Book Title: Uvavai Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kesharvijay
Publisher: ZZZ Unknown
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वातारकरा
मेरा धागा का विश्कते नामुरहणे केमिकल सरसर तैयार करा समय पिएव कुते एकदम लाइट मे सेककरी धंद यावयास हिंबरूहि तिला हिंसाहिबानावहिं सिरास हिमन्नवाहि दहियमहिलाहिं दाडिमरु सालक मालक तालवृक्ष पियंक
पचड या इकरामाण्टक एइस दिनप
कटक
सहक
1022218
धावहिदा हि काहिहिं कुडएहि कलांव हिसाव हिंफ पास हिं। दामिम हिंसाले पराया वृक्षराजवृक्ष नाम कर नंदा सरकनाम
रक्षाताई
हिता जे हित मालिहिं पिश्रपि
वृक्षवारकरी सर्वक्षसियन सर्व विदिशिन विघ संघले परिखौत्र हि पुरावा हिंरायकारक हिंगादि रुरके हिंसघनंसम सयसपर्वा तेनिनकुनामा लोकटकुली जादा अनेराहरू कडा कुकहां बालाभाषेऊडा. रविविषयम असोक आगवानीमा माघमा कलम
तासंपरिखित्रातां तिलयाला आवां दिन का सविस विसुद्द रकमला मूलमाता क विस्तर] [मूल मूल कडने वा लिकंदश्य सूर्य सधूमाथ मेरा बोलर हादिसर्वशबका रमणी क्या सादीयाऊ देवतां श्रमामा मोह कडा विशद व एदिर कृतनात खत्ता लियो । पालमपिमुपचष्टहासानामभिरुप 25 नमाता एते सिंवमनुशा लियो अवसिद्धि पविमश्रणा सुरमापासा दीयो दरिसणिका श्रति
६
BREA
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