Book Title: Triji Jain Shwetambar Conferenceno Report Author(s): Maganlal Chunilal Vaidya Publisher: Reception Committee View full book textPage 7
________________ न करतां तेओए संघभक्तिथी महत्पुन्य उपार्जन करी पोताना आत्माने निर्मळ कर्यो छे तेम उभय लोकमां शुयश साथे धन्यवाद प्राप्त कर्यो छे. रा. रा. बालाभाइ साहेब महाराजा साहेबनी स्वारीमा हता, पण तेओर्नु मन आ कॉन्फरन्स तरफ हमेश लागेलं तेमना पत्रोथी तथा तेमने धर्म विषयमा जे प्रश्नो काढी लेखो लखेला तेपरथी सुविदत थयुं छे. सत कृत्य, मनथी वचनथी अने कायाथी पण थाय छे ते सुप्रसिद्ध छे तो आवा शुभ चिंतनथी तेओश्री शु. भपुन्योपाजन करे तेमां नवाइ नथी. खास अनीवार्य कारणथी रिपोर्ट मोडो थयो छे ते बद्दल. श्रीसंघ दरगुजर करशे. आ रिपोर्ट छापवाना काममां श्रीसयाजीविजय अने लक्ष्मीविलास प्रेसना मेनेजर साहेबोए बतावेली काळजी माटे तेमनो आ स्थळे आभार मानवामां आवे छे. आ काम उपर दीवेला माहाशयोना प्रयासथी नीविघ्ने समाप्त थयं छे अने केटलाक अत्रे जेमना नामोनो उल्लेख करवामां आव्यो नथी एवा आ कार्यमां मदद करनार तमाम माहाशयोनो उपकार मानी आ प्रस्तावना समाप्त करी रिपोर्ट वांचवानी भलामण करीए छीए. माणेकलाल घेहेलाभाइ. फत्तेभाइ अमीचंद झवेरी. ची. सेक्रेटरी स्वा. मं. प्रमुख, स्वागतमंडळ. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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