Book Title: Vaidyak Shabda Kosh
Author(s): Vishweshwar Dayalu Vaidyaraj
Publisher: Vishweshwar Dayalu Vaidyaraj

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Page 4
________________ - काकड़ा अंकोलः , " निधाय विश्वेशपदाम्बुज्हांदि विधायविन्ध्येश्वरिपादपंकजम् । बिलिख्य विश्वेश्वर वैद्यशास्त्रिणा प्रकाशते वैद्यक शब्द कोषकः। समस्तशास्त्राम्बुधिबीचिसचिताननेकशस्संस्कृतशब्द मौक्तिकान् । विचीयमानेन मयामकाशितो हितायतेषां खलु रोगहारिणाम् ।। | অলসূর্ণা अंकोटः पु० अंकोल, ढेरा सिंगी | अजाजी , सफेदजीरा अक्षः , वहेरा कालाजीरा अक्षीरं नपु० समद्रशोष अटरूषकः पु. अरूसा अक्षीव: पु० सहिजनां अतितपस्वनी सी० गोरखमुन्डी अंगारकः घमरा, कलि निगुन्डी हारी, पलास पुष्प | अतिबला । ,, ककहिया अंगारवल्लो स्त्री० भारगी अतिरुहा ,, मांसरोहिणी अग्निकः पु० भिलावा कपिकच्छू अग्निमुखी स्त्री० , | अतिलम्बी अग्निमंथ पु. इरणी अतिविषा अग्निसंस्पर्शा स्त्री० पर्पटी, सु- अदएडवः पु. सफेदएरड गंधद्रव्य उत्तरदेशे अधःशल्यः ,, चिरचिरा अग्निशिखा कलिहारी ,,चित्रक अगुर न० अगर (चीता) अंजनकेशी स्त्री० नीलका, ,, तुम्बुरु नाड़ीशाक (तेजबलके बोज) अजमोदा अजमोदिका " " अनन्ता स्त्री० धमासा अजरा स्त्री० कपिकच्छू (यवासा) (दोंदिया) अपराजिता ,, अपराजिता अजश्रंगका , मेदासिंगी (विष्णुकांता ,, सोंफ ,, अतीस अनलः अन्धकः स्त्री अजमोद अनार्यकः "अगर

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