Book Title: Trambavati Tirthmal
Author(s): Bhuvanchandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ [68] शांतियनेसर सोलमा रे लो, ब्यंब अठावीस त्यांहि रे सा० ॥५ आदिभुवन रलीआमणूं रे लो, ते छइ अति मनोहार रे सा० वीस ब्यंब यनजी तणां रे लो, पूजइ लहीइ पार रे सा० ॥६ कंसारीपुर राजीउ रे लो, भीड्यभंजन भगवंत रे सा० ब्यंब बावीसइ पूजतां रे लो, लहीइ सुष अनंत रे सा० ॥७ बीजइ देहरइ जइ नमूं रे लो, स्वामी ऋषभ यनंद रे सा० ब्यंब सतावीस वंदता रे लो, भविय मनि आनंद रे सा० ॥८ शकरपुरमां जांणीइ रे लो, पंच प्रासाद उत्तंग रे सा० भाव धरी यन पूजतां रे लो, लहीइ मुगति सुचंग रे सा० ॥९ ढाल अलबेलानी । राग काफी । अमीझरु आदइ लहुं रे लाल, सात ब्यंब सुविचार, जाउं वारी रे, सीतल स्वामी तृण्य व्यंबशुं रे लाल, पूज्यइ लहीइ पार, जाउं० महिर करु प्रभु माहरी रे लाल || १ ऋषभतणइ देहरइ नमुं रे लाल, श्री यनप्रतिमा वीस, जाउं० ऋद्धिवृध्य सुषसंपदा रे लाल, जे नर नांमई शीश, जा० ॥ २ सोमच्यंतामणि भोइरइ रे लाल, वंदुं ब्यंब हजार, जा० केसरचंदनि पूजतां रे लाल, लहीइ भवचा पार, जा० ॥ ३ सीमंधर बिराजता रे लाल, ब्यंब तिहां पणयाल, जा० दिओ दरशन प्रभु मुंहनइ रे लाल, साहिब परम दयाल, जा० ॥४ घूमइ पगलां गुरु तणां रे लाल, श्री हीरविजय सूरीस, जा० श्री विजयसेनसूरी तणुं रे लाल, वडूइ थूभ जगीस, जा० ॥५ संभवनाथ नव ब्यंबशुं रे लाल, महिमदपुर मांहां जांणि, जा० सोमचिंतामणि दस ब्यंबशुं रे लाल, छगडीवाडा ठाणि, जा० ॥६ सलतांनपुरमां शांतिजी रे लाल, सोल ब्यंब तस ठारि, जा० महिमदपुरि शांतिनाथजी रे लाल, ब्यंब अछइ अग्यार, जा० ।।७।। तीरथमाल पूरी हवी रे लाल, ओगण्यासी प्रासाद, जा० थंमकोरणी बहू दीपतां रे लाल, वाजि घंटनाद, जा० ॥८ श्री यन संष्या जाणीइ रे लाल, ब्यंब सह्या (?) सय वीस, जा० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18