Book Title: Vartaman Chovisi Pooja Vidhan Author(s): Vrundavandas Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya View full book textPage 5
________________ ३ statutetotkekattatak.tutakattitutetoteketstaketaketituatickete महा उग्र तपसूर नमस्ते । महा मौन गुणभूरि नमस्ते॥ धरमचक्रि बृषकेतु नमस्ते । भवसमुद्रशतसेतु नमस्ते ॥८॥ विद्याईस मुनीश नमस्ते । इंद्रादिकनुतशीस नमस्ते ॥ जय रतनत्रयराय नमस्ते । सकल जीवसुखदाय नमस्ते ॥ ६ ॥ अशरनशरनसहाय नमस्ते । भव्यसुपंथलगाय नमस्ते ॥ निराकार साकार नमस्ते । एकानेकअधार नमस्ते ॥१०॥ लोकालोकविलोक नमस्ते । त्रिधा सर्वगुनथोक नमस्ते ॥ सल्लदल्लदलमल्ल नमस्ते । कल्लमल्ल जितछल्ल नमस्ते ॥ ११ ॥ भुक्तिमुक्तिदातार नमस्ते। उक्तिसुक्ति श्रृंगार नमस्ते ॥ गुन अनंत भगवंत नमस्ते। जै जै जै जयवंत नमस्ते ॥ १२॥ इति पठित्व जिनचरणाने परिपुष्पांजलि क्षिपेत् ।Page Navigation
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