Book Title: Vidhipaksh Gacchiya Shravakna Daivasikadik Panch Pratikraman Sutra Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 8
________________ (६) ग्रंथोनां नाम. क्रमांक. पृष्ठ. ३ कुंथुनाथ तणी जाउं बलहारी जी कुंथु जि० १99 ४ पार्श्वजिन स्त० जिनजी गोडी मंगण पास. १७० ruu स्वरूपचंदजीकृतचोवीशी मांहेलांचारस्त० १७ ६ श्रीनेमनाथ स्त० बोल बोल रे प्रीतम० १८४ [us सुपो सुपो साहेब शामला० रेलो पार्श्व० १८४ एवं श्री अनंत जिनस्तवन सुजसानंदन. १८५ uru श्रीनेमिनाथ जिन स्त० राजुल कहे प्रिया नेमजी, गुण जाणो बो के ना. १८७ १०० अरिहंतस्तुति. अरिहंत तुंही, जगवंत० १०० १०१ तुंही नव निधि तुंही अष्टसिद्धि० बंद. १०० १०२ चोवीश तीर्थंकरोनां माता पितानां नाम. सयल जिणेसर प्रणमी पाय० १०३ डुमपुष्पिकाध्ययन सद्याय. धम्मो मंगल० १७३ १०४ उत्तराध्ययनसद्याय. असंखयंजी वियमा० १०३ १०५ श्री श्रादीश्वर विनति. सुए जिनवर० १०५ १०६ श्री श्रादीश्वरजीनी विनति. बे कर जो० १९८ १०७ श्री शांति जिनस्तवन. जिनेंद्र शांती० २०१ १०० खमतखामणांनुं स्तवन. अरिहंतपद० २०४ १०० क्षमासद्याय, जयनंजणरंजण० २०६ Jain Educationa International www.jainelibrary.org Only .... .... ...s १८५Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 220