Book Title: Yogshastram
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

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Page 16
________________ यारा अनु ३६४ २ ३६५ १ शास्त्रम् ॥८॥ १९१ शकुनद्वारेण कालज्ञानम् १९२ आतुरशकुनेन कालज्ञानम् १६३ उपश्रुत्वा कालज्ञानम् १९४ शनैश्वरपुरुषेण कालज्ञानम् १९५ प्रश्नलग्नानुसारेण कालज्ञानम् १९६ मेषादिराशिषु लग्नाधिपतयः १९७ यन्त्रद्वारेण कालज्ञानम् १९८ विद्यया कालज्ञानम् १९९ जयपराजयज्ञानोपायः २०० प्रकारान्तरेण कालज्ञानम् २०१ पवननिश्चयोपायः २०२ बिन्दुनिरीक्षणोपायः २०३ बिन्दुज्ञानात् पवननिश्चयः २०४ अनिष्टनाडीविपरीतकरणोपायः २०५ नाडीशुद्धिः १९९१ । २०६ नाडीसंचारज्ञाने फलम् २०७ वेधविधिः ( परकायप्रवेशविधिः) ३५९ २ षष्ठः प्रकाशः २०८ परकायप्रवेशस्यापारमार्थिक्यम् ३६० २ २०६ प्राणायामस्य मोक्षं प्रति अहेतुत्वम् ३६० २ २१. प्रत्याहारस्वरूपम् २११ धारणास्थानानि ३६१ २ २१२ धारणाफलम् ३६२ २ सप्तमः प्रकाश २१३ ध्यानविधित्सोः क्रमः ३६४१ २१४ ध्यातृस्वरूपम् ३६४ १ २१५ ध्येयस्वरूपम् .२१६ धारणापञ्चकम्-पृथिवीधारणा २१७ आग्नेयीधारणा ३६६ १ ३६६ १ ३६६ २ ३६६ २ ३६७ १ ३६७ १ ॥ ८॥ in Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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