Book Title: Trishashtishalakapurushcharitammahakavyam Parva 5 6 7
Author(s): Hemchandracharya, Ramnikvijay Gani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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श्लोकाः
८२
५५
पर्व सर्गः नाम ७ २ सुमालिन् ४ बिभीषण
खर शम्बूक सारण
पर्व सर्गः नाम ७ १२ पुरोधस्
मणिरत्न वर्धकित्न
सेनानीरत्न १३ अश्व
काकिणी गृहि चक्र चर्म छत्र दण्ड निस्त्रिंश पुरोधस् मणि वर्धकि सेनानी
अक्षकुमार इन्द्रजित् खर त्रिशिरस् दूषण बिभीषण वज्रमुख शम्बूक
श्लोकाङ्कः पर्व सर्गः नाम
श्लोकाङ्क: ७ ७ सुन्द सुमाल
१९८ ३७८
स्वयम्भू ३७८
हस्त ४५७
इन्द्रजित् ३७८
कुम्भकर्ण ३७४
बिभीषण
मेघवाहन
९ बिभीषण १६८ १३
१० बिभीषण १५ ३२
राक्षसवंशीयविद्याधरी
७ १ इन्द्राणी २७२
कैकसी चन्द्रणखा
१४४
१४२ १६२
सुन्द
देवी
स्त्री
१३२ १६२
अर्क अश्वरथ इन्द्रजित् उद्दाम कामाक्ष
६
८
कुम्भ
३३ १९७
'
८२ १९५ ८२
३७८
४३
१९६
३३
१५८
१११
१२७
२७३
oro
१९८
हस्तिन्
रथ अर्हद्रथ ब्रह्मरथ
राक्षसवंशीयविद्याधर कीर्तिधवल कुम्भकर्ण घनवाहन तडित्केश दशमुख देवरक्षस् बिभीषण भानुकर्ण महारक्षस् मालिन् माल्यवान् मेघवाहन रत्नश्रवस् सुकेश सुमालिन् कुम्भकर्ण दशमुख मालिन् मेघवाहन रत्नश्रवस् रावण विभीषण
१५
प्रीतिमती शूर्पणखा श्रीचन्द्रा कैकसी चन्द्रणखा मन्दोदरी अनङ्गकुसुमा चन्द्रणखा चन्द्रणखा चन्द्रणखा त्रिजटा मन्दोदरी लङ्कासुन्दरी मन्दोदरी
राजा-राजपुत्र इन्दुषेण बिन्दुषेण विजयभद्र श्रीविजय श्रीषेण अनन्तसेन महेन्द्र श्रीविजय स्तिमितसागर अजितसेन कनकशक्ति क्षेमङ्कर नलिनकेतु मेरुमालिन् वज्रायुध
१७
५
१
८२
कुम्भकर्ण केतु गम्भीर घटोदर चन्द्र चन्द्रणख जम्बुमालिन् ज्वर धूम्राक्ष प्रहस्त बिभीषण बीभत्स मकर मय महोदर मारीच मालिन् मेघवाहन रत्नश्रवस् वज्रोदर शम्भु शुक सारण सिंहजघन सिंहरथ
var
१५० १४९
११५
३६०
१४७
१९
१०४
१६२
mamm or
१०६ १६०
सुकेश
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