Book Title: Upasakdashangasutram Author(s): Ghasilal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti View full book textPage 6
________________ २४ कोल्लाकसन्निवेशका वर्णन ९०-९३ २५ परिपद का वर्णन ९४-१८ २६ अभिगमनका वर्णन २७ जितशत्रू द्वारा की गइ भगवान महावीरकी स्तुति १००-१०१ २८ अभिगमका विचार १०२-१०४ २९ समवसरणका और आनन्द गाथापतिके विचारका वर्णन १०५-११० ३० भगवान् से धर्मकथाका श्रवण १११-११२ धर्मकथा ३१ लोकालोकस्वरूपका वर्णन ११३-११६ ३२ जीवाजीवादिस्वरूपका वर्णन ११७-११८ ३३ सवरादिके स्वरूपका वर्णन ११९-१२० ३४ नरकादिके स्वरूपका वर्णन १२१-१२२ ३५ प्राणातिपातादिके स्वरूपका वर्णन १२३-१२४ ३६ रागादिके स्वरूपका वर्णन १२५-१२६ ३७ मायामृपादिके स्परूपका वर्णन १२७-१२८ ३८ सुचीर्णकर्मादिके स्वरूपका वर्णन १२९-१३० ३९ चार्वाक मतविचार ४० निग्रंथ प्रवचन महिमाका वर्णन १३५-१३८ ४१ नरकादि गतिमाप्तिस्थानका निरूपण १३९-१४२ ४२ नरकादि गतिके स्वरूपका निरूपण १४३-१४६ ४३ अगारधर्मके स्परूपका वर्णन १४७-१५२ ४४ सामान्य अगार [गहस्थ] धमके स्वरूपका वर्णन १५२-१६० ४६ विशेषागार [श्रावक धर्मका निरूपणमें जीवादिके स्वरूपका निरूपण १६०-१६४ ४६ श्रावकार्म निरूपणमैं देवस्वरूपका निरूपण १६४-१६६ ४७ " नयाँकी मरूपणा १६६-१७८ स्याद्वादकी प्ररूपणा १७९-१८६ ४९ सप्तभद्गी-सातभगोका निरूपण १८७-१९३ ५० देवस्वरूपमा वर्णनम् । १९४-१९७ ५१ गुरु क स्वरुपमा निरूपण १९७-२०० ४८Page Navigation
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