Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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________________ 266 शब्द पृष्ठ सूत्र पं. शब्द पृष्ठ सूत्र पं. शब्द 3 संख 56 25 205 195 वेदण संख श्री औपपातिकसूत्रम् पृष्ठ सूत्र पं. 126 67 8 157 94 13 159 96 16 188 161 9 204 194 10 / 30 19 22 . 88 संख सख वेयण SA सख विहरमाण विहरमाण विहरेज्जा विहाडेंति विहिय वीइपसरित वीची वीण वीतियंग वीतीक्कंत वीतीवतित्ता वीरासणिय वीरिय वीसत्थ वुग्गाहेमाण वुग्गाहेमाण 138 71 1 149 86 17 194 171 3 198 182 16 77 44 2 संख संख 82 47 18 162 105 23 162 102 8 160 97 14 संखपाय संखपेच्छा संखाण संखादत्तिय संखित्त : संखिय 20 18. वेद 41 20 21 वेमाणिय 143 74 2 वेयण 23 15 14 वेयणा वेयणिज्ज 120 64 9 वेयणिज्ज 117 63 25 वेयणिज्ज 176 143 24 वेयणीय 176 140 2 वेयावच्च 67 36 15 वेयावच्च 169 119 19 वेरग्ग 4 1 1 वेरमण 183 155 16 वेरमण 186 160 1 वेरमण 156 93 7 183 155 16 वेरुलिय 186 160 1 वेलंबग 169 119 18 वेलंबग 179 146 18 वेलंबपेच्छा 184 156 7 169 119 19 196 176 2 196 176 3 वेसमण 149 86 17 वेसासिय 203 192 12 वेहाणसिग 119 64 12 वोच्छ 162 105 21 संकिट्ठ 164 109 1 | संकुल 139 71 145 79 172 120 115 63 119 64 संगत वुड्ढ वेरुलिय 14782 5 127 68 12 .180 148 13 23 15 14 94 51 19 33 19 20 108 57 16 वुप्पाएमाण संगत संगत संगय संगामिय संगोवंग वुप्पाएमाण 8 2 18 162 102 6 वूह संघ संघ वेस वेविय वेउब्विय वेउब्बियमीसा वेएमाण वेजयंत वेजयंती वेडंतियपाय 180 148 13 / 94 51 19 / संघयण 125 65 8 संघयण 167 117 संघयण 152 90 संघयण संघाइम संघाय 78 46 12 | संजमासंजम 73 41 4 147 82. 3 202 185 5 28 19 15 84 47 16 164 109 1. 84 47 16 142 73 3 195 10 वेढिम

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