Book Title: Updeshsaptatika
Author(s): Kshemrajmuni, 
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ पवार गाबा एतदर्षे महानिर्मन्यसंबन्धः (७६) १० निकृष्टकर्मकारिणो दुःखिन एव ..- ... १०० एतपरि मृगापुत्रकथा (७७)........ १०० एए जिनगुणोत्कीर्तनादिना बोधिखानोऽवर्णवादेन चाबोधिखानः .... अत्राः श्रीसुबुद्धिसचिवोदाहरणम् (७०)..... १५१ अवर्णवादोपरि कौशिकवणिग्दृष्टान्तः (ए) १९५ ६. धर्मतत्त्वाज्ञानामुजयलोके फुःखमेव अत्र वधूचतुष्कज्ञातम् (00) ..... .... १९३ ६१ पुण्योदयं विना धर्ममार्गस्य उर्लनत्वम् ... १एए ६३ मोक्षमार्गोन्मुखानामपि क्रोधादिवैरिणः पुण्यया पाथेयं हरन्ति - - ... १५५ ६३ जिनधर्मविमुखानामज्ञानकष्टेन नरकपातः ... १९५ 11 विषयाः अवार्षे पूरलाख्यानम् (०१) ... १९६ ६५-६५ अष्टमदत्यागाधिकारः ......... १ए जातिमदोपरि विप्रकथा (०१) .... कुखमदे श्रीमहावीरदृष्टान्तः (३).....! रूपमदोपरि सनत्कुमारकथा कथितपूर्वा बलमदे वसुनूतिकथा (०४) ... १एए श्रुतमदोपरि सागरचन्घदृष्टान्तः (०५) ३०० तपोमदं चौपदीपूर्वजवः, खाजमदे भाषाढनूतिः, ऐश्वर्यमदे रावणः, एते प्रसि छत्वान्नाममात्रेण दृष्टान्तिताः .... ६६ वाखाप्रमात्रप्रदेशः स्वजन्मना न रिकस्त थापि सुखं न प्राप्तः ६७ मनुष्यजवादियुर्खचत्वम् ... www.jainelibrary.org Jain Education Interational For Private & Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 506