Book Title: Yogik Mudrae Mansik Shanti Ka Safal Prayog Author(s): Saumyagunashreeji Publisher: Prachya VidyapithPage 10
________________ viii... यौगिक मुद्राएँ मानसिक शान्ति का एक सफल प्रयोग : गारमेन्ट एसेसरिज का व्यवसाय करते हुए भी आप अपनी दैनिक धार्मिक क्रियाओं में अत्यन्त चुस्त हैं। आपके परिवार में नियमतः पूजापाठ, सामायिक-स्वाध्याय, रात्रिभोजन त्याग आदि श्रावक योग्य समस्त आचार धर्मों का पालन किया जाता है। मानव सेवा एवं जीव दया में आप विशेष रूप से रुचिवन्त हैं। आपके द्वारा गढ़ सिवाना में Eye Campl भी लगाया गया और इसी तरह के कई अन्य कार्य भी सम्पन्न किए गए हैं। चंपावाड़ी सिवाना, श्री जिनकुशलसूरि दादाबाड़ी - बैंगलोर, अनुभव स्मारक - पाली आदि कई धर्म स्थानों एवं सामाजिक संगठनों में भंसाली परिवार का अनूठा वर्चस्व है। धर्मपत्नी श्रीमती खम्मा देवी जीवन संगिनी बनकर हर क्षेत्र में आपका सहयोग करती हैं और आपको धर्म कार्यों के लिए प्रोत्साहित भी। आपके सुपुत्र प्रवीण - प्रकाश - अंकेश एवं सुपुत्री रंजना - पद्मा - विनीता भी आपके पद चिह्नों पर अग्रसर हैं। पूज्या गुरुवर्य्या शशिप्रभा श्रीजी म.सा. से आपका जुड़ाव लगभग 35 वर्ष पुराना है। आपकी दो भतीजियाँ भी पूज्या श्री के चरणों में दीक्षस्थ हैं। पूज्या श्री से आपके परिवार का अत्यन्त आत्मीय सम्बन्ध रहा है अतः विगत 8-10 वर्षों से पूज्या सज्जनमणि गुरुवर्य्या श्री की निश्रा में नव्वाणु करवाने की प्रबल भावना थी जो अब साकार रूप लेने वाली है। सन् 2013 बाबू माधवलाल धर्मशाला में हो रहे पूज्या श्री के चातुर्मास का भी पूर्ण लाभ आप ले रहे हैं। नव्वाणु यात्रा की विनंती हेतु जब आप कोलकाता पधारे उस समय साध्वी सौम्यगुणाजी के शोध ग्रन्थ श्रृंखला प्रकाशन के बारे में आपको ज्ञात हुआ तो आपने सहर्ष रूप से एक पुस्तक प्रकाशन में सहयोगी बनने की भावना अभिव्यक्त की जो आज साकार रूप लेने जा रही है। सज्जनमणि ग्रन्थमाला आपके सत्कार्यों एवं सदाचारी जीवन की अनेकशः अनुमोदना करते हुए यही मंगल कामना करता है कि आप इसी तरह स्व-पर सेवा में जागृत रहते हुए जिनशासन को देदीप्यमान करें।Page Navigation
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