Book Title: Yog Pradip
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Hemchand Savchand Shah

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Page 769
________________ ( ७३३ ) योगप्रदीपग्रन्थस्य शुद्धिपत्रकम् । पृष्ठ द्वयी ๙ แ” अशुद्धं दीपकं प्रदीपकं द्वय बाध बोध वतित्वं वतित्त्वं ध्रौव्योत्पाद । उत्पादव्यय व्ययेनाऽपि ।ध्राव्यन वध लाका लोका आहद्धर्मप्रदीपे योगप्रदीपे मुपप # वेद्य # # # # # # # # # लन्प दांच नांच सर्वता लम्प दांश्च नाञ्चैव सर्वतो १ स्त्रीपुरुष संयोगोऽपि महो ५म मयो । प्ररि # # # # शून्यं

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