Book Title: Trambavati Tirthmal Author(s): Bhuvanchandravijay Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 6
________________ [67] ऊंची सेरीमां हवई आवइ, पास तणो प्रासाद वधावर, अढार ब्यं चित भावइ हो० ॥ १४ वीमनाथनुं देहरूं साहमुं, इग्यार ब्यंब देषी शर नामूं, सकल पदारथ पामूं, हो० ॥ १५ सेगठापाडामांहि हवि सोहि बि प्रासादइ मनडुं मोहइ, पूजी पातिग धोइ हो० ॥ १६ सोमच्यंतामणि च्यंता यलइ, तेर ब्यंब तिहां पातिग गालई, भविलोकनइ पालइ, हो० ॥ १७ विमलनाथनि देहरि बीजइ, दस प्रतिमानी पूजा कीजइ, मानवभवफल लीजें, हो० ॥ १८ सालवी केरी पोलि ज षास, देहरामां नवपल्लव पास, ब्यंब पंच्योतिर तास, हो० ॥ १९ बीजी सालवी पोलि, बइ प्रासाद पूजो अंघोलि, केसर चंदन घोलि, हो० ॥ २० संभवनाथ जिन प्रतिमा वीस, मूंनिसुव्रतनइ नामूं सीस, भूयरि ब्यंब बावीस, हो० ॥ २१ ढाल । गिरथी नदीयां ऊतरि रे लो - ए देशी । होय प्रासाद सोहामणा रे लो, नदांनपुरमा जाणि रे साहेली शांतिजिनेसर दीपता रे लो, ब्यंब पनर सुठांणि रे सा० भाव धरी जिन पूजीइ रे लो | आंचली ॥ १ कतबपुर मांहि नमुं रे लो, त्रण्य भुवन सुषकार रे सा० ब्यंब तणी संख्या कहूं रे लो, राषु चित एक ठार रे सा० ॥ २ आदीसर पंच व्यंबशुं रे लो, पास भुवन दस ब्यंब रे सा० चऊद ब्यंब यनवर तणां रे लो, बइठा पास अचंब रे सा० ॥ ३ aण्य प्रासाद सोहामणां रे लो, निरषु नयण रसाल रे सा० अकबर पुर जाई करी रे लो, पूजउ परम दयाल रे सा० ॥४ वासुपूज्य यन बारमा रे लो, सात व्यंब छइ ज्यांहि रे सा० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18