Book Title: Vitrag Vigyana Pathmala 1
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 29
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates जम्बूस्वामी 1 बहिन - अन्तिम तीर्थंकर भगवान महावीर पूर्ण वीतरागी और सर्वज्ञ थे उनके बाद भी कोई पूर्ण वीतरागी और सर्वज्ञ हुआ ? भाई - हाँ ! हाँ!! क्यों नहीं हुए? उनके बाद गौतम स्वामी, धर्माचार्य और जम्बूस्वामी पूर्ण वीतरागी और केवलज्ञानी हुए । इस युग के अन्तिम केवली जम्बूस्वामी ही हैं। बहिन - तो महावीर स्वामी के समान जम्बूस्वामी भी राजकुमार होंगे ? भाई - नहीं बहिन, वे तो राजगृह नगर के एक राजमान्य सेठ के पुत्र थे। उनके पिता का नाम अर्हद्दास और माता का नाम जिनमती था। जम्बूकुमार का जन्म फाल्गुन की पूर्णिमा को हुआ था। श्रेष्ठिपुत्र जम्बूकुमार का राजा श्रेणिक के दरबार में एवं तत्कालीन समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान था। नगर के अनेक श्रीमंत अपनी गुणवती कन्याओं की शादी जम्बूकुमार से करना चाहते थे तथा चार कन्याओं की सगाई भी उनसे पक्की हो चुकी थी पर .............. बहिन - पर क्या ? भाई - पर वे तो बचपन से ही वैराग्य रस में पगे हुए थे। उनका मन तो आत्मा के अनन्त प्रतीन्द्रिय आनंद के लिए तड़प रहा था, अतः उन्होंने शादी करने से साफ इन्कार कर दिया । बहिन - इन्कार कर दिया ? पक्की सगाई तोड़ दी ? विवाह नहीं किया ? २६ Please inform us of any errors on [email protected]

Loading...

Page Navigation
1 ... 27 28 29 30 31 32 33 34 35