमासिए भत्ते मासिए भत्ते दोमासिए भत्ते तेमासिए भत्ते चउमासिए भत्ते पंचमासिए भत्ते सूत्तं-१९ छम्मासिए भत्ते से तं इत्तरिए, से किं तं आवकहिए? आवकहिए दुविहे पन्नत्ते तं जहा- पाओवगमणे य भत्तपच्चक्खाणे य, से किं तं पाओवगमणे? पाओवगमणे दुविहे पन्नत्ते तं जहा- वाघाइमे य निव्वाघाइमे य नियमा अप्पडिकम्मे, से तं पाओवगमणे| से किं तं भत्तपच्चक्खाणे? भत्तपच्चक्खा पन्नत्ते तं जहा- वाघाइमे य निव्वाघाइमे य नियमा सपडिकम्मे, से तं भत्तपच्चक्खाणे, से तं आवकहिए, से तं अनसणे । से किं तं ओमोदरियाओ? ओमोदरियाओ दुविहा पन्नत्ताओ तं जहा- दव्वोमोदरिया य भावोमोदरिया य, से किं तं दव्वोमोदरिया? दव्वोमोदरिया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- उवगरणदव्वोमोदरिया य भत्तपाणदव्वोमोदरिया य । से किं तं उवगरणदव्वोमोदरिया? उवगरणदव्वोमोदरिया तिविहा पन्नत्ता तं जहा- एग वत्थे एगे पाए चियत्तोवकरणसाइज्जणया, से तं उवगरणदव्वोमोदरिया, से किं तं भत्तपाणदव्वोमोदरिया? भत्तपाणदव्वोमोदरिया अणेगविहा पन्नत्ता तं जहाअट्ठ कुक्कुडअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे अप्पाहारे, दुवालस कुक्कुडअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे अवड्ढोमोदरिए, सोलस कुक्कुडअंड-गप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे दुभागपत्तोमोदरिए, चउवीसं कुक्कुडअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहार-माहारेमाणे पत्तोमोदरिए, एक्कतीसं कुक्कुडअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे किंचूणोमोदरिए, बत्तीसं कुक्कुडअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे पमाणपत्ते, एत्तो एगेणं वि घासेणं ऊणयं आहारामाहारेमाणे समणे निग्गंथे नो पकामरसभोई त्ति वत्तव्वं सिया, से तं भत्तपाणदव्वोमोदरिया, से तं दव्वोमोदरिया, से किं तं भावोमोदरिया? भावोमोदरिया अनेगविहा पन्नत्ता, तं जहा- अप्पकोहे अप्पमाणे अप्पमाए अप्पलोहे अप्पसद्दे अप्पझंझे, से तं भावोमोदरिया, से तं ओमोदरिया । से किं तं भिक्खायरिया? भिक्खायरिया अनेगविहा पन्नत्ता, तं जहा- दव्वाभिग्गहचरए खेत्ताभिग्गहचरए कालभिग्गहचरए भावाभिग्गहचरए उक्खित्तचरए निक्खित्तचए उक्खित्तनिक्खित्तचरए दीपरत्नसागर संशोधितः] [9] [१२-उववाइय] Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निक्खित्तउक्खित्तचरए वट्टिज्जमाणचरए साहरिज्जमाणचरए उवणीयचरए अवणीयचरए उवणीअवणीयचरए अवणीयउवणीचरए संसहचरए असंसहचरए तज्जायसंसहचरए अण्णायचरए मोणचरए दिठ्ठलाभिए अदिहलाभिए पुट्ठलाभिए अपुट्ठलाभिए भिक्खालाभिए अभिक्खलाभिए अन्नगिलायए ओवणिहिए परिमियपिंडवाइए सुद्धेसणिए संखादत्तिए, से तं भिक्खायरिया ।। से किं तं रसपरच्चाए? रसपरिच्चाए अनेगविहे पन्नत्ते तं जहा- निव्विइए पणीयरसपरिच्चाए आयंबिलए आयामसित्थभोई अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लहाहारे, से तं रसपरिच्चाए | से किं तं कायकिलेसे? कायकिलेसे अनेगविहे पन्नत्ते तं जहा- ठाणद्विइए ठाणाइए सणिए पडिमट्ठाई वीरासणिए नेसज्जिए दंडायए लउडसाई आयावए अवाउडए अकंड्यए अणिठ्ठहए सव्वागपरिकम्मविभूसविप्प-मक्के से तं कायकिलेसे | से किं तं पडिसंलिणया? पडिसंलीणया चउव्विहा पन्नत्ता तं जहा- इंदियपडिसंलीणया कसायपडिसलीणया जोगपडिसलीणया विवत्तसयणासणसेवणया, से किं तं इंदियपडिसलीणया? इंदियपडि-संलीणया पंचविहा पन्नत्ता तं जहा- सोइंदियविससूत्तं-१९ यप्पयारनिरोहो वा सोइंदियविसयपत्तेसु अत्थेसु रागदोस-निग्गहो वा चक्खिंदियविसयप्पयारनिरोहो वा चक्खिंदियविसयपत्तेसु अत्थेसु रागदोसनिग्गहो वा घाणिं-दियविसयप्पयारनिरोहो वा धाणिंदियविसयपत्तेसु अत्थेस् रागदोस-निग्गहो वा जिभिंदियविसयप्पयार- निरोहो वा जिन्भिंदियविसयपत्तेस् अत्थेस् रागदोसनिग्गहो वा फासिंदियविसयप्पयारनिरोहो वा फासिंदियविसयप दोसनिग्गहो वा से तं इंदियपडिसंलीणया, से किं तं कसायपडिसंलीणया कसायपडिसलीणया चउव्विहा पन्नत्ता तं जहा- कोहस्सदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा कोहस्स विफलीकरणं माणस्सुदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा माणस्स विफलीकरणं मायाउदयनिरोहो वा उदयपत्ताए वा मायाए विफलीकरणं लोहस्सदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा लोहस्स विफलीकरणं, से तं कसायपडिसलीणया । से किं तं जोगपडिसलीणया? जोगपडिसलीणया तिविहा पन्नत्ता तं जहा- मणजोगपडिसंलीणया वइजोगपडिसं-लीणया कायजोगपडिसंलीणया, से किं तं मणजोगपडिसंलीणया? मणजोगपडिसंलीणया-अकुसलमननिरोहो वा कुसलमनउदीरणं वा, से तं मनजोगपडिसंलीणया । से कं तं वइजोगपडिसंलीणया? वइजोगपडिसंलीणया-अकुसलवइनिरोहो वा कुसलवइउदीरणं वा, से वइजोगपडिसंलीणया । से किं तं कायजोगपडिसंलीणया? कायजोगपडिसंलीणया-जण्णं सुसमाहियपाणिपाए कुम्मो इव गुत्तिंदिए सव्वगायपडिसंलीणे चिट्ठइ, से तं कायजोगपडिसंलीणया, से तं जोगपडिसलीणया, से किं तं विवित्तसयणासणसेवणया? विवित्तसयणासणसे-वणया-जण्णं आरामेस उज्जाणेस देवकुलेसु सहासु पवासु पणियगिहेसु पणियसालासु इत्थी-पसु-पंडगसं-सत्तविरहियासु वसहीसु फासुएसणिज्जं पीढफलगसेज्जासंथारगं उवसंपज्जिताणं विहरइ, से तं विवित्तसयणा-सणसेवणया, से तं पडिसंलीणया, से तं बाहिरए तवे । २०] से किं तं अभिंतरए तवे? अभिंतरए तवे छविहे पन्नत्ते, तं जहा- पायच्छित्तं विणओ वेयावच्चं सज्झाओ झाणं विउस्सग्गो । दीपरत्नसागर संशोधितः] [10] [१२-उववाइय] Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ से किं तं पायच्छित्ते ? पायच्छित्ते दसविहे पन्नत्ते तं जहा- आलोयणारिहे पडिक्कमणारिहे तदुभयारिहे विवेगारिहे विउस्सग्गारिहे तवारिहे छेदारिहे मूलारिहे अणवट्ठप्पारि पारंचियारिहे, से तं पायच्छित्ते । से किं तं विनए ? विनए सत्तविहे पन्नत्ते तं जहा- नाणविनए दंसणविनए चरित्तविनए मणविन वइविनए कायविनए लोगोवयारविनए । से किं तं नाणविणए ? नाणविणए पंचविहे पन्नत्ते तं जहा- आभिणिबोहियनाणविण सुयणाणविणए ओहिनाणविणए मणपज्जवनाणविणए केवलनाणविणए से तं नाणवणिए, से किं तं दंसणविणए ? दंसणविणए दुविहे पन्नत्ते तं जहा - सुस्सूसणाविणए य अनच्चासायणाविणए य, से किं तं सुस्सूणाविणए ? सुस्सूसणाविणए अणेगविहे पन्नत्ते तं जहा- अब्भुट्ठाणे वा आसणाभिग्गहेइ वा आसणप्पयाणंति वा सक्कारेइ वा सम्माणेइ वा किइकम्मेइ वा अंजलिप्पग्गहेइ वा एतस्स अणुगच्छणया ठियस्स पज्जुवासणया गच्छंतस्स पडिसंसाहणया, से तं सुस्सूसणाविनए । से किं तं अनच्चासायणाविणए ? अनच्चासायणाविणए पणयालीसविहे पन्नत्ते, तं जहाअरहंताणं अणच्चासायणा अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स अणच्चासायणा आयरियाणं अणच्चासायणा एवं सूत्तं-२० उवज्झायाणं थेराणं कुलस्स गणस्स संघस्स किरियाणं संभोगिअस्स आभिणिबोहियनाणस्स सुयनाणस्स ओहिनाणस्स मणपज्जवनाणस्स केवलनाणस्स, एएसिं चेव भत्ति- बहुमाणेणं एएसिं चेव वण्णसंजलणया, से तं अनच्चासायणाविणए से तं दंसणविणए । से किं तं चरित्तविनए ? चरित्तविणए पंचविहे पन्नत्ते तं जहा- सामाइयचरित्तविणए छेदोवट्ठावणियचरित्तविणए परिहारविसुद्धिचरित्तविणए सुहुमसंपरायचरित्तविणए अहक्खायचरित्तविणए, से तं चरित्तविणए । से किं तं मनविणए? मनविणए दुविहे पन्नत्ते तं० - पसत्थमनविनए अपसत्थमनविणए । से किं तं अपसत्थमनविणए? अपसत्थमनविणए जे य मणे सावज्जे सकिरिए सकक्कसे कडुए निठुरे फरुसे अण्हयकरे छेयकरे भेयकरे परितावणकरे उद्दवणकरे भूओवघाइए तहप्पगारं मणो नो पहारेज्जा, से तं अपसत्थमनविणए । से किं तं सत्थमनविणए ? पसत्थमनविणए [जे य मणे असावज्जे अकिरिए अक्ककसेअकडुए अणिदुरे अफरुसे अमण्हयकरे अछेयकरे अभेयकरे अपरितावणकरे अनुद्दवणकरे अभूओघाइ तहप्पारं मणो पहारेज्जा से तं पसत्थमणविणए, से तं मणविणए एवं चेव वइविणओ वि एएहिं पएहिं चेव नेअव्वो, से तं वइविणए । से किं तं कायविणए? कायविणए दुविहे पन्नत्ते, तं जहा- पसत्थकायविणए अपसत्थकायविणए । से किं तं अपसत्थकाय - विणए? अपसत्थकायविणए सत्तविहे पन्नत्ते, तं जहा- अणाउत्तं गमणे अणाउत्तं ठाणे अणाउत्तं निसीदणे अणाउत्तं तुयट्टणे अणाउत्तं उल्लंघणे अणात्तं पल्लंघणे अणाउत्तं सव्विंदियकायजोगजुंजणया, से तं अपसत्थकायविणए से किं तं पसत्थकायविणए पसत्थकायविणए एवं चेव भाणियव्वं, से तं पसत्थकायविणए । से तं कायविणए । [दीपरत्नसागर संशोधितः ] [11] [१२-उववाइयं] Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ से किं तं लोगोवयारविनए? लोगोवयारविणए सत्तविहे पन्नत्ते तं जहा- अब्भासवत्तियं परच्छंदाणुवत्तियं कज्जहेउं कयपडिकिरिया अत्तगवेसणया देसकालण्णुया सव्वत्थेसु अप्पडिलोमया, से तं लोगोवयारविणए, से तं विणए । से किं तं वेयावच्चे? वेयावच्चे दसविहे पन्नत्ते तं जहा- आयरियवेयावच्चे उवज्झायवेयावच्चे सेहवेयावच्चे गिलाणवेयावच्चे तवस्सिवेयावच्चे थेरवेयावच्चे साहम्मियवेयावच्चे कुलवेयावच्चे गणवेयावच्चे संघवेयावच्चे, से तं वेयावच्चे । से किं तं सज्झाए? सज्झाए पंचविहे पन्नत्ते तं जहा- वायणा पडिपुच्छणा परियट्टणा अणुप्पेहा धम्मकहा, से तं सज्झाए | ___ से किं तं झाणे? झाणे चउव्विहे पन्नत्ते तं जहा- अट्टे झाणे रुद्दे झाणे धम्मे झाणे सुक्के झाणे अट्टे झाणे चउव्विहे पन्नत्ते तं जहा- अमणुण्ण-संपओग-संपउत्ते तस्स विप्पओगसतिसमण्णागए यावि भवइ, मणुण्ण-संपओग-संपत्ते तस्स अविप्पओग-सतिसमण्णागए यावि भवइ, आयंक-संपओगसंपउत्ते तस्स विप्पओग-सतिसमण्णागए यावि भवइ, परिजुसिय-कामभोग-संपओग-संपउत्ते तस्स अविप्पओग-सतिसमण्णागए यावि भवइ । अट्टस्स णं झाणास्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता तं जहा- कंदणया सोयणया तिप्पणया विलवणया । रुद्दे झाणे चउव्विहे पन्नत्ते तं जहा- हिंसाणुबंधी मोसाणुबंधी तेयाणुबंधी सारक्खणाणुबंधी, सूत्त-२० रुद्दस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता तं जहा- ओसण्णदोसे बहुदोसे अन्नाणदोसे आमरणंतदोसे धम्मे झाणे चउविहे चउप्पडोयारे पन्नत्ते तं जहा- आणाविजए अवायविजए विवागविजए संठाणविजए, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता तं जहा- आणारुई निसग्गरुई उवएसरुई सुत्तरुई, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पन्नत्ता तं जहा- वायणा पुच्छणा परियट्टणा धम्मकहा, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि अनुप्पेहाओ पन्नत्ताओ तं जहा- अणिच्चाणुप्पेहा असरणाणुप्पेहा एगत्ताणुप्पेहा संसाराणुप्पेहा ।। सुक्के झाणे चउव्विहे चउप्पडोयारे पन्नत्ते, तं जहा- पुहत्तविक्के सवियारी, एगत्त वियक्के अवियारी, सुहमकिरिए अप्पडिवाई, समुच्छिण्णकिरिए अणियट्टी । सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता तं जहा- विवेगे विउसग्गे अव्वहे असम्मोहे, सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पन्नत्ता तं जहा- खंती मुत्ती अज्जवे मद्दवे । सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि अनुप्पेहाओ पन्नत्ताओ, तं जहा- अवायाणुप्पेहा असुभाणुप्पेहा अनंतवत्तियाणुप्पेहा विपरिणामाणुप्पेहा, से तं झाणे ।। से किं तं विउस्सग्गे? विउस्सग्गे दविहे पन्नत्ते तं जहा- दव्वविउस्सग्गे य भावविउस्सग्गे य । से किं तं दव्वविउस्सग्गे? दव्वविउस्सग्गे चउव्विहे पन्नत्ते तं जहा- सरीर विउस्सग्गे गण विउस्सग्गे उवहि विउस्सग्गे भत्तपाण विउस्सग्गे । से किं तं भाव विउस्सग्गे? भावविउस्सग्गे तिविहे पन्नत्ते तं जहा- कसाय-विउस्सग्गे संसार विउस्सग्गे कम्म विउस्सग्गे | से किं तं कसायविउस्सग्गे? कसायविउस्सग्गे चउव्विहे पन्नत्ते तं जहा- कोहकसाय विउस्सग्गे मानकसाय विउस्सग्गे मायाकसाय विउस्सग्गे लोहकसाय विउस्सग्गे, से तं कसायविउस्सग्गे से किं तं संसारविउस्सग्गे? संसारविउस्सग्गे चउव्विहे पन्नत्ते तं जहा- नेरइय-संसार दीपरत्नसागर संशोधितः] [12] [१२-उववाइयं] Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विउस्सग्गे तिरियसंसार विउस्सग्गे मणुयसंसार विउस्सग्गे देवसंसार विउस्सग्गे, से तं संसारविउस्सग्गे, से किं तं कम्मविउस्सग्गे ? कम्म- विउस्सग्गे अट्ठविहे पन्नत्ते जहा - नाणावरणिज्जकम्म विउस्सग्गे दरिसणावर- णिज्जकम्म विउस्सग्गे वेयणीयकम्म विउस्सग्गे मोहणीय कम्म विउस्सग्गे आउयकम्म विउस्सग्गे गोयकम्म, विउस्सग्गे अंतरायकम्म विउस्सग्गे, से तं कम्मविउस्सग्गे, से तं भावविउस्सग्गे, से तं अब्भिंतरए तवे । [२१] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अमगारा भगवंतोअप्पेगइया आयारधरा जाव अप्पेगइया विवागसुयधरा, तत्थ तत्थ तहिं तहिं देसे देसे गच्छागच्छिं गुम्मागुम्मिं फड्डाफड्डिं अप्पेगइया वायंति अप्पेगइया पडिपुच्छंति अप्पेगइया परियहंति अप्पेगइया अनुप्पेहंति अप्पेगइया अक्खेवणीओ विक्खेवणीओ संवेयणीओ निव्वेयणीओ चउव्विहाओ कहाओ कहंति अप्पेगइया उड्ढंजाणू अहोसिरा झामकोट्ठोवगया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति । संसारभव्विग्गा जम्मण-जर-मरण-करण-गंभीर- दुक्ख पक्खुभिय-पउर-सलिलं संजोग - विओग-वीचि-चिंता-पसंग पसरिय-वह-बंध-महल्ल- विउल-कल्लोल-कलुण-विलविय- लोभकलकलेंत-बोलबहुलं अवमाणण-फेण-तिव्वखिंसण-पुलंपुलप्पभूय- रोगवेयण-परिभव- विणिवाय- फरुसधरिसणा-समावडिय-कढिणकम्मपत्थर-तरंग-रंगत-निच्चामच्चुभयतोयपठ्ठे कसाय - पायाल - संकुलं भवसयसहस्स- कलुसजल-संचयं पइभयं अपरिमिय-महिच्छ- कलुसमइवाउ- वेगउद्धम्ममाण- दगरययंधकार- वरफेण-पउर-आसापिवास-धवलं मोहमहावत्त-भोगभममाण- गुप्पमाणुप्छलंत-पच्चोणियंतपाणिय- पमायचंडबहुदुट्ठसावय- समाहयुद्धायमाण सूत्तं-२१ पब्भार-घोरकंदियमहारव - रवंत - भेरवरवं । अन्नाणभमंतमच्छ-परिहत्थ-अणिहुतिंदियमहामगर- तुरिय चरिय-खोखुब्भमाण-नच्चंत-चवलचंचल-चलंत-धुम्मंत-जल - समूहं अरइ-भय विसायसोग-मिच्छत्त-सेलसंकडं अणाइसंताण-कम्मबंधणकिलेसचिक्खल्ल-सुदुत्तारं अमर-नर- तिरिय - निरयगइ-गमण-कुडिलपरियत्त-विउल-वेलं चउरंतमहंतमणवयग्गं रुद्दं संसारसागरं भीमदरिसणिज्जं तरंति धिइ धणिय- निप्पकंपेणं तुरियचवलं संवर-वेरग्ग-तुंग-कूवय-सुसंपउत्तेणं नाण-सिय-विमलमूसिएणं सम्मत्त - विसुद्धलद्ध - निज्जामएणं धीरा संजमपोएण सीलकलिआ पसत्थज्झाणतववाय पणौल्लिअ पहाविएणं उज्जम ववसाय गहिय-निज्जरण-जयण उवओग-नाणदंसणविसुद्धवयभंडभरियसारा जिणवर-वयणोवदिट्ठमग्गेणं अकुडिलेणं सिद्धि-महापट्टणाभिमुहा समणवरसत्थवाहा सुसुइसुसुंभास - सुपण्ह-सासा गामे-गामे एगरायं नगरे-नगरे पंचरायं दूइज्जंता जिइंदिया निब्भया गयभया सचित्ताचित्तमीसएसु दव्वेसु विरागयं गया संजया विरता मुत्ता लहुया निरवकंखा साहू निहुया चरंति धम्मं । [२२] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे असुरकुमारा देवा अंतियं पाउब्भवित्था काल- महानीलसरिस - नीलगुलिय- गवल - अयसिकुसुमप्पगासा वियसिय सयवत्त पत्तल-निम्मल-ईसीसियरत्ततंब-नयणा गरुलायत-उज्जु-तुंगणासा ओयविय-सिल-प्पवाल-बिंबफलसण्णिभाहरोट्ठा पंडुर-ससियल - विमल - निम्मल - संख - गोखीर- फेण- दगरय- मुणालिया-धवलदंतसेढीहुयवह- निद्धंत-धोयतत्त-तवणिज्ज-रत्ततलतालु जीहा अंजण धण-कसिण-रुयग-रमणिज्ज - निद्धकेसा वामेगकुंडलधरा अद्दचंदणाणुलित्तगत्ता । [दीपरत्नसागर संशोधितः ] [13] [१२-उववाइयं] Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ईसीसिलिं प्पगासाइं असंकिलिट्ठाइं सहमाइं वत्थाई पवरपरिहिया वयं च पढमं समइक्कंता बिइयं च असंपत्ता भद्दे जोव्वणे वट्टमाणा तलभंगय-तुडिय-पवरभूसण-निम्मल-मणि-रयणमंडिय-भुया दसमुद्दा-मंडियग्गहत्था चूलामणि-चिंधगया सुरूवा महिढिया महज्जुइया महब्बला महायसा महासोक्खा महाणुभागा हारविराइयवच्छा कडग-तुडिय-थंभियभुया अंगय-कुंडल-मट्ठ-गंड-कण्णपीढधारी विचित्तहत्थाभरणा विचित्तमाला-मउलि-मउडा कल्लाणकय-पवरवत्थपरिहिया कल्लाणकयपवर-मल्लाणुलेवणा भासुरबोंदी पलंबवणमालधरा । दिव्वेणं वण्णेणं दिव्वेणं गंधेणं दिव्वेणं रूवेणं दिव्वेणं फासेणं दिव्वेणं संघाएणं दिव्वेणं i दिव्वाए इडढीए दिव्वाए जईए दिव्वाए पभाए दिव्वाए छायाए दिव्वाए अच्चीए दिव्वेणं तेएणं दिव्वाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेमाणा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं आगम्मागम्म रत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं-पयाहिणं करेंति करेत्ता वंदंति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता नच्चासण्णे नाइदूरे सुस्सूसमाणा नमसमाणा अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा पज्जुवासंति [२३] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे असुरिंदवज्जिया भवणवासी देवा अंतियं पाउब्भवित्था नागपइणो सुवण्णा विज्जु अग्गीया दीवा उदही दिसाकुमारा य पवण थणिया य भवणवासी नागफडा-गरुल-वइर-पुन्नकलस-सीह-हय-गय-मगर-मउड-वद्धमाण-निज्जुत्त-विचित्तचिंधगया सुरूवा महिड्ढिया जाव पज्ज्वासंति । [२४] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे वाणमंतरा देवा अंतियं पाउब्भवित्था-पिसायभूया य जक्ख-रक्खस-किन्नर-किंपुरिस-भुयग-पइणो य महाकाया गंधव्व-निकायगणा निउणगंधव्वगीयरइणो अणवण्णिय-पणवण्णिय-इसिवादिय-भूयवादिय-कंदिय-महाकंदिया य कुहंड-पयय सूत्तं-२४ देवा चंचल-चवल-चित्त-कीलण-दवप्पिया गंभीर-हसिय-भणिय-पिय-गीय-नच्चणरई वणमालामेल-मउडकुंडल-सच्छंदविउव्वियाहरण-चारुविभूसणधरा सव्वोउय-सुरभि-कुसुम-सुरइयपलंब-सोभंत-कंत-वियसंत-चित्तवण-माल-रइय-वच्छा कामगमा कामरूव-धारी नाणाविहवण्णराग-वरवत्थ-चित्तचिल्लय-नियंसणा विविह देसी णेवच्छ-गहियवेसा पमुइय-कंदप्प-कलह-केली-कोलाहलप्पिया हासबोलबहुला अणेगमणि-रयण-विविहनिज्जुत्त-चित्त-चिंदगया सुरुवा महिड्ढचया जाव पज्जुवासंति । [२५] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे जोइसिया देवा अंतियं पाउब्भवित्था-विहस्सती चंदसूरसुक्कसणिच्छरा राहू धूमकेतु बुहा य अंगारका य तत्ततवणिज्ज कणगवण्णा जे य गहा जोडसंमि चारं चरंति केऊ य गइरडया अदावीसविहा य नक्खत्तदेवगणा नाणासंठाण-संठियाओ य पंचवण्णाओ ताराओ ठियलेसा चारिणो य अविस्साममंडलगई पत्तेयं नामंक-पागडिय-चिंधमउडा महिड्ढिया जाव पज्जुवासंति । २६] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स वेमाणीया देवा अंतियं पाउब्भवित्था-सोहम्मीसाणस्स-सणंकुमार-माहिंद-बंभ-लंगत-महासुक्क-सहस्साराणय पाणया-रण-अच्चयवई पहिट्ठा देवा जिणदंसणुस्सुयागमण-जणियहासा पालग-पुप्फग-सोमणस-सिरिवच्छ-नंदियावत्त-कामगमपीइगम-मनोगम-विमल-सव्वओभद्द-नामधेज्जेहिं विमाणेहिं ओइण्णा वंदणकामा जिणाणं । मिग-महिस [दीपरत्नसागर संशोधितः] [14] [१२-उववाइय] Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वराह-छगल-दडुर-हय-गयवइ-भुयग-खग्ग-उसभंक-विडिम-पागडिय-चिंधमउडा पसिढिल-वरमउडतिरीडधारी कुंडलउज्जोवियाणणा मउड-दित्त-सिरया रत्ताभा पउम-पम्हगोरा सेया सुभवण्णगंधफासा उत्तमवेउव्विणो विविहवत्थगंधमल्लधारी महिड्ढिया जाव पज्जुवासंति । [२७] तए णं चंपाए नयरीए सिंधाडग-तिग-चउक्क-चच्चर-चउम्मुह-महापह-पहेसु महया जणसद्देइ वा जणवूहेइ वा जणबोलेइ वा जणकलकलेइ वा जणुम्मीइ वा जणुक्कलियाइ वा जणसण्णि-वाए इ वा बहुजणो अण्णमण्णस्स एवामाइक्खड़ एवं भासइ एवं पन्नवेइ एवं परूवेइ-एवं खल देवाणप्पिया! समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे सयंसंबुद्धे पुरिसोत्तमे जाव संपाविउकामे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे इहमागए इह संपत्ते इह समोसढे इहेव चंपाए नयरीए बहिया पुन्नभद्दे चेइए अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तं महप्फलं खल भो देवाणप्पिया! तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं नामगोयस्स वि सवणयाए, किमंग पुण अभिगमण-वंदण-नमंसण-पडिपुच्छण-पज्जुवासणयाए?, एगस्स वि आरियस्स धम्मियस्स सुवयणस्स सवणयाए? किमंग पुण विउलस्स अट्ठस्स गहणयाए? तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया! समणं भगवं महावीरं वंदामो नमसामो सक्कारेमो सम्माणेमो कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासोमो । एयं णे पेच्चभवे इहभवे य हियाए सुहाए खमाए निस्सेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइत्ति कट्ट...... बहवे उग्गा उग्गपत्ता भोगा भोगपुत्ता एवं दुपडोयारणं-राइण्णा खत्तिया माहणा भडा जोहा पसत्थारो मल्लई लेच्छई लेच्छईपुत्ता अन्ने य बहवे राईसर-तलवर-माइंबिय-कोडुबिय-इब्भ-सेट्ठि-सेणावइसत्यवाहप्पभितयो अप्पेगइया वंदणवत्तियं अप्पेगइया पूयणवत्तियं एवं सक्कारवत्तियं सम्माणवत्तियं दंसणवत्तियं कोऊहलवत्तियं अट्ठविणिच्छयहेडं अस्सुयाइं सुणेस्सामो सुयाइं निस्संकियाइं करिस्सामो अप्पेगइआ अट्ठाई हेऊइं कारणाइं वागरणाइं पुच्छिस्सामो । सूत्तं-२७ अप्पेगइया सव्वओ समंतो मुंडे भविता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सामो, अप्पेगइया पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवज्जिस्सामो, अप्पेगइया जिणभत्तिरागेणं अप्पेग-इया जीयमेयंति कट्ट ण्हाया कयबलिकम्मा कय-कोउय-मंगल-पायच्छित्ता सिरसा कंठे मालकडा आविद्ध-मणि-सुवण्णा कप्पिय-हारद्धहार-तिसर-पालंब-पलंबमाण-कडिसुत्त-सुकयसोहाभारणा पवरत्थपरिहिया चंदणो-लित्तगायसरीरा | अप्पेगइया हयगया एवं गयगया रहगया सिबियागया संदमाणियागया अप्पेगइया पायविहार-चारेणं पुरिसवग्गुरा-परिक्खित्ता महया उक्किट्ठसीहणाय-बोल-कलकल-रवेणं पक्खुभियमहासमुद्दरवभूयंपिव करेमाणा चंपाए नयरीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छंति निग्गच्छित्ता जेणेव पुन्नभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते छत्तादीए तित्थगराइसेसे पासंति पासित्ता जाणवाहणाई ठवेंति ठवेत्ता जाणवाहणेहिंतो पच्चोरुहंति पच्चोरुहित्ता जेणेव समणे भगवं महावीर तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता | समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेंति करेत्ता वंदंति नमसंति वंदित्ता मंसित्ता नच्चासण्णे नाइदूरे सुस्सूसमाणा नमसमाणा अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा पज्जुवासंति । [२८] तए णं से पवित्ति-वाउए इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हद्वतुट्ठ जाव हियए हाए जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता चंपं नयरिं मज्झमज्झेणं [दीपरत्नसागर संशोधितः] [15] [१२-उववाइयं] Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जेणेव बाहिरिया सव्वेव हेढिल्ला वत्तव्वया जाव निसीयइ निसीइत्ता तस्स पवित्ति-वाउयस्स अद्धतेरससयसहस्साई पीइदाणं दलयइ दलइत्ता सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ । [२९] तए णं से कूणिए राया भिंभसारपुत्ते बलवाउयं आमंतेइ आमंतेत्ता एवं वयासीखिप्पा मेव भो देवाणुप्पिया! आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेहि हय-गय-रह-पवरजोह-कलियं च चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहेहि, सुभद्दापमुहाण य देवीणं बाहिरियाए उवट्ठाणसालाए पाडियक्क-पाडियक्काई जत्ताभिमुहाई जुत्ताई जाणाई उवट्ठवेहिं, चंपं नयरिं सब्भिंतर-बाहिरियं० आसित्त-सित्त-सुइ-सम्मट्ठरत्थंतरावण-वीहियं मंचाइमंचकलियं नानाविहरागऊ-च्छियज्झय-पडागाइपडाग-मंडिय लाउल्लो-इयमहियं गोसीस-सरसरत्तचंदण जाव गंधवट्टिभूयं करेहिं य कारवेहिं य करेत्ता य कारवेत्ता य एयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि, निज्जाइस्सामि समणं भगवं महावीरं अभिवंदए । [३०] तए णं से बलवाउए कूणिएणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ठ जाव हियए करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वयासी- सामि त्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता हत्थिवाउयं आमंतेइ आमंतेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! कूणियस्स रण्णो भिंभसारपुत्तस्स आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेहि हय-गय-रह-पवरजोहकलियं चाउरंगिणिं सेणं सण्हेहिं सण्णाहेत्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि । तए णं से हत्थिवाउए बलवाउयस्स एयमहूँ सोच्चा आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता छेयायरिय-उवएस-मइ-कप्पणा-विकप्पेहिं सुणिउणेहिं उज्जलनेवत्थि-हव्व-परिवच्छियं सुसज्ज धम्मिय सण्णद्ध-बद्धकवइयउप्पीलिय-कच्छवच्छ-गेवेज्जबद्धगल-वरभूसणविरायंत अहिय-तेयजुत्तं सललिय वरकण्णपूरविराइयं पलंबओचूल-महुयरकयंधयारं चित्तपरिच्छेयपच्छयं पहरणा-वरण-भरिय-जुद्धसज्जं सच्छत्तं सज्झयं सघंटे पंचामेलय-परिमंडियाभिरामं ओसारिय-जमल-जुयलघंटे विज्जुपिणद्धं व कालमेहं उप्पाइय सूत्तं-३० पव्वयं व चंकमंतं मत्तं गुलगुलंतं मण-पवण-जइणवेगं भीमं संगामिया-ओज्झइ आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेइ पडिकप्पेत्ता हय-गय रह-पवरजोहकलियं चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहेइ, सण्णहेत्ता जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणइ । तए णं से बलवाउए जाणसालियं सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी- खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! सुभद्दापमुहाणं देवीणं बाहिरियाए उवट्ठाणसालाए पाडियक्क पाडियक्काइं जत्ताभिमुहाई जत्ताई जाणाई उवट्ठवेहि उवट्ठवेत्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि । तए णं से जाणसालिए बलवाउयस्स एयमढे आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता जेणेव जाणसाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता जाणाई पच्चुवेक्खेइ पच्चुवेखेत्ता जाणाइं संपमज्जेइ संपमज्जेत्ता जाणाइं संवट्टेइ संवेदृत्ता जाणाइं नीणेइ नीणेत्ता जाणाणं दूसे पवीणेइ पवीणेत्ता जाणाई समलंकरेइ समलंकरेत्ता जाणाई वरभंडग-मंडियाइं करेइ करेत्ता जेणेव वाहणसाला तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता वाहणसालं अनुपविसइ अनुपविसित्ता वाहणाई पच्चुवेक्खेइ पच्चुवेक्खेत्ता वाहणाई संपमज्जेइ संपमज्जेत्ता वाहणाइं नीणेइ नीणेत्ता वाहणाई अप्फालेइ अप्फालेत्ता दूसे पवीणेइ पवीणेत्ता वाहणाई समलंकरेइ समलंकरेत्ता वाहणाई वरभंडग-मंडियाइं करेइ करेत्ता वाहणाइं जाणाइं जोएइ जोएत्ता दीपरत्नसागर संशोधितः] [16] [१२-उववाइय] Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पओयलहिँ पओयधरए य समं आडहइ आडहित्ता वट्टमग्गं गाहेइ गाहेत्ता जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छड उवागच्छित्ता बलवाउयस्स एयमाणत्तियं पच्चप्पिणइ । तए णं से बलवाउए नयरगुत्तियं आमंतेइ आमंतेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पियाए! चंपं नयरिं सब्भिंतरबाहिरियं आसित्त-सम्मज्जिओवलित्तं जाव कारवेत्ता य एयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि । तए णं से नयरगुत्तिए बलवाउयस्स एयमढं आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता चंपं नयरिं सब्भिंतर-बाहिरियं आसित्त-सम्मज्जिओवलित्तं जाव कारवेत्ता य जेणेव बलवाउए तेणेवउवागच्छड उवागच्छित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणइ ।। तए णं से बलवाउए कोणियस्स रण्णो भिंभसार-पुत्तस्स आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पियं पासइ हय-गय जाव० सण्णाहियं पासइ, सुभद्दापमुहाण य देवीणं पडिजा-णाइं उवट्ठवियाइं पासइ, चंपं नयरिं सभिंतर-बाहिरियं जाव० गंधवट्टिभूयं कयं पासइ पासित्ता हहतुट्ठ-चित्तमाणंदिए पीइमणे जाव णिए राया भिंभसारपत्ते तेणेव उवागच्छड उवागच्छित्ता करयल जाव एवं वयासी- कप्पिए णं देवाणुप्पियाणं आभिसेक्के हत्थिरयणे हय-गय-रह-पवरजोह-कलिया य चाउरंगिणी सेणा सण्णाहिया सुभद्दापमुहाण य देवीणं बाहिरियाए अउवट्ठाणसालाए पाडियक्क-पाडियक्काइं जत्ताभिमुहाई जुत्ताई जाणाई उवट्ठावियाइं चंपा नयरी सब्भिंतर-बाहिरिया आसित्त-सम्मज्जि-ओवलित्ता जाव गंधवट्टिभूया कया, तं निज्जंतु णं देवाणुप्पिया! समणं भगवं महावीरं अभिवंदया । [३१] तए णं से कुणिए राया भिंभसारपत्ते बलवाउयस्स अंतिए एयम सोच्चा निसम्म हद्वतुट्ठ जाव हियए जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता अट्टणसालं अनुपविसइ अनुपविसित्ता अनेगवायाम-जोग्ग-वग्गण-वामद्दण-मल्लजुद्धकरणेहिं संते परिस्संते सयपाग-सहस्सपागेहिं सुगंधतेल्लमाईहिं पीणणिज्जेहिं दप्पणिज्जेहिं मयणिज्जेहिं विहणिज्जेहिं सव्विंदियगायपल्हायणिज्जेहिं अब्भिंगेहिं अब्भिंगिए समाणे तेल्लचम्मंसि-पडिपुण्ण-पाणि-पाय-सुउमाल-कोमल-तलेहिं पुरिसेहिं छेएहिं दक्खेहिं पत्तट्टेहिं कुसलेहिं मेहावीहिं निउणसिप्पोवगएहिं अब्भिंगण-परिमद्दणुव्वलण-करण-गुणणिम्माएहिं सूत्तं-३१ अद्विसुहाए मंस-सुहाए तयासुहाए रोमसुहाए-चउव्विहाए संबाहणाए संबाहिए समाणे अवगय-खेअ-परिस्समे अट्टण-सालाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता | __मज्जणघरं अनुपविसइ अनुपविसित्ता समत्तजालाउलाभिरामे विचित्त-मणि-रयणकुट्टिमतले रमणिज्जे पहाणमंडवंसि नाणामणि-रयण-भत्तिचित्तंसि पहाणपीढंसि सुहणिसण्णे सुद्धोदएहिं गंधोदएहिं पुप्पोदएहिं सुद्धोदएहिं पुणो-पुणो कल्लाणग-पवर-मज्झणविहीए मज्जिए तत्थ कोउयसएहिं बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमज्जणावसाणे पम्हल-स्कुमाल-गंध-कासाइय-लूहियंगे सरस-सुरहि-गोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते। अहय-सुमहग्घ-दूसरयण-सुसंवुए सुइमाला-वण्णग-विलेवणे य आविद्धमणि-सुवण्णे कप्पियहारद्धहार-तिसरय-पालंब पलंबमाण-कडिसुत्त-सुकयसोभे पिणद्ध-गेवेज्जग-अंगुलिज्जग-ललियंगय-ललियकयाभरणे वरकडग-तुडिय-थंभियभुए अहिय-रूवसस्सिरीए मुद्दिआ-पिंगलंगुलीए कुंडलउज्जोवियाणणे मउडदित्तसिरए हारोत्थय-सुकय-रइयवच्छे पालंब पलंबमाण-पड-सुकयउत्तरिज्जे नाणामणिकणग-रयण-विमलमहरिह-निउणोवियमिसिमिसंत-वि -विसिट्ठ-लट्ठ-आविद्ध-वीरवलए [दीपरत्नसागर संशोधितः] [17] [१२-उववाइय] Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ किं बहुणा? कप्परुक्खए चेव अलंकियविभूसिए नरवई सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चउचामरवालवीइयंगे मंगल-जयसद्द - कयालए मज्जणघराओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता अणेगगणनायग-दंडनायग-राईसर-तलवर-माडंबिय - कोडुंबिय इब्भ-सेट्ठि-सेणावइ-सत्थवाह-दूय-संधिवाल सद्धिं संपरिवुडे धवलमहामेहणिग्गए इव गहगण-दिप्पंत-रिक्ख-तारागणाण मज्झे ससिव्व पिअदंसणे नरवई जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव आभिसेक्के हत्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अंजणगिरिकूडसण्णिभंगयवइं नरवई दुरूढे । तए णं तस्स कूणियस्स रण्णो भिंभसारपुत्तस्स आभिसेक्कं हत्थिरयणं दुरूढस्स समाणस्स तप्पढमयाए इमे अट्ठट्ठ मंगलया पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तं जहा- सोवत्थिय - सिरिवच्छ- नंदियावत्तवद्धमाणग-भद्दासण-कलस-मच्छ-दप्पणया तयाणंतरं च णं पुण्णकलसभिंगारं दिव्वा य छत्तपडागा दंसण-रइय-आलोय-दरिसणिज्जा वाउद्धूय-विजयवेजयंती य ऊस्सिया गगण-तलमणुलिहंती पुर अहाणुप्पुवीए संपट्ठिया, तयाणंतरं च णं वेउलिय-भिसंत- विमलदंडं पलंब-कोरंटमल्लदामोवसोभियं चंदमंडलणिभं समूसियं विमलं आयवत्तं पवरं सीहासणं वरमणिरयणपादपीढं सपाउयाजोयसमाउत्तं बहुकिंकर-कम्मकर-पुरिस-पायत्तपरिक्खित्तं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठियं । तयाणंतरं च णं बहवे लट्ठिग्गहा कुंतग्गाहा चावग्गाहा चामरग्गाहा पासग्गाहा पोत्थयग्गाहा फलकग्गाहा पीढग्गाहा वीणग्गाहा कूवग्गाहा हडप्फग्गाहा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया तयाणंतरं चणं बहवे दंडिणो मुंडिणो सिहंडिणो जडिणो पिंछिणो हासकरा डमरकरा दवकारा चाटुकरा वादकरा कंदप्पिया कोक्कुइया किड्डकरा य वायंता य गायंता य नच्चंता य हसंता य भासंता य सासंता य सावेंता य रक्खंता य आलोयं च करेमाणा जयजयसद्दं पउंजमाणा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया । || असिलट्ठिकुंतचावे चामरपासे य फलगपोत्थे य । वीणा कूयग्ग तत्तो फग्गा दंडी मुंडि सिहंडी पिंछी जडिणो य हासकिड्डा य । दवकार चडुकारा कंदप्पिय- कोक्कुइ गाहा || गायंता वायंता नच्चंता तए हंसत हासेंत्ता | सूत्तं-३१ सावेंत्ता रावेंता आलोय जयं परंजंता || तयाणंतरं च णं जच्चाणं तरमल्लिहायणाणं हरिमेलामउलमलिलयच्छाणं चुंचुच्चियललिअपुलियचवलचंचलगईणं ललंतलामगललायवरभूसणाणंमुहमंडलउच्चूलग-थासग अहिलाण-चामर-गंड परिमंडियकडीणं किंकरवरतरुणपरिग्गहियाणं अट्ठसयं वरतुरगाणं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठियं । तयाणंतरं च णं ईसीदंताणं ईसीमत्ताणं ईसीतुंगाणं ईसीउच्छंगविसाल-धवलदंताणं कंचणकोसी-पविट्ठदंताणं कंचणमणियरयणभूसीयाणं वरपुरिसारोहगसंपत्ताणं अट्ठसयं गयाणं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठियं । तयाणंतरं च णं सच्छत्ताणं सज्झयाणं सघंटाणं सपडागाणं सतोरणवराणं सणंदिघोसाणं सखिंखिणीजाल-परिक्खित्ताणं हेमवय-चित्त-तिणिस कणग-निज्जुत्त-दारुयाणं कालायससुकय-णेमि-जंतकम्माणं सुसिलिट्ठवत्तमंडलधुराणं आइण्णवर-तुरगसुसंपउत्ताणं कुसलनरच्छेयसारहिसु-संपग्गहियाणं [दीपरत्नसागर संशोधितः] [18] [१२-उववाइयं] Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बत्तीस-तोणपरिमंडियाणं संककडवडेंसगाणं सचावसरप-हरणावरणभरिय-जुद्धसज्जाणं अट्ठसयं रहाणं पुरओ अहा-णुपुव्वीए संपट्ठियं । तयाणंतरं च णं असि-सत्ति-कुंत-तोमर-सूल-लउल-भिंडिमाल-धणुपाणिसज्ज पायत्ताणीयं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठियं । तए णं से कूणिए राया हारोत्थय-सुकय-रइयवच्छे कुंडलउज्जोवियाणणे मउडदित्तसिरए नरसीहे नरवई नरिंदे नरवसहे मणयरायवसभकप्पे अब्भहियं रायतेयलच्छीए दिप्पमाणे हत्थक्खंध-वरगए सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धुव्वमाणीहिं-उद्धुव्वमाणीहिं वेसमणे विव नरवई अमरवई सण्णिभाए इड्ढीए पहियकित्ती हय-गय-रहपवरोजहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए समणुगम्म-माणमग्गे जेणेव पुन्नभद्दे चेइए तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं तस्स कूणियस्स रण्णो भिभसारपुत्तस्स पुरओ महं आसा आसधरा उभओ पासिं नागा नागधरा पिट्ठओ रहसंगल्लि | तए णं से कूणिए राया भिंभ-सारपुत्ते अब्भुग्गयभिंगारे पग्गहियतालियंटे ऊसवियसेयच्छत्ते पवीयवालवीयणीए सव्विड्ढीए सव्वज्तीए सव्वबलेणं सव्वसमुदएणं सव्वादरेणं सव्वविभूईए सव्वविभूसाए सव्वसंभमेणं सव्वपुप्फगंधमल्लालंकारेणं सव्वतुडिय-सद्दसण्णिणाएणं महया इड्ढीए महया जुईए महया बलेणं महया समुदएणं महया वरतुडिय-जमगसमग-प्पवाइएणं संख-पणव-पडह-भेरि-झल्लरि-खरमुहिहुडुक्क-मुरय-मुइंग-दुंदुहि-निग्धोसणाइयरवेणं चंपाएनयरीए मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ । [३२] तए णं तस्स कूणियस्स रण्णो चंपाए नयरीए मज्झमज्झेणं निग्गच्छमाणस्स बहवे अत्यत्थिया कामत्थिया भोगत्थिया लाभत्थिया किब्बिसिया कारोडिया कारवाहिया संखिया चक्किया नंगलिया मुहमंगलिया वद्धमाणा पूसमाणया खंडियगणा ताहिं इट्टाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं मणाभिरामाहिं हिययगमणिज्जाहिं वग्गूहिं जय-विजयमंगलसएहिं अणवरयं अभिनंदंता य अभित्थणंता य एवं वयासी-जय-जय नंदा जय-जय भद्दा भदं ते अजियं जिणाहि जियं पालयाहिं जियमज्झे वसाहि । इंदो इव देवाणं चमरो इव असुराणं धरणो इव नागाणं चंदो इव ताराणं भरहो इव मणुयाणं बहूई वासाई बहूई वाससयाई बहूई वाससहस्साई बहूई वाससयसहस्साई अणहसमग्गो हहतुट्ठो परमाउं पालयाहि इट्ठजणसंपरिवुडो चपाए नयरीए अण्णेसिं च बहूणं गामागर-नयर-खेड-कब्बड-दोणमुह-मडंबसूत्तं-३२ पट्टण-आसम-निगम-संवाह-संणिवेसाणं आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणा-ईसरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे महयाहय-नट्ट-गीय-वाइय-तंती-तलतालतुडिय-घण-मुइंगपडुप्पवाइयरवेणं विउलाई भोगभोगाइं भंजमाणे विहराहि त्ति कट्ट जय-जय सदं पउंजंति । तए णं से कुणिए राया भिंभसारपत्ते नयणमालासहस्सेहिं पेच्छिज्जमाणे-पेच्छिज्जमाणे हिययमलासहस्सेहिं अभिणंदिज्जमाणे-अभिणंदिज्जमाणे मनोरहमालासहस्सेहिं विच्छिप्पमाणे-विच्छिप्पमाणे वयणमालासहस्सेहिं अभिथुव्वमाणे-अभिथुव्वमाणे कंतिसोहग्गगुणेहिं पत्थिज्जमाणे-पत्थिज्जमाणे बहूणं नरनारिसहस्साणं दाहिणहत्थेणं अंजलिमाला-सहस्साइं पडिच्छमाणे-पडिच्छमाणे मंजुमंजुणा घोसेणं आपडिपुच्छमाणे-आपडिपुच्छमाणे भवणपंतिसहस्साइं समइच्छमाणे-समइच्छमाणे चंपाए नयरीए मज्झममज्झेणं निग्गच्छड़ निग्गच्छित्ता जेणेव पुन्नभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते छत्ताईए तित्थयराइसेसे पासइ पासित्ता आभिसेक्कं हत्थिरयणं ठवेइ ठवेत्ता आभिसेक्काओ हत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ पच्चोरूहित्ता अवहट्ट पंच रायकउहाइं तं जहा [दीपरत्नसागर संशोधितः] [19] [१२-उववाइय] Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खग्गं छत्तं उप्फेसं वाहणाओ वालवीयणं, जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छड़ तं जहा- सचित्ताणं दव्वाणं विउसरणयाए, अचित्ताणं दव्वाणं अविओसरणयाए, एगसाडिय-उत्तरासंगकरणेणं, चक्खुप्फासे अंजलिपग्गहेणं, मणसो एगत्तिभाव-करणेणं, समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं-पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासइं, तं जहा- काइयाए वाइयाए माणसियाए काइयाए- ताव संकुइयग्गहत्थपाए सुस्सूसमाणे नमसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासइ, वाइयाए- जं जं भगवं वागरेइ एवमेयं भंते! तहमेयं भते! अवितहमेयं भंते! संदिद्धमेयं भंते! इच्छियमेयं भंते! पडिच्छियमेयं भंते! इच्छियपडिच्छिमेयं भंते! से जहेयं तब्भे वदह अपडिकलमाण पज्जुवासइ, माणसियाए महया संवेगं जणइत्ता तिव्वधम्माणुरागरत्ते पज्जुवासइ । ___[३३] तए णं ताओ सुभद्दाप्पमुहाओ देवीओ अंतोअंतेउरंसि पहायाओ जाव पायच्छित्ताओ सव्वालंकारविभूसियाओ बहूहिं खुज्जाहिं चिलाईहिं वामणीहिं वडभीहिं बब्बरीहिं पयाउसियाहिं जोणियाहिं पल्हवियाहिं ईसिणियाहिं थारुइणियाहिं लासियाहिं लउसियाहिं सिंहलीहिं दमिलीहिं आरबीहिं पुलिंदिहिं पक्कणीहिं बहलीहिं मरुंडिहिं सबरीहिं पारसीहिं नाणादेसीहिं विदेसपरिमंडियाहिं इंगिय-चिंतिय-पत्थियवियाणियाहिं सदेसनेवत्थ-गहियवेसाहिं चेडियाचक्कवालवरिसधर-कंचुइज्ज-महत्तरवंद-परिक्खित्ताओ अंतेउराओ निग्गच्छंति निग्गच्छित्ता जेणेव पाडियक्कजाणाइं तेणेव उवागच्छंति उवा-गच्छित्ता पाडियक्क-पाडियक्काइं जत्ताभिमुहाई जुत्ताइं जाणाई दुरुहति दुरुहित्ता नियगपरियालसद्धिं संपरि-वुडाओ चंपाए नयरीए मज्झमज्झेणं निग्गच्छंति निग्गच्छित्ता । जेणेव पुन्नभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते छत्तादीए तित्थयरराइसेसे पासंति पासित्ता पाडियक्क-पाडियक्काइं जाणाइं ठवेंति ठवेत्ता जाणेहिंतो पच्चोरुहंति पच्चोरुहित्ता बहूहिं खुज्जाहिं जाव परिक्खित्ताओ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरे पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छंति तं जहासचित्ताणं दव्वाणं विओसरणयाए अचित्ताणं दव्वाणं अविओसरणयाए विणओणयाए गायलट्ठीए चक्कुप्फासे अंजलिपग्गहेणं मणसो एगत्तिभावकरणेणं समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेंति करेत्ता सूत्तं-३३ वंदति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता कूणियरायं पुरओ कट्ठ ठिइयाओ चेव सपरिवाराओ अभिमुहाओ विणएणं पंजलिकडाओ पज्जुवासंति । _ [३४] तए णं समणे भगवं महावीरे कूणियस्स रण्णो भिंभसारपुत्तस्स सुभद्दापमुहाण य देवीणं तीसे य महतिमहालियाए इसिपरिसाए मुनिपरिसाए जइपरिसाए देवपरिसाए अणेगसयाए अमेगसयवंदाए अणेगसयवंदपरियालाए ओहबले अइबले महब्बले अपरिमिय-बल-वीरिय-तेय-माहप्प-कंतिजुत्ते सारय-नवत्थणिय-महरगंभीर-कोंचनिग्घोस-दुंदुभिस्सरे उरे वित्थडाए कंठे वट्टियाए सिरे समाइण्णाए अगरलाए अमम्मणाए सव्वक्खर-सण्णिवाइयाए पुण्णरत्ताए सव्वभासाणु-गामिणीए सरस्सईए जोयणनीहारिणा सरेणं अद्धमागहाए भासाए भासइ-अरिहा धम्म परिकहेइ । तेसिं सव्वेसिं आरियमणारियाणं अगिलाए धम्म आइक्खइ सावि य णं अद्धमाहगा भासा तेसिं सव्वेसिं आरियमणारियाणं अप्पणो सभासाए परिणामेणं परिणमइ तं जहा- अत्थि लोए अत्थि दीपरत्नसागर संशोधितः] [20] [१२-उववाइय] Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अलोए अत्थि जीवा अत्थि अजीवा अत्थि बंधे अत्थि मोक्खे अत्थि पुन्ने अत्थि पावे अत्थि आसवे अत्थि संवरे अत्थि वेयणा अत्थि निज्जरा अत्थि अरहंता अत्थि चक्कवट्टी अत्थि बलदेवा अत्थि वासुदेवा अत्थि नरगा अत्थि नेरइया अत्थि तिरिक्खजोणिया अत्थि तिरिक्खजोणिणीओ अत्थि माया अत्थि पिया अत्थि रिसओ अत्थि देवा अत्थि देवलोया अत्थि सिद्धा अत्थि सिद्धी अत्थि परिनिव्वाणे अत्थि परिनिव्वुया अत्थि पाणाइवाए मुसावाए अदत्तादाने मेहुणे परिग्गहे अत्थि कोहे माने माया लोभे जाव मिच्छादंसणसल्ले । अत्थि पाणाइवायवेरमणे मुसावायवेरमणे अदत्तादानवेरमणे मेहुणवेरमणे परिग्गहवेरमणे अत्थि कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे सव्वं अत्थिभावं अत्थि त्ति वयइ सव्वं नत्थिभावं नत्थि त्ति वयइ सुचिण्णा कम्मा सुचिण्णफला भवंति दुचिण्णा कम्मा दुचिण्णफला भवंति फुसइ पुन्नपावे पच्चायति जीवा सफले कल्लाणपावए । धम्ममाइक्खइ- इणमेव निग्गंथे पावयणे सच्चे अनुत्तरे केवलिए संसुद्धे पडिपुन्ने नेयाउए सल्लगत्तेणं सिद्धिमग्गे मुत्तिमग्गे निज्जाणमग्गे निव्वाणमग्गे अवितहमविसंधि सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे इत्थंठिया जीवा सिझंति बुज्झंति मुच्चंति परिनिव्यं सव्वदुक्खाणमंतं करेंति । एगच्चा पुण एगे भयंतारो पुव्वकम्मावसेसेणं अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति-महढिएसु महज्जुइएसु महब्बलेसु महायसेसु महासोक्खेसु महाणुभागेसु दूरंगइएसु चिरट्ठिइएसु, ते णं तत्थ देवा भवंति महिढिया जाव चिरट्ठिया हार-विराइयवच्छा जाव पभासेमाणा कप्पोवगा गतिकल्लाणा आगमेसिभद्दा जाव पडिरूवा । तमाइक्खड्-एवं खलु चउहिं ठाणेहिं जीवा नेरइयत्ताए कम्मं पकरेंति-पकरेत्ता नेरइएस उववज्जंति तं जहा- महारंभयाए महापरिग्गहयाए पंचिंदियवहेणं कुणिमाहारेणं [एवं एएणं अभिलावेणं तिरिक्खजोणिएसु उववज्जंति तं जहा- माइल्लयाए अलियवयणेणं उक्कंचणयाए वंचणयाए, एवं मणुस्सेसुपगइभद्दयाए पगइविणीययाए साणुक्कोस-याए अमच्छरिययाए, देवेसु सरागसंजमेणं संजमासंजमेणं अकामनिज्जराए बालवतवोकम्मेणं तमाइक्खड़ । [३५] जह नरगा गम्मती जे नरगा जा य वेयणा नरए | सारीरमाणसाइं दुक्खाइं तिरिक्खजोणीए । सूत्तं-३६ [३६] माणुस्सं अणिच्चं वाहि-जहा-मरण-वेयणा-पउरं । देवे य देवलोए देविड़ढिं देवसोक्खाई ।। [३७] नरगं तिरिक्खजोणिं माणुसभावं च देवलोगं च । सिद्धे य सिद्धवसहिं चज्जीवणियं परिकहेइ ।। [३८] जह जीवा वज्झंती मुच्चंती जह य संकिलिस्संति । जह दुक्खाणं अंतं करेंति केई अपडिबद्धा ।। [३९] अट्टा अट्टियचित्ता जह जीवा दुक्खसागरमुवेति । जह वेरग्गमुवगया कम्मसमुग्गं विहाडेंति ।। [४०] जह रागेणं कडाणं कम्माणं पावगो फलविवागो जह य परिहीणकम्मा सिद्धा आइक्खइ, तं जहा- अगारधम्म अणगारधम्म य अणगारधम्मो ताव-इह मेव [दीपरत्नसागर संशोधितः] [21] [१२-उववाइयं] Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खलु सव्वओ सव्वत्ताए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइयस्स सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं मुसावाय-अदत्ता रेग्गह राईभोयणाओ वेरमण अयमाउसो! अणगारसामाइए धम्मे पन्नत्ते, एयस्स धम्मस्स सिक्खाए उवट्ठिए निग्गंथे वा निग्गंथी वा विहरमाणे आणाए आराहए भवति । अगारधम्म दुवालसविहं आइक्खड़ तं जहा- पंच अणुव्वयाइं तिण्णि गुणव्वयाइं चत्तारि सिक्खावयाई, पंच अणुव्वयाइं तं जहा- थूलाओ पाणाइवायाओ वेरमणं थूलाओ मुसावायाओ वेरमणं थूलाओ अदिन्नादाणाओ वेरमणं सदारसंतोसे इच्छापरिमाणे; तिण्णि गणव्वयाइं तं जहा- दिसिव्वयं उवभोगपरिभोगपरिमाणं अनत्थदंडवेरमणं; चत्तारि सिक्खावयाइं तं जहा- सामाइयं देसावयासियं पोसहोववासे अतिहिसंविभागे | अपच्छिमा मारणंतिया संलेहणाझूसणाराहणा अयमाउसो अगारसामइए धम्मे पन्नत्ते, एयस्स धम्मस्स सिक्खाए उवट्ठिए समणोवासए वा समणोवासिया वा विहरमाणे आणाए आराहए भवइ । [४१] तए णं सा महतिमहालिया मणूसपरिसा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म हद्वतुट्ठ जाव हियया उट्ठाए उढेइ उद्वेत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता अत्थेगइया मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया, अत्थेगइया पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवण्णा, अवसेसा णं परिसा समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ-वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी सुअक्खाए ते भंते! निग्गंथे पायवणे एवं सुपन्नत्ते, सुभासिए, सुविणीए, सुभाविए, अनुत्तरे ते भंते! निग्गंथे पायवणे धम्मं णं आइक्खमाणा तुब्भे उवसमं आइक्खह, उवसमं आइक्खमाणा विवेगं आइक्खह, विवेगं आइक्खमाणा वेरमणं आइक्खह, वेरमणं आइक्खमाणा अकरणं पावाणं कम्माणं आइक्खह, नत्थि णं अण्णे केइ समणे वा माहणे वा जे एरिसं धम्ममाइक्खित्तए, किमंग पुण एत्तो उत्तरत्तरं? एवं वदित्ता जामेव दिसं पाउब्भूया तामेव दिसं पडिगया । [४२] तए णं से कूणिए राया भिंभसारपुत्ते भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियए उठाए उद्वेइ उद्वेत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी- सुयक्खाए ते भंते! निग्गंथे पावयणे जाव किमंग पुण एत्तो उत्तरतरं? एवं वदित्ता जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए । सूतं-४३ [४३] तए णं ताओ सुभद्दापमुहाओ देवीओ समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म हद्वतुट्ठ जाव हिययाओ उट्ठाए उतॄति उद्वेत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिण करेंति करेत्ता वंदंति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी- सुयक्खाए ते भंते! निग्गंथे पावयणे जाव किमंग पुण एत्तो उत्तरतरं? एवं वदित्ता जामेव दिसं पाउब्भूयाओ तामेव दिसं पडिगयाओ __ [४४] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूई नामं अणगारे गोयमे गोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वइररिसहनारायसंघयणे कणग-पुलग-निघसपम्ह-गोरे उग्गतवे दित्ततवे तत्ततवे महातवे ओराले घोरे घोरगुणे घोरतवस्सी घोरबंभचोरवासी उच्छूढसरीरे संखित्तविउलतेयलेस्से समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उड्ढंजाणू अहोसिरे झाणकोट्ठोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । [दीपरत्नसागर संशोधितः] [22] [१२-उववाइय] Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तए णं से भगवं गोयमे जायसड्ढे जायसंसए जायकोऊहल्ले उप्पण्णसड्ढे उप्पण्णसंसए उप्पण्णकोऊहल्ले संजायसड्ढे संजायसंसए संजायकोऊहल्ले समुप्पण्णसड्ढे समुप्पण्णसंसए समुप्पण्णकोऊहल्ले उट्ठाए उढेइ उद्देत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता नच्चासण्णे नाइदूरे सुस्सूसमाणे नमसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासमाणे एवं वयासी जीवे णं भंते! असंजए अविरए अप्पडिहयपच्चक्खायपावक्कमे सकिरिए असंवुडे एगंतदंडे एगंतबाले पावकम्म अण्हाइं? हंता अण्हाइ । जीवे णं भंते! असंजए अविरए अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे सकिरिए असंवुड़े एगंतदंडे एगतंबाले एगंतसुत्ते मोहणिज्जं पावकम्म अण्हाइं? हंता अण्हाइ । जीवे णं भंते मोहणिज्जं कम्मं वेदेमाणे किं मोहणिज्जं कम्मं बंधइ? वेयणिज्जं कम्म बंधइ? गोयमा! मोहणिज्जं पि कम्मं बंधइ वेयणिज्जं पि कम्मं बंधइ, नन्नत्थ चरिममोहणिज्जं कम्म वेदेमाणे वेयणिज्जं कम्मं बंधइ नो मोहणिज्जं कम्मं बंधइ, जीवे णं भंते! असंजए अविरए अप्पडिहय-पच्चक्खायपावकम्मे सकिरिए असंवड़े एगंतदंडे एगंतबाले एगंतसुत्ते उस्सण्णं तसपाणघाई कालमासे कालं किच्चा नेरइएसु उववज्जइ? हंता उववज्जइ । जीवे णं भंते असंजए अविरए अप्पडिहयपच्च-क्खायपावकम्मे इओ चए पेच्च देवे सिया? गोयमा! अत्थेगइया देवे सिया अत्थेगइया नो देवे सिया, से केणढे णं भंते! एवं वुच्चइ-अत्थेगइया देवे सिया अत्थेगइया नो देवे सिया? गोयमा! जे इमे जीवा गामागर-नयर-निगम-रायहाणि-खेड-कब्बड-दोणमुहमडब-पट्टणासम-संबाह-सण्णिवेसेसु अकामतण्हाए अकामछुहाए अकामबंभचेरवासेणं अकामअण्हाणगसीयायव-दंसमसग-सेय-जल्ल-मल-पंक-परितावेणं अप्पतरो वा भज्जतरो वा कालं अप्पाणं परिकिलेसंति परिकिले-सित्ता कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसिं उववाए पन्नत्ते । तेसि णं भंते! देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? गोयमा! दसवाससहस्साइं ठिई पन्नत्ता, अत्थि णं भंते! तेसिं देवाणं इड्ढीइ वा जुईइ वा जसेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा? हंता अत्थि, ते णं भंते! देवा परलोगस्स आराहगा? नो इणढे समढे । से जे इमे गामागर-नयर-निगम-रायहाणि-खेड-कब्बड- मडब-पट्टणासम-संबाहसूत्तं-४४ सण्णिवेसेसु मणुया भवंति तं जहा- अंडुबद्धगा नियलबद्धगा हडिबद्धगा चारगबद्धगा हत्थछिण्णगा पायछिण्णगा कण्णछिण्णगा नक्कछिण्णगा ओढछिण्णगा जिब्भछिण्णगा सीसछिण्णगा मुखछिण्णगा मज्झछिण्णगा वइकच्छछिण्णगा हियउप्पाडियगा नयनुप्पाडियगा दसणुप्पाडियगा वसणुप्पाडियगा गेवच्छिण्णगा तंदुलछिण्णगा कागणिमंसक्खावियगा ओलंबियगा लंबियगा धंसियगा घोलियगा फालियगा पीलियगा सूलाइयगा सूल-भिण्णगा खारवत्तिया वज्झवत्तिया सीहपुच्छियगा दवग्गिदड्ढगा पंकोसण्णगा पंके खत्तगा वलयमयगा वस-ट्टमयगा नियाणमयगा अंतोसल्लमयगा गिरिपडियगा तरुपडियगा मरुपडियगा गिरिपक्खंदोलगा तरु-पक्खंदोलगा मरुपक्खंदोलगा जलपवेसी जलणपवेसी विसभक्खियगा सत्थोवडियगा वेहाणसिया गेद्धपट्ठगा कंतारमयगा दुब्भिक्खमयगा असंकिलिट्ठपरिणामा ते कालमासे कालं किच्चा दीपरत्नसागर संशोधितः] [23] [१२-उववाइय] Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अण्णयरेसु वाणमंतरेसु देव-लोएस देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसिं उववाए पन्नत्ते । तेसिं णं भंते! देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? गोयमा! बारसवासहस्साइं ठिई पन्नत्ता । अत्थि णं भंते! तेसिं देवाणं इड्ढीइ वा जुईइ वा जसेइ वा बलेइ वा वीरिएड् वा पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा? हंता अत्थि, ते णं भंते! देवा परलोगस्स आराहगा? नो इणढे समढे | से जे इमे गामागर-नयर-निगम-रायहाणि-खेड-कब्बड-दोणमुह-मडंब-पट्टणासम-संबाहसण्णिवेसेसु मणुया भवंति तं जहा- पगइभद्दगा पगइउवसंता पगइपतणुकोहमाणमायालोहा मिउमद्दवसंपन्ना अल्लीणा विणीया अम्मापिउसुस्सूसगा अम्मापिऊणं अणइक्कमणिज्जवयणा अप्पिच्छा अप्पारंभा अप्पपरिग्गहा अप्पेणं आरंभेणं अप्पेणं समारंभेणं अप्पेणंआरंभसमारंभेणं वित्तिं कप्पेमाणा बहूइं वासाइं आउयं पालेंति पालित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसिं उववाए पन्नत्ते तेसि णं भंते! देवाणं केवइयं कालं ठिती पण्णत्ता? गोयमा! चउद्दसवाससहस्सा | से जाओ इमाओ गामागर-नयर-निगम-रायहाणि-खेड-कब्बड-दोणमह-मडब-पट्टणासम-संबाहसण्णिवेसेस इत्थियाओ भवंति तं जहा- अंतोअंतेउरियाओ गयपइयाओ मयपइयाओ बालविहवाओ छड्डियल्लियाओ माइरक्खियाओ पियरक्खियाओ भायरक्खियाओ पइरक्खियाओ कुलघररक्खियाओ ससुरकुलरक्खियाओ परूढणह-मंसकेस-कक्खरोमाओ ववगयपुप्फगंधमल्लालंकाराओ अण्हाणग-सेय-जल्लमल-पंक-परितावियाओ ववगय-खीर-दहि-नवणीय-सप्पि-तेल्ल-गुल-लोण-मह-मज्ज-मस-परिचत्तकयाहाराओ अप्पिच्छाओ अप्पारंभाओ अप्पपरिग्गहाओ अप्पेणं आरंभेणं अप्पेणं समारंभेणं अप्पेणं आरंभसमारंभेणं वित्तिं कप्पेमाणीओ अकामबंभचेरवासेणं तामेव पइसेज्जं नाइक्कमंति, ताओ णं इत्थियाओ एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणीओ बहूई वासाइं सेसं तं चेव जाव चउसद्धिं वाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता । से जे इमे गामागर-नयर-निगम-रायहाणि-खेड-कब्बड-दोणमह-मडंब-पट्टणासम-संबाहसण्णिवेसेसु मणुया भवंति, तं जहा- दगबिइया दगतइया दगसत्तमा दगएक्कारसमा गोयम-गोव्वइयगिहिधम्म-धम्मचिंत्तग-अविरुद्ध-विरुद्ध-वुड्ढसावगप्पभित्तयो तेसिं णं मण्याणं नो कप्पंति इमाओ नव रसविगईओ आहारेत्तए, तं जहा- खीरं दहिं नवनीयं सप्पिं तेल्लं फाणियं महं मज्जं मंसं, नन्नत्थ एक्काए सरिसवविगईए, ते णं मण्या अप्पिच्छा तं चेव सव्वं नवरं चउरासीइ वाससहस्साइं ठिई पन्नत्ता से जे इमे गंगाकूला वाणपत्था तावसा भवंति तं जहा- होत्तिया पोत्तिया कोत्तिया जण्णई सूत्तं-४४ सड्डई थालई हुंपउट्ठा दत्तुक्खलिया उम्मज्जगा सम्मज्जगा निमज्जगा संपक्खाला दक्खिणकूलगा उत्तरकूलगा संखधमगा कूलधमगा मिगलुद्धगा हत्थितावसा उदंडगा दिसापोक्खिणो वाकवासिणो अंबुवासिणो बिलवासिणो जलवासिणो वेलवासिणो रुक्खमूलिया अंबुभक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयाहारा पत्ताहारा पुप्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडिय-कंद-मूल-तय-पत्त-पुप्फ-फलाहारा जलाभिसेयकढिणगाया आयावणाहिं पंचग्गितावेहिं इंगालसोल्लियं कंदुसोल्लियं कट्ठसोल्लियं पिव अप्पाणं करेमाणा बहूई वासाइं परियागं पाउणंति पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं जोइसिएसु देवेसु दीपरत्नसागर संशोधितः] [24] [१२-उववाइय] Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देवत्ताए उववत्तारो भवंति पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं ठिई, परलोगस्स आराहगा? नो इणटे समटे से जे इमे गामागर-जाव सण्णिवेसेस् पव्वइया समणा भवंति, तं जहा- कंदप्पिया कुक्कुइया मोहरिया गीयरइप्पिया नच्चणसीला ते णं एएणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणंति पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोइय-अपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं सोहम्मे कप्पे कंदप्पिएसु देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई, नवरं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं ठिई पन्नत्ता । से जे इमे गामागर-जाव सण्णिवेसेसु परिव्वायगा भवंति, तं जहा- संखा जोगी काविला भिउच्चा हंसा परमहंसा बहुउदगा कुलिव्वया कण्हपरिव्वायगा, तत्थ खलु इमे अट्ठ माहणपरिव्वायगा भवंति [तं जहा) [४५] कंडू य करकंटे य अंबडे य परासरे । __ कम्हे दीवायाणे चेव देवगत्ते य नारए ।। [४६] तत्थ खलु इमे अट्ठ खत्तिय-परिव्वायगा भवंति तं जहा[४७] सीलई ससिहारे नग्गई भग्गई ति य । विदेहे राया रायारामे बले त्ति य ।। [४८] ते णं परिव्वया रिउवेद-यजुव्वेद-सामवेद-अहव्वणवेद-तिहासपंचमाणं निघंटुछट्ठाणं संगोवंगाणं सरहस्साणं चउण्हं वेदामं सारगा पारगा धारगा सडंगवी सद्वितंतविसारया संखाण सिक्खकप्पे वागरणे छंदे निरुत्ते जोइसामयणे अन्नेसु य बहूसु बंभण्णएस य सत्थेसु सुपरिणिट्ठिया यावि होत्था । ते णं परिव्वायगा दाणधम्मं च सोयधम्मं च तित्थाभिसेयं च आघवेमाणा पन्नवेमाणा परूवेमाणा विहरंति, जं णं अम्हं किं चिं असुई भवइ तं णं उदएणं य मट्टियाए य पक्खालियं समाणं सुई भवइ, एवं खलु अम्हे चोक्खा चोक्खायारा सुई सुइसमायारा भवित्ता अभिसेयजलपूयप्पाणो अविग्घेणं सग्गं गमिस्सामो, तेसिं णं परिव्वायाणं नो कप्पइ अगडं तलायं वा नई वा वाविं वा पुक्खरिणं वा दीहियं वा गुंजालियं वा सरं वा सागरं वा ओगाहित्तए नन्नत्थ अद्धाणगमणेणं । तेसिं णं परिव्वायाणं नो कप्पइ सगडं वा जाव संदमाणियं वा दुरुहित्ता णं गच्छित्तए, तेसिं णं परिव्वायगाणं नो कप्पड आसं वा हत्थिं वा उट्टे वा गोणं वा महिसं वा खरं वा दरुहित्ता णं गमित्तए नन्नत्थ बलाभिओगेणं । तेसिं परिव्वायगाणं नो कप्पड हरियाणं लेसणया वा घट्टणया वा थंभणया वा लसणया वा सूत्तं-४८ उप्पाडणया व करित्तए | तेसिं परिव्वायगाणं नो कप्पड़ इत्थिकहा इ वा भत्तकहा इ वा रायकहा इ वा देसकहा इ वा चोरकहा इ वा जणवयकहा इ वा अनत्थदंड करित्तए । तेसिं णं परिव्वायगाणं नो कप्पइ अयपायाणि वा तंबपायाणि वा तउयपायाणि वा जसदणयाणि वा सीसगपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा अण्णयराइं वा तहप्पगाराइं बहुमुल्लाणि वा जाव बहुमुल्लाणि वा धारित्तए नन्नत्थ आलाउपाएण वा दारुपएण वा मट्टियापाएण वा । [दीपरत्नसागर संशोधितः] [25] [१२-उववाइय] Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तेसि णं परिव्वायगाणं नो कप्पड़ अयबंधणाणि वा तंब-बंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा सीसगबंधणामि वा जाव बहमल्लाणिवा धारित्तए । तेसि णं परिव्वायगाणं नो कप्पइ नाणाविहवण्णरागरत्ताइं वत्थाई धारित्तए, नन्नत्थ एगाए धाउरत्ताए । तेसि णं परिव्वायगाणं नो कप्पड हारं वा अद्धहारं वा एगावलिं वा मुत्तावलिं वा कणगावलिं वा रयणालिं वा मुरविं वा कंठमुरणिं वा पालंबं वा तिसरयं वा कडिसुत्तं वा दसमुद्दिआणंतगं वा कडयाणि वा तुडियाणि वा अंगयाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा मउडं वा चूलामणिं वा पिणद्धित्तए नन्नत्थ एगेणं तंबिएणं पवित्तएणं । तेसिं णं परिव्वायगाणं नो कप्पइ गंथिम-वेढिम-पूरिम-संघाइमे चउव्विहे मल्ले धारित्तए, नन्नत्थ एगेणं कण्णपूरेणं, तेसिं णं परिव्वायगाणं नो कप्पइ अगलुएणं वा चंदणेण वा कुंकुमणं वा गायं अणुलिंपित्तए नन्नत्थ एक्काए गंगामट्टियाए, तेसि णं परिव्वायगाणं कप्पड़ मागहए पत्थए जलस्स पडिगाहित्तए, से विय वहमाणए नो चेव णं अवहमाणए, से विय थिमिओदए नो चेव णं कद्दमोदए, से वि य बहुप्पसण्णे नो चेव णं अबहुप्पसण्णे, से वि य परिपूए नो चेव णं अपरिपूए, से वि य दिन्ने नो चेव णं अदिन्ने, से विय पिबित्तए नो चेव णं हत्थ-पाय-चरु-चमस-पक्खलाणवाए सिणाइत्तए वा, तेसिं णं परिव्वायगाणं कप्पड़ मागहए अद्धाढए जलस्स पडिग्गाहित्तए, से वि य वहमाणए नो चेव णं अवहमाणए जाव दिण्णे नो चेव णं अदिन्ने, से वि य हत्थ-पाय-चरु-चमस-पक्खालणट्ठाए नो चेव णं पिबित्तए सिणाइत्तए वा | ते णं परिव्वायगा एयारवेणं विहारेणं विहरमाणा बहुइं वासाइं परियायं पाउणंति पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तेसिं उववाए पन्नत्ते, दससागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, सेसं तं चेव | [४९] तेणं कालेणं तेणं समएणं अम्मडस्स परिव्वायगस्स सत्त अंतेवासिसयाइं गिम्हकाल समयंसि जेट्ठामूलमासंमि गंगाए महानईए उभओकूलेणं कंपिल्लपुराओ नयराओ पुरिमतालं नयरं संपट्ठिया विहाराए, तए णं तेसिं परिव्वायगाणं तीसे अगामियाए छिण्णोवायाए दीहमखाए अडवीए कंचि देसंतरमणपत्ताणं से पव्वग्गहिए उदए अनपव्वेणं परिभंजमाणे झीणे, तए णं ते परिव्वाया झीणोदगा समाणा तण्हाए पारब्भमाणा-पारब्भमाणा उदगदातारमपस्समाणा अण्णमण्णं सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं वयासी सूत्तं-४९ ___ एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं इमीसे अगामियाए जाव अडवीए कंचि देसंतरमणुपत्ताणं से पुव्वग्गहिए उदए जाव झीणे तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं इमीसे अगामियाए जाव अडवीए उदगदातारस्स सव्वओ समंता मग्गण-गवेसणं करित्तए त्ति कट्ट अण्णमण्णस्स अंतिए एयमद्वं पडिसुणेति पडिसुणेत्ता तीसे अगामियाए जाव अडवीए उदगदातारस्स सव्वओ समंता मग्गण-गवेसणं करेंति करेत्ता उदगदातारमलभमाणा दोच्चंपि अण्णमण्णं सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं वयासी इहण्णं देवाणुप्पिया! उदगदातारो नत्थि तं नो खलु कप्पइ अम्हं अदिन्नं गिण्हित्तए अदिन्नं साइज्जित्तए, तं मा णं अम्हे इयाणिं आवइकालं पि अदिन्नं गिण्हामो अदिन्नं साइज्जामो मा दीपरत्नसागर संशोधितः] [26] [१२-उववाइय] Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णं अम्हं तवलोवे भविस्सइ, तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया! तिदंडए य कुंडियाओ य कंचणियाओ य करोडियाओ य भिसियाओ य छण्णालए य अंकुसए य केसरियाओ य पवित्तए य गणेत्तियाओ य छत्तए य वाहणाओ य पाउयाओ य धाउरत्ताओ य एगंते एडित्ता गंगं महानइं ओगाहित्ता वालुयासंथारए संथरित्ता संलेहणा-झूसियाणं भत्त-पाण-पडियाइक्खियाणं पाओवगयाणं कालं अणकंखमाणाणं विहरित्तए त्ति कट्ट अण्णमण्णस्स अंतिए एयमढें पडिसुणेति पडिसुणेत्ता तिदंडए य जाव एगंते एडंति एडेत्ता गंगं महानइं ओगाहेंति ओगाहेत्ता वालुयासंथारए संथरंति संथारित्ता वालुयासंथारयं दुरुहंति दुरुहित्ता पुरत्थाभिमुहा संपलियंकनिसण्णा करयल-जाव एवं वयासी नमोत्थु णं अरहंताणं जाव सिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपत्ताणं, नमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव संपाविउकामस्स, नमोत्थु णं अम्मडस्स परिव्वायगस्स अम्हं धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स, पुट्विं णं अम्हेहिं अम्मडस्स परिव्वायगस्स अंतिए थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए मुसावाए अदिन्नादाणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए सव्वे मेहणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, इयाणिं अम्हे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामो जावज्जीवाए एवं जाव सव्वं परिग्गहं पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्वं कोहं मानं मायं लोहं पेज्जं दोसं कलहं अब्भक्खाणं पेसन्नं परपरिवायं अरइरई मायामोसं मिच्छादंसणसल्लं अकरणिज्जं जोगं पच्चक्खामो जावज्जीवाए, सव्वं असणं पाणं खाइमं साइम-चउव्विहं पि आहारं पच्चक्खामो जावज्जीवाए जं पि य इमं सरीरं इटुं कंतं पियं मणण्णं मणाणं पेज्जं वेसासियं संमयं बहमयं अणमयं भंडकरंडगसमाणं मा णं सीयं मा णं उण्हं मा णं खुहा मा णं पिवासा मा णं वाला मा णं चोरा मा णं दंसा मा णं मसगा मा णं वाइयपित्तिय-सिंभिय-सण्णिवाइय विविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतु त्ति कट्ट एयंपि णं चरिमेहिं ऊसासनीसासेहिं वोसिरामि त्ति कट्ट संलेहणा-झूसिया भत्तपाणपडिया-इक्खिया पाओवगया कालं अणवकंखमाणा विहरंति । तए णं ते परिव्वाया बहुइं भत्ताइं अणसणाए छेदेति छेदित्ता आलोइय-पडिक्कंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववण्णा, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं दससागरोवमाई ठिई पन्नत्ता, परलोगस्स आराहगा, सेसं तं चेव | [५०] बहुजणे णं भंते! अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ एवं भासइ एवं पन्नवेइ एवं परूवेइ- एवं खलु अम्मडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे नयरे घरसए आहारमाहरेइ, घरसए वसहिं उवेइ, से कहमेयं भंते! एवं?, गोयमा! जं णं से बहुजणे अण्णमण्णस्स एवमाइक्खड़ जाव एवं परूवेइ- एवं खलु अम्मडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे जाव घरसए वसहिं उवेइ सच्चे णं एसमडे, अहंपि णं गोयमा एवमाइक्खामि जाव सूत्तं-५० एवं परूवेमि एवं खलु अम्मडे परिव्वायए जाव वसहिं उवेइ । से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चइ-अम्मडे परिव्वायए जाव वसहिं उवेइ? गोयमा! अम्मडस्स णं परिव्वाय-गस्स पगइभद्दयाए जाव वीणीययाए छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ पगिज्झिय-पगिज्झिय सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स सुभेणं परिणामेणं पसत्थेहिं अज्झवसाणेहिं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं अण्णया कयाइ तदावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापूहमग्गण-गवेसणं करेमाणस्स वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धीए ओहिनाणलद्धीए मप्पण्णाए जणविम्हावणहे दीपरत्नसागर संशोधितः] [27] [१२-उववाइय] Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कंपिल्लपुरे नयरे घरसए जाव वसहिं उवेइ, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ-अम्मडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे नयरे घरसए जाव वसहिं उवेइ । पहू णं भंते! अम्मडे परिव्वायए देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए? नो इणढे समढे, गोयमा! अम्मडे णं परिव्वायए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ नवरं ऊसियफलिहे अवंगुदुवारे चियत्तंतेउर-घरदार-पवेसी न वुच्चइ । ____ अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए जाव थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए नवरं सव्वं मेहणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए | म्मडस्स णं परिव्वायगस्स नो कप्पड अक्खसोयप्पमाणमेत्तंपि जलं सयराहं उत्तरित्तए नन्नत्थ अद्धाणगमणेणं अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स नो कप्पड़ सगडं वा एवं चेव भाणियव्वं जाव नन्नत्थ एगाए गंगा मट्टियाए । अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स नो कप्पड़ आहाकम्मिए वा उद्देसिए वा मीसजाएइ वा अज्झोयरएइ वा पूइकम्मेइ वा कीयगडेइ वा पामिच्चेइ वा अणिसिढेइ वा अभिहडेइ वा ठवियएइ वा रयइएइ वा कंतारभत्तेइ वा दुब्भिक्खभत्तेइ वा पाहुणगभत्ते इ वा गिलाणभत्तेइ वा वद्दलियाभत्तेइ वा भोत्तए वा पायए वा, अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स नो कप्पड़ मूलभोयणेइ वा कंदभोयणेइ वा फलभोयणेइ वा हरियभोयणेइ वा बीयभोयणेइ वा भोत्तए वा पायए वा । ___ अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स चउव्विहे अणट्ठादंडे पच्चक्खाए जावज्जीवाए तं जहाअवज्झाणायरिए पमायायरिए हिंसप्पयाणे पावकम्मोवएसे । अम्मडस्स कप्पड़ मागहए अद्धाढए जलस्स पडिग्गाहित्तए, से वि य वहमाणे नो चेव णं अवहमाणए, जाव से वि य परिपूए नो चेव णं अपरिपूए, से वि य सावज्जे त्ति काउं नो चेव णं अणवज्जे, से वि य जीवा ति काउं नो चेव णं अजीवा, से वि य दिन्ने नो चेव णं अदिन्ने, से विय दंत हत्थ-पाय-चरु-चमस-पक्खालाणट्ठयाए पिबित्तए वा नो चेव णं सिणाइत्तए, अम्मडस्स कप्पइ मागहए आढए जलस्स पडिग्गाहित्तए, से वि य वहमाणए जाव नो चेव णं अदिन्ने, से वि य सिणाइत्तए नो चेव णं हत्थ-पाय-चरु-चमस-पक्खालणद्वयाए पिबित्तए वा । अम्मडस्स नो कप्पइ अण्णउत्थिए वा अण्णउत्थियदेवयाणि वा अण्णउत्थियपरिग्गहियाणि वा चेइयाइं वंदित्तए वा नमंसित्तए वा जाव पज्जुवासित्तए वा नन्नत्थ अरहंतेहिं वा अरहंत चेइयाइं वा । अम्मडे णं भंते! परिव्वायए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिति? कहिं उववज्जिहिति? गोयमा! अम्मडे णं परिव्वायए उच्चावएहिं सीलव्वय-गुण-वेरमण-पच्चक्खाण-पोसहोववासेहिं अप्पाणं भावेसूत्तं-५० माणे बहूई वासाइं समणोवासय-परियाय पाउणिहिति पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता सद्धिं भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता आलोइय-पडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववज्जिहिति, तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दससागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता तत्थ णं अम्मडस्स वि देवस्स दससारोवमाइं ठिई । से णं भंते! अम्मडे देवे ततो देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अनंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिति? कहिं उववज्जिहिति? गोयमा! महाविदेहे वासे जाइं कुलाइं भवंति अड्ढाइं [दीपरत्नसागर संशोधितः] [28] [१२-उववाइय Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दित्ताइं वित्ताई वित्थिण्ण-विउल-भवण-सयणासण-जाण-वाहणाई बहुधण-जायरूव-रययाइं आओग-पओगसंपउत्ताइं विच्छुडिय-पउर-भत्तपाणाइं बहुदासी-दास-गो-महिस-गवेल-गप्पभूयाइं बहुजणस्स अपरिभूयाई तहप्पगारेसु कुलेसु पुत्तत्ताए पच्चायाहिति ।। तए णं तस्स दारगस्स गब्भत्थस्स चेव समाणस्स अम्मापिईणं धम्मे दढा पइण्णा भविस्सइ, से णं तत्थ नवण्हं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं अद्धहमाण राइंदियाणं वीइक्कंताणं सुकुमालपाणिपाए जाव ससिसोमाकारे कंते पियंदसणे सुरूवे दाराए पयाहिति । तए ण तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं काहिंति तइयदिवसे चंदसूरदंसणियं काहिंति, छठे दिवसे जागरियं काहिंति, एक्कारसमे दिवसे वीइक्कंते निव्वित्ते असुइजायकम्मकरणे संपत्ते बारसाहे दिवसे अम्मापियरो इमं एयारूवं गोणं गुणनिप्फन्नं नामधेज्जं काहिंति-जम्हा णं अम्हं इमंसि दारगंसि गब्भत्थंसि चेव समाणंसि धम्मे दढापइण्णा तं होउ णं अम्हं दारए दढपइण्णे नामेणं तएणं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेज्जं करेहिति दढपइण्णत्ति तं दढपइण्णं दारगं अम्मापियरो साइरेगट्ठवासजायगं जाणित्ता सोभणंसि तिहि-करण-नक्खत्त-महत्तंसि कलायरियस्स उवणेहिति । तए णं से कलायरिए तं दढपइण्णं दारगं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपज्जवसाणाओ बावत्तरिं कलाओ सुत्तओ य अत्थओ य करणओ य सेहाविहिति सिक्खाविहिति तं जहा- लेह गणियं रूवं नर्से गीयं वाइयं सरगयं पुक्खरगयं समतलं जूयं जणवायं पासगं अट्ठावयं पोरेकच्चं दगमट्टियं अन्नविहिं पाणविहिं वत्थविहिं विलेवणविहिं सयणविहिं अज्जं पहेलियं मागहियं गहं गीइयं सिलोयं हिरण्णजुत्तिं सुवण्णजुत्तिं गंधजुत्तिं चुण्णजुत्तिं आभरणविहिं तरुणीपडिकम्मं इत्थिलक्खणं पुरिसलक्खणं हयलक्खणं गयलक्खणं गोणलक्खणं कुक्कुडलक्खणं चक्कलक्खणं छत्तलक्खणं दंडलक्खणं चम्मलक्खणं असिलक्खणं मणिलक्खणं काकणिलक्खणं वत्थुविज्जं खंधावारमाणं नगरमाणं वत्थुनिवेसणं वूहं पडिवूहं चारं पडिचारं चक्कवूहं गरुलवूहं सगडवूहं जुद्धं निजुद्धं जुद्धाइजुद्धं मुट्ठिजुद्धं बाहुजुद्धं लयाजुद्धं ईसत्थं छरुप्पवादं धणुवेदं हिरण्णपागं सुवण्णपागं वट्टखेड्डं खुत्तखेड्डं नलियाखेड्डं पत्तच्छेज्जं कडगच्छेज्जं सज्जीवं निज्जीवं सउणरुयं-इति बावत्तरिकला सेहावित्ता सिक्खावेत्ता अम्मापिईणं उवणेहिति । तए णं तस्स दढपइण्णस्स दारगस्स अम्मापियरो तं कलायरियं विउलेणं असण-पाणखाइम-साइमेणं वत्थगंधमल्लालंकारेणं य सक्कारेहिंतो सम्माणेहिंतो सक्कारित्ता सम्माणेत्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलइस्संति दलइत्ता पडिविसज्जेहिंति । तए णं से दढपइण्णे दारए बावत्तरिकलापंडिए नवंग-सुत्तपडिबोहिए अट्ठारसदेसी-भासाविसारए गीयरई गंधव्वनट्टकुसले हयजोही गयजोही रहजोही बाहुडोही बाहुप्पमद्दी वियालचारी साहसिए सूत्तं-५० अलं भोगसमत्थे यावि भविस्सइ । तए णं तं दढपइण्णं दारगं अम्मापियरो बावत्तरिकलापंडियं जाव अलं भोगसमत्थं च वियाणित्ता विउलेहिं अन्नभोगेहिं पाणभोगेहिं लेणभोगेहिं वत्थभोगेहिं सयणभोगेहिं कामभोगेहिं उवणिमंतेहिंति । तए णं से दढपइण्णे दारए तेहिं विउलेहिं अन्नभोगेहिं जाव सयणभोगेहिं नो सज्जिहिति नो रज्जिहिति नो गिज्झिहिति, ति नो अज्झोववज्जिहिति, से जहानामए उप्पले इ वा पउमे [दीपरत्नसागर संशोधितः] [29] [१२-उववाइयं] Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इ वा कुमुए इ वा नलिणे इ वा सुभगे इ वा सुगंधिए इ वा पोंडरीए इ वा महापोंडरीए इ वा सयपत्ते इ वा सहस्सपत्तेइ वा पंके जाए जले संवुड्ढे नोवलिप्पड़ पंकरएणं नोवलिप्पड़ जलरएणं एवामेव दढपइण्णे वि दारए कामेहिं जाए भोगेहिं संवुड्ढे नोवलिप्पिहिति कामरएणं नोवलिप्पिहिति भोगरएणं नोवलिप्पिहिति मित्त-नाइ-नियग-सयण-संबंधि-परिजणेणं, से णं तहारूवाणं थेराणं अंतिए केवलं बोहिं बुज्झिहिति बज्झित्ता अगाराओ अमगारियं पव्वइहिति । से णं भविस्सइ अणगारे भगवंते ईरियासमिए जाव गुत्तबंभयारी तस्स णं भगवओ एएणं विहारेणं विहरमाणस्स अनंते अनुत्तरे निव्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुन्नेण्णे केवलवरनाणदंसणे समुप्पज्जिहिति । तए णं से दढपइण्णे केवली बहूइं वासाइं केवलि-परियागं पाउणिहिति पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता सहिँ भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता जस्सहाए कीरइ नग्गभावे मुंडभावे अण्हाणए अदंतवणए केसलोए बंभचेरवासे अच्छत्तगं अणोवाहणगं भूमिसेज्जा फलहसेज्जा कट्ठसेज्जा परघरपवेसो लद्धावलद्धं परेहिं हीलणाओ निंदणाओ खिंसणाओ गरहणाओ तज्जाणाओ तालणाओ परिभवणाओ पव्वहणाओ उच्चावया गामकंडगा बावीसं परीसहोवसग्गा अहियासिज्जंति तमट्ठमाराहित्ता चरिमेहिं उस्सासनिस्सासेहिं सिज्झिहिति बुज्झि मुच्चिहिति परिनिव्वाहिति सव्वदुक्खाणमंतं करेहिति । [११] सेज्जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु पव्वइया समणा भवंति तं जहा- आयरियपडिणीया उवज्झायपडिणीया तदुभयपडिणीया कुलपडिणीया गणपडिणीया आयरिय-उवज्झायाणं अयसकारगा अवण्णकारगा अकित्तिकारगा बहूहिं असब्भावुब्भावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहिं य अप्पाणं च परं च तदुभयं च वुग्गाहेमाणा वुप्पाएमाणा विहरित्ता बहूइं वासाइं सामण्ण-परियागं पाउणंति पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं लंतए कप्पे देवकिब्बिसिएसु देवकिब्बिसियत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं तेरसागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, अणाराहगा सेसं तं चेव । सेज्जे इमे सण्णि-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया पज्जत्तया भवंति, तं जहा- जलयरा थलयरा खहयरा, तेसि णं अत्थेगइयाणं सुभेणं परिणामेणं पसत्थेहिं अज्झवसाणेहिं लेस्साहिं विसुज्जमाणीहिं तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापूह-मग्गण-गवेसणं करेमाणाणं सण्णीपुव्वजाइ-सरणे समुप्पजई । तए णं ते समप्पण्णजाइ-सरा समाणा सयमेव पंचाणव्वयाइं पडिवज्जंति पडिवज्जित्ता बहहिं सीलव्वय-गण-वेरमण-पच्चक्खाण-पोसहोववासेहिं अप्पाणं भावेमाणा बहई वासाइं आउयं । पालेत्ता भत्तं पच्चक्खंति पच्चक्खित्ता बहूई भत्ताइं अणसणाए छेदेति छेदेत्ता आलोइय-पडिक्कंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं सहस्सारे कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं सूत्तं-५१ अट्ठारस सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, परलोगस्स आराहगा, सेसं ते चेव । से जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसु आजीवया भवंति, तं जहा- दुघरंतरिया तिघरंतरिया सत्तघरंतरिया उप्पलबेंटिया घरसमुदाणिया विज्जुयंतरिया उट्टियासमणा, ते णं एया-रूवेणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाइं परियायं पाउणंति पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे दीपरत्नसागर संशोधितः] [30] [१२-उववाइय] Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं बावीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, अणाराहगा, सेसं तं चेव । सेज्जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु पव्वइया समणा भवंति, तं जहा- अत्तुक्कोसिया परपरिवाइया भूइकम्मिया भुज्जो - भुज्जो कोउयकारगा ते णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणा बहूइं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणंति पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे आभिओगिएसु देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं बावीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता अणाराहगा सेसं तं चेव । सेज्जे इमे गामागर-जाव सण्णिवेसु निण्हगा भवंति तं जहा- बहुरया जीवपएसिया अव्वत्तिया सामुच्छेइया दोकिरिया तेरासिया अबद्धिया, इच्चेते सत्त पवयणनिण्हगा केवलं चरियालिंगसामण्णा मिच्छद्दिट्ठी बहूहिं असब्भावुब्भावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहिं य अप्पाणं च परं च तदुभयं च वुग्गाहेमाणा वुप्पाएमाणा विहरित्ता बहूइं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणंति पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं उवरिमेसि गेवेज्जेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं एक्कतीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, परलोगस्स अणाराहगा, सेसं तं चेव । सेज्जे इमे गामागर-जाव सन्निवेसेसु मणुया भवंति तं जहा- अप्पारंभा अप्प-परिग्गहा धम्मिया धम्माणुया धम्मिट्ठा धम्मक्खाई धम्मप्पलोई धम्मपलज्जणा धम्मसमुदायारा धम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा सुसीला सुव्वया सुप्पडियाणंदा साहूहिं एगच्चाओ पाणाइवायाओ पडिविरया जावज्जीवा एगच्चाओ अपडिविरया एवं जाव परिग्गहाओ एगच्चाओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोहाओ पेज्जाओ दोसाओ कलहाओ अब्भक्खाणाओ पेसुन्नाओ परपरिवायाओ अरइरईओ मायामोसाओ मिच्छादंसणसल्लाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया । एगच्चाओ आरंभ-समारंभाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया, एगच्चाओ करण-कारवणाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया एगच्चाओ पयण-पयावणाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ पयण-पयावणाओ अपडिविरया, एगच्चाओ कोट्टण-पिट्टण-तज्जण-तालण-वह-बंधपरिकिलेसाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया, एगच्चाओ न्हाण-मद्दण-वण्णग- विलेवणसद्द-फरिस-रस-रूव-गंध-मल्लालंकाराओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया । जे यावणे तहप्पगारा सावज्जजोगोवहिया कम्मंता परपाणपरियावणकरा कज्जंति तओ वि एगच्चाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया तं जहा- समणोवासगा भवंति, अभिगयजीवाजीवा उवलद्धपुन्नपावा आसव-संवर- निज्जर - किरिया अहिगरण-बंधमोक्खकुसला असहेज्जा देवासुर-नागसुवण्ण-जक्ख-रक्खस-किन्नर - किंपुरिस- गरुल- गंधव्व-महोरगाइएहिं देवगणेहिं निग्गंथाओ पावयणाओ अणइक्कमणिज्जा निग्गंथे पावयणे निस्संकिया निक्कंखिया निव्वितिगिच्छा लद्धट्ठा गहियट्ठा पुच्छि-यट्ठा अभिगयट्ठा विणिच्छियट्ठा अट्ठिमिंजपेमाणुरागरत्ता अयमाउसो! निग्गंथे पावयणे अट्ठे अयं सूत्तं-५१ परमट्ठे सेसे अणट्ठे ऊसियफलिहा अवंगुयदुवारा चियत्तंतेउर- परधरदारप्पवेसा चाउद्दस - मुद्दिट्ठपुन्न - मासिणीसु पडिपुन्नं पोसहं सम्मं अनुपालेत्ता समणे निग्गंथे फासुएसणिज्जेणं असण- पाण- खाइम - साइमेणं वत्थपडिग्गह-कंबल-पायपुंछणेणं ओसहभेसज्जेणं पाडिहारिएणं य पीढ-फलग - सेज्जा - संथारएणं पडिला भेमाणा विहरंति विहरित्ता भत्तं पच्चक्खंति त बहूइं भत्ताइं अणसणाए छेदेंति छेदेत्ता आलोइयपक्किं [दीपरत्नसागर संशोधितः] [31] [१२-उववाइयं] Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं बावीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, आराहगा, सेसं तहेव । सेज्जे इमे गामागर-जाव सण्णिवेसेसु मण्या भवंति, तं जहा- अणारंभा अपरिग्गहा धम्मिया जाव कप्पेमाणा सुसीला सुव्वया सुपियाणंदा साहू सव्वाओ पाणाइवायाओ पडिविरिया जाव सव्वाओ परिग्गहाओ पडिविरया सव्वाओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोभाओ जाव मिच्छादसणसल्लाओ पडिविरया सव्वाओ आरंभ-समारंभाओ पडिविरया सव्वाओ करण-कारावणाओ पडिविरया सववाओ पयणपयावणाओ पडिविरया सव्वाओ कोट्टण-पिट्टण-तज्जण-तालण-वह-बंध-परिकिलेसाओ पडिविरया सव्वाओ ण्हाण-मद्दण-वण्णग-विलेवण-सद्द-फरिस-रस-रूव-गंध-मल्लालंकारराओ पडिविरया जे यावण्णे तहप्पागारा सावज्जजोगोवहिया कम्मंता परपाणपरियावणकरा कज्जंति तओ वि पडिविरया जावज्जीवे | से जहानामए अणगारा भवंति- ईरियासमिया भाससमिया जाव इणमेव निग्गंथं पावयणं पुरओ काउं विहरंति तेसिं णं भगवंताणं एएणं विहारेणं विहरमाणाणं अत्थेगइयाणं अनंते जाव केवलवरनाण-दंसणे समुप्पज्जइ, ते बहूइं वासाइं केवलपरियागं पाउणंति पाउणित्ता भत्तं पच्चक्खंति पच्चक्खित्ता बहूई भत्ताइं अणसणाए छेदेति छेदेत्ता जस्सट्ठाए कीरइ नग्गभावे जाव मंतं करेंति । जेसि पि य णं एगइयाणं नो केवलवरनाणंदसणे समप्पज्जइ, ते बहइं वासाइं छउमत्थपरियागं पाउणंति पाउणित्ता आबाहे उप्पन्ने वा अनुप्पन्ने वा भत्तं पच्चक्खंतिं ते बहूई भत्ताई अनसणाए छेदेति छेदेत्ता जस्सट्ठाए कीरइ नग्गभावे जाव तमट्ठमाराहित्ता चरिमेहिं उस्सासनिस्सासेहिं अनंतं अनुत्तरं निव्वाघायं निरावरणं कसिणं पडिपुन्नं केवलवरनाणदंसणं उप्पाडेंति, तओ पच्छा सिज्झिहिंति जाव मंतं करेहिति । एगच्चा पुण एगे भयंतारो पुव्वकम्मावसेसेणं कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं सव्वदृसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई, आराहगा सेसं तं चेव । सेज्जे इमे गामागर जाव- सन्निवेसेसु मणुया भवंति, तं जहा- सव्वकामविरया सव्वरागविरया सव्वसंगातीता सव्वसिणेहाइक्कंता अक्कोहा निक्कोहा खीणक्कोहा एवं माणमायालोहा अनुपुव्वेणं अट्ठ कम्मपयडीओ खवेत्ता उप्पिं लोयग्गपइट्ठाणा भवंति । [२] अणगारे णं भंते! भावियप्पा केवलिसमग्घाएणं समोहणित्ता केवलकप्पं लोयं फुसित्ता णं चिट्ठइ? हंता चिट्ठइ, से नूणं भंते! केवलकप्पे लोए तेहिं निज्जरापोग्गलेहिं फुडे? हंता फुडे, छउमत्थे णं भंते! मणुस्से तेसिं निज्जरापोग्गलाणं किंचि वण्णेणं वण्णं गंधेणं गंधं रसेणं रसं फासेणं फासं जाणइ पासइ? गोयमा! नो इणढे समढे । से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ-छउमत्थे णं मणुस्से तेसिं निज्जरापोग्गलाणं नो किंचि वण्णेणं वण्णं जाव जाणइ पासइ? गोयमा! अयं णं जंबुद्दीवे दीवे सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वब्भंतराए सव्व सूत्तं-१२ खुड्डाए वट्टे तेल्लपूयसंठाणसंठिए वट्टे रहचक्कवालसंठाणसंठिए वट्टे पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिए वट्टे पडिपुन्नचंदसंठाणसंठिए एक्कं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साई सोलससहस्साइं दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अद्धंगुलियं च किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं पन्नत्ते, देवे णं महिड्ढीए महज्जुतीए महब्बले महाजसे [दीपरत्नसागर संशोधितः] [32] [१२-उववाइयं] Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महासोक्खे महाणुभावे सविलेवणं गंधसमग्गयं गिण्हइ गिण्हित्ता तं अवदालेइ अवदालेत्ता जाव इणामेव त्ति कट्टि केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं तिहिं अच्छरा-निवाएहिं तिसत्तखुत्तो अनुपरियट्टित्ता णं हव्वमागच्छेज्जा । से नूणं गोयमा! से केवलकप्पे जंबूद्दीवे दीवे तेहिं घाणपोग्गलेहिं फुडे? हंता फुडे, छउमत्थे णं गोयमा! मणुस्से तेसिं घाणपोग्गलाणं किंचि वण्णेणं वण्णं जाव जाणइ पासइ? भगवं! नो इणढे समढे, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ-छउमत्थे णं मणुस्से तेसिं निज्जरा-पोग्गलाणं नो किंचि वण्णेणं वण्णं जाव जाणइ पासइ, एसुहमा णं ते पोग्गला पन्नत्ता, समणाउसो! सव्वलोयं पि य णं ते फुसित्ता णं चिट्ठति । कम्हा णं भंते! केवली समोहणंति? कम्हा णं केवली समुग्धायं गच्छंति? गोयमा! केवलीणं चत्तारि कम्मंसा अपलिक्खीणा भवंति, तं जहा- वेयणिज्जं आउयं नाम गोत्तं, सव्वबहुए से वेयणिज्जे कम्मे भवइ, सव्वत्थोवे से आउए कम्मे भवइ, विसमं समं करेइ बंधणेहिं ठिईहि य, विसमसमकरणयाए बंधणेहिं ठिईहि य एवं खलु केवली समोहणंति एवं खलु केवली समुग्धायं गच्छंति, सव्वे वि णं भंते! केवली समुग्घायं गच्छंति नो इणढे समढे । [१३] अकिया णं समुग्घायं अनंता केवली जिणा । ___ जरमरणविप्पमुक्का सिद्धिं वरगइं गया ।। [१४] कइ समए णं भंते! आवज्जीकरणे पन्नत्ते? गोयमा! असंखेज्जसमइए अंतोमुहुत्तिए पन्नत्ते । केवलिसमुए णं भंते कइसमइए पन्नत्ते? गोयमा! अट्ठसमइए पन्नत्ते तं जहा- पढमे समए दंडं करेइ, बीए समए कवाडं करेइ, तइए समए मंथं करेइ, चउत्थे समए लोयं पूरेइ, पंचमे समए लोयं पडिसाहरइ, छठे समए मंथं पडिसाहरइ, सत्तमे समए कवाडं पडिसाहरइ, अट्ठमे समए दंडं पडिसाहरइ, पडिसाहरित्ता सरीरत्थे भवइ । से णं भंते! तहा समुग्घायगए किं मणजोगं झुंजइ, वयजोगं जुंजइ, कायजोगं जुंजइ? गोयमा! नो मणजोगं मुंजइ, नो वयजोगं जुंजइ, कायजोगं जुंजइ । कायजोगं जुजमाणे किं ओरालियसरीरकायजोगं जुजइ, ओरालियमीसासरीरकायजोगं जुजइ, वेठब्वियसरीरकायजोगं जुजइ, आहारगसरीकायजोगं जुजइ, आहारगमीसासरीकायजोगं जुजइ, कम्मगसरीरकाजोगं जुजइ? गोयमा! ओरालियसरीरकायजोगं मुंजइ ओरालियमीसासरीरकायजोगं पि जुजइ नो वेउव्विय-सरीरकायजोगं झुंजइ नो वेउव्वियमीसासरीरकायजोगं जुजइ नो आहारगसरीरकायजोगं गँजड़ नो आहारगमीसासरीकायजोगं जुंजई कम्मगसरीरकायजोगं पि जुंजइ, पढमट्ठमेसु समएसु ओरालियसरीरकायजोगं जुजइ बिइय-छट्ठ-सत्तमेसु समएसु ओरालिमीसा-सरीरकायजोगं जुंजइ, तइयचउत्थ-पंचमेहिं कम्मसरीकाय से णं भंते! तहा समुग्घायगए सिज्झइ बुज्झइ मुच्चड़ परिनिव्वाइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ? सूत्तं-१४ नो इणडे समढे, से णं तओ पडिणियत्तइ पडिणियत्तित्ता इहमागच्छइ आगच्छित्ता तओ पच्छा मणजोगं पि जुंजइ वयजोगं पि जुंजइ कायजोगं पि जुंजइ । दीपरत्नसागर संशोधितः] [33] [१२-उववाइय] Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मणजोगं जुजमाणे किं सच्चमणजोगं जुजइ मोसमणजोगं मुंजइ सच्चामोसमणजोगं मुंजड़ असच्चामोसणजोगं जुंजइ? गोयमा! सच्चमणजोगं जुंजइ नो मोसमणजोगं जुंजइ नो सच्चामोसमणजोगं सृजइ असच्चामोसमणजोगं पि जुंजइ । वयजोगं जुजमाणे किं सच्चवइजोगं मुंजइ मोसवइजोगं जुंजइ सच्चामोसवइजोगं गँजड़ असच्चामोसवइजोगं मुंजइ? गोयमा! सच्चवइजोगं मुंजइ नो मोसवइजोगं मुंजइ नो सच्चामोसवइजोगं जुंजइ असच्चामोसवइजोगं पि जुंजइ । कायजोगं मुंजमाणे आगच्छेज्ज वा चिद्वेज्जा वा निसीएज्जा वा तुयडेज्ज वा उल्लंघेज्ज क्खेवण वा तिरिक्खेवणं वा करेज्जा पाडिहारियं वा पीढ-फलग-सेज्जासंथारगं-पच्चप्पिणेज्जा । ___ [१५] से णं भंते! तहा सजोगी सिज्झइ जाव अंतं करेइ? नो इणढे समढे, से णं पुव्वामेव संण्णिस्स पंचिंदियस्स पज्जत्तगस्स जहन्नजोगस्स हेट्ठा असंखेज्जगण-परिहीणं पढमं मणजोगं निरंभइ, तयाणंतरं च णं बिंदियस्स पज्जत्तगस्स जहन्नजोगस्स हेट्ठा असंखेज्जगुणपरिहीणं विइयं वइजोगं निरंभइ, तयाणंतरं च णं सुहमस्स पणगजीवस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णजोगिस्स हेट्ठा असंखेज्जगुणपरिहीणं तइयं कायजोगं निरंभइ, से णं एएणं उवाएणं पढमं मणजोगं निरंभइ निरुंभित्ता वयजोगं निरंभइ निलंभित्ता कायजोगं निरंभइ निरुभित्ता जोगनिरोह करेइ करेत्ता अजोगत्तं पाउणइ पाउणित्ता ईसिंहस्सपंचक्खरुच्चा-रणद्धाए असंखेज्जसमइयं अंतोमुहत्तियं सेलेसिं पडिवज्जइ पुव्वरइयगुणसेढीयं च णं कम्मं तीसे सेलेसिमद्धाए असंखेज्जाहिं गुणेसेढीहिं अनंते कम्मंसे खवयंतो वेयणिज्जाउयनामगोए इच्चेत्ते चत्तारि कम्मते जुगवं खवेइ वेदणिज्जा खवेत्ता ओरालियतेयकम्माई सव्वाहिं विप्पज-हणाहिं विप्पजहित्ता उज्जुसे-ढीपडिवण्णे अफुसमाणगई उड्ढे एक्कसमएणं अविग्गहेणं गंता सागरोवउत्ते सिज्झइ ते णं तत्थ सिद्धा हवंति सादीया अपज्जवसिया असरीरा जीवघणा दंसणनाणोवउत्ता निट्ठियट्ठा निरेयणा नीरया निम्मला वितिमिरा विसुद्धा सासयमणागयद्धं कालं चिट्ठति | से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ ते णं तत्थ सिद्धा भवंति सादीया अपज्जवसिया जाव चिट्ठति? गोयमा! से जहानामए बीयाणं अग्गिदड्ढाणं पुणरवि अंकुरप्पत्ती न भवइ, एवामेव सिद्धाणं कम्मबीए दड्ढे पुणरवि जम्मुप्पत्ती न भवइ, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ- ते णं तत्थ सिद्दा भवंति सादीया अपज्जवसिया जाव चिट्ठति । जीवा णं भंते! सिज्झमाणा कयरंमि संघयणे सिज्झंति? गोयमा! वइरोसभनारायसंघयणे सिज्झंति, जीवा णं भंते सिज्झमाणा कयरंमि संठाणे सिज्झंति? गोयमा! छण्हं संठाणाणं अण्णयरे संठाणे सिज्झंति । जीवा णं भंते! सिज्झमाणा कयरंमि उच्चत्ते सिज्झंति? गोयमा! जहन्नेणं सत्तरयणीए उक्कोसेणं पंचधणुस्सए सिज्झंति । सूत्तं-५५ दीपरत्नसागर संशोधितः] [34] [१२-उववाइयं Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जीवा णं भंते! सिज्झमाणा कयरंमि आउए सिज्झंति? गोयमा! जहण्णेणं साइरेगट्ठवासाउए उक्कोसेणं पुव्वकोडियाउए सिज्झंति । अत्थि णं भंते! इमीसे रयणप्पहाए पुढवीए अहे सिद्धा परिवसंति? नो इणढे समढे, एवं जाव अहेसत्तमाए, अत्थि णं भंते! सोहम्मस्स कप्पस्स अहे सिद्धा परिवसंति? नो इणढे समढे, एवं सव्वेसिं पुच्छा, ईसाणस्स सणंकुमारस्स जाव अच्चुयस्स गेवेज्जविमाणाणं अनुत्तरविमाणाणं अत्थि णं भंते! ईसीपब्भाराए पुढवीए अहे सिद्धा परिवसंति? नो इणढे समढे, ___से कहिं खाइ णं भंते! सिद्धा परिवसंति? गोयमा इमीसे रयणप्पहाए पुढवीए बहसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उड्ढं चंदिम-सूरिय-गहगण-नक्खत्त-तारारूवाणं बहूइं जोयणाई बहूइं जोयणसयाइं बहूइं जोयणसहस्साइं बहूइं जोयणसयसहस्साइं बहूओ जोयणकोडीओ बहूओ जोयणकोडाकोडीओ उड्ढं दूरं उप्पइत्ता सोहम्मीसाण-सणंकमार-माहिंद-बंभ-लंतग-महासक्क-सहस्सार-आणय-पायणआरण-अच्चुए तिण्णि य अट्ठारे गेविज्जविमाणावाससए वीईवइत्ता विजय-वेजयंत-जयंत-अपराजियसव्वट्ठसिद्धस्स य महाविमाणस्स सव्वुवरिल्लाओ थूभियग्गाओ दुवालसजोयणाई अबाहाए एत्थ णं ईसीपब्भारा नाम पुढवी पन्नत्ता पणयालीसं जोयणसयसहस्साइं आयाम-विक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बायालीसं च सयसहस्साइं तीसं च सहस्साइं दोण्णि य अउणापन्ने जोयणसए किंचि विसेसाहिए परिरएणं, ईसीपब्भाराए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभाए अट्ठजोयणिए खेत्ते अट्ठ जोयणाइं बाहल्लेणं तयाणंतरं च णं मायाए-मायाए परिहायमाणी-परिहायमाणी सव्वेसु चरिम-पेरंतेसु मच्छियपत्ताओ तणुयतरी अंगुलस्स असंखेज्जइभागं बाहल्लेणं पन्नत्ता । ईसीपब्भाराए णं पुढवीए दुवालस नामधेज्जा पन्नत्ता, तं जहा- ईसी इ वा ईसीपब्भरा इ वा तणू इ वा तणुयरी इ वा सिद्धी इ वा सिद्धालए इ वा मुत्ती इ वा मुत्तालए इ वा लोयग्गे इ वा लोयग्गथूभिगा इ वा लोयग्गपडिबुज्झाणा इ वा सव्वपाण-भूय-जीव-सत्त-सुहावहा इ वा । ईसीपब्भारा णं पुढवी सेया संखतल-विमलसोल्लिय-मुणाल-दगरय-तुसार-गोक्खीर-हारवण्णा उत्ताणयछत्तसंठाणसंठिया सव्वज्जुणसवण्णगमई अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा नीरया निम्मला निप्पंका निक्कंकडच्छाया समरीचिया सुप्पभा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा, ईसीपब्भार ए सीयाए जोयणमि लोगंते, तस्स जोयणस्स जे से उवरिल्ले गाउए तस्स णं गाउयस्स जे से उवरिल्ले छब्भागे तत्थ णं सिद्धा भगवंतो सादीया अपज्जवसिया अणेगजाइजरा-मरण-जोणि-वेयणं संसारकलंकलीभाव-पुणब्भवगब्भवासवसही-पवंचं अइक्कंता सासय-मणागयद्धं चिट्ठति । [१६] कहिं पडिहया सिद्धा कहिं सिद्धा पइट्ठिया । कहिं बोदिं चइत्ताणं कत्थ गंतुणं सिज्झई ।। [१७] अलोगे पडिहया सिद्धा लोयग्गे य पइट्ठिया । इहं बोंदिं चइत्ताणं तत्थ गंतूण सिज्झई ।। [१८] जं संठाणं तु इहं भवं चयंतस्स चरिमसमयंमि । आसी य पएसघणं तं संठाणं तहिं तस्स ।। सूत्तं-५९ [दीपरत्नसागर संशोधितः] [35] [१२-उववाइयं] Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [५९] दीहं वा हस्सं वा जं चरिमभवे हवेज्ज संठाणं । तत्तो तिभागहीणा सिद्धाणोगाहणा भणिया ।। [६०] तिण्णि सया तेत्तीसा धत्तिभागो य होइ बोद्धव्वो । एसा खलु सिद्धाणं उक्कोसोगाहणा भणिया ।। [६१] चत्तारि य रयणीओ रयणितिभागूणिया य बोद्धव्वा । एसा खलु सिद्धाणं मज्झिमओगाहणा भणिया ।। [६२] एक्का य होइ रयणी साहीया अंगुलाइ अट्ठ भवे । एसा खलु सिद्धाणं जहण्णओगाहणा भणिया ।। [६३] ओगाहणाए सिद्धा भव-तिभागेण हॉति परिहीणा । संठाणमणित्थंथं जरा मरण विप्पमुक्काणं ।। [६४] जत्थ य एगो सिद्धो तत्थ अनंता भवक्खयविमुक्का । अण्णोण्णसमोगाढा पट्ठा सव्वे य लोगंते ।। [६५] फुसइ अनंते सिद्धे सव्वपएसेहिं नियमसो सिद्धा । ते वि असंखेज्जगुणा देसपएसेहिं जे पुट्ठा ।। [६६] असरीरा जीवघणा उवउत्ता दंसणे य नाणे य । सागारमणागारं लक्खणमेयं तु सिद्धाणं ।। [६७] केवलनाणुवउत्ता जाणंती सव्वभावगुणभावे । पासंति सव्वओ खलु केवलदिट्ठीहि अणंताहिं ।। [६८] न वि अत्थि माणुसाणं तं सोक्खं न वि य सव्वदेवाणं । जं सिद्धाणं सोक्खं अव्वाबाहं उवगयाणं ।। [६९] जं देवाणं सोक्खं सव्वद्धापिंडियं अनंतगुणं । न य पावइ मुत्तिसुहं णंताहिं वग्गवग्गूहीं ।। [७०] सिद्धस्स सुहो रासी सव्वद्धापिंडिओ जइ हवेज्जा । सोऽणंतवग्गभइओ सव्वागासे न माएज्जा ।। [७१] जह नाम कोइ मिच्छो नगरगणे बहुविहे वियाणंतो । न चएइ परिकहेउं उवमाए तहिं असंतीए । [७२] इय सिद्धाणं सोक्खं अणोवमं नत्थि तस्स ओवम्मं । किंचि विसेसेणेत्तो ओवम्ममिणं सुणह वोच्छं ।। [७३] जह सव्वकामगुणियं पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोई । तण्हाछुहाविमुक्को अच्छेज्ज जहा अमियतित्तो ।। [७४] इय सव्वकालतित्ता अउलं निव्वाणमुवगया सिद्धा । सासयमव्वाबाहं चिट्ठति सुही सुहं पत्ता ।। [७५] सिद्धत्ति य बुद्धत्ति य पारगयत्ति य परंपरगय त्ति । उम्मुक्क-कम्म-कवया अजरा अमरा असंगा य ।। सूत्तं-७६ [दीपरत्नसागर संशोधितः] [36] [१२-उववाइयं] Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [76] निच्छिण्णसव्वदुक्खा जाइजरामरणबंधणविमुक्का / अव्वाबाहं सुक्खं अणुहोंती सासयं सिद्धा / / [77] अतुलसुहसागरगया अव्वाबाहं अणोवमं पत्ता / सव्वमणागयमद्धं चिट्ठति सुही सुहं पत्ता / / मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादितश्च उववाइयं 12 / उववाइयं-पढम उवंग समत्तं दीपरत्नसागर संशोधितः] [37] [१२-उववाइय