Book Title: Yog Pradip
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Hemchand Savchand Shah

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Page 779
________________ अशुद्धं ( ७४३ ) शुद्धं प्नो पृष्ठ . पंक्ति लो ५३६ स्पर्श संस्मरे महत्तत्त्व ५४८ स्वर संस्मृरे महानत्त्व द्भ सध्या मोक्षस्य तेभ ५५२ सद्धया मोक्षस्य चैव ५५६ का वाहिन वादि fil:11.413**2250** * को वहिन व्यादि द्वय नैक ५७१ ५७२ ५७३ ५७४ ५७४ ५३५ ५७६ तुर्य यत्पु यत्यु त्तितः त्तितः ५८० चैव ५८० H

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