Book Title: Yog Pradip Author(s): Mangalvijay Publisher: Hemchand Savchand Shah View full book textPage 776
________________ ( ७४० ) अशुद्धं ध्यश्च ध्यायश्च ३६० नेक नैक नव नव चारकम् पधि वारकः पाधि तग्दु पांस्थ संघा तद्ग. पस्थि संधा तषु .. ४०० जयं ४०१ पका प्रका ४०३ ४०४ माग्ने मार्ग शुभो ४०७ काग्ने मार्ग शुभौ कुष्ठादि तच्च ण्द्रि नस्तथा कस्तुरी तश्च न्द्रि तस्तथा ४१४ ४१४ ४२१ ४२३Page Navigation
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