Book Title: Vicharmala Granth Satik Pustak 1 to 8
Author(s): Anathdas Sadhu, Govinddas Sadhu
Publisher: Gujarati Chapkhana

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Page 8
________________ अनुक्रमणिका. विषय, प्रसंग अंक. पंचम विश्रामकी अनुक्रमणिका ५. जगतकी आत्मस्वरूपता १०१-११४. जगत्के मिथ्यात्वविषे प्रश्न और उत्तर. .... .... .... ६२-६३ अभोक्ता चैतन्य आत्माकी षट् उर्मी और विकारसे रहितता.... १४ आत्मामें मिथ्या तीन शरीरकी प्रतीतिका संभव. ज्ञानशून्य पुरुषको निदा. .... .... .... .... .... ६६ उपाधिसे ब्रह्ममें जगत्की प्रतीति .... .... .... .... ६७ जगतकी विवर्तरूपतामें दृष्टांत. .... .... ... .... ६८ जगत्की अनिवाच्यता. .... .... .... .... .... ६९ षष्ठ विश्रामकी अनुक्रमणिका ६० जगत्का मिथ्यात्व ११५-१२७. नगतके मिथ्यापनेकी रीतिका प्रश्न औ उत्तर. .... ... ७०-७१ मिथ्या जगत्की प्रतीतिमें शंका समाधान. .... ... .... ७२-७३ आत्माते भिन्न जगतकी असता. .... .... ... .... ७४-७५ सप्तम विश्रामकी अनुक्रमणिका ७. शिष्य अनुभव १२५-१४० शिष्यकरि गुरुद्वारा ज्ञात अर्थको प्रकटता. ... .... .... शिष्यका स्वानुभव. .... .... उक्त अर्थमें दृष्टांत सिद्धांत..... .... ... .... आत्माके कार्यकारणभाव और तीन भेदका निषेध. .... ... 808

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