Book Title: Yog Ek Chintan
Author(s): Fulchandra Shraman, Tilakdhar Shastri
Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti

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Page 282
________________ इस प्रकार श्री मद्भागवत् के निर्माता महर्षि व्यास ने मानवता के विकास के लिये उपयुक्त जिन तीस गुणो का वर्णन क्यिा है, वे ऐसे गुण हैं जो साम्प्रदायिकता की संकीर्णतानो से मुक्त है, सर्व-जनोपयोगी है, मानव-मात्र के लिये ग्राह्य हैं और जैनत्व के सिद्वान्तो का समर्थन करनेवाले है। ar २५४] [योग . एक चिन्तन

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