Book Title: Tirthankar Parshwanath
Author(s): Ashokkumar Jain, Jaykumar Jain, Sureshchandra Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharti

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Page 6
________________ . प्रकाशकीय परमपूज्य उपाध्याय 108 श्री ज्ञानसागर जी महाराज के पावन आर्शीवाद से श्री गणेश संस्थान वाराणसी के आयोजकत्व में "तीर्थङ्कर पार्श्वनाथ (ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में) विषय पर एक संगोष्ठी दिनांक 19.10.97 से 21.10.97 तक श्री जम्बू स्वामी दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र मथुरा में सम्पन्न हुई इस संगोष्ठी में देश के ख्यातिलब्ध विद्वानों ने अपने शोधपूर्ण आलेखों का वाचन किया था। समाज की भावना थी कि इन आलेखों का शीघ्र प्रकाशन किया जाए, जिससे न केवल विद्वज्जनों, अपितु सर्वसाधारण जनों को भी इसका लाभ प्राप्त हो सके। . प्रसन्नता की बात है,कि प्राच्य श्रमण भारती ने अपने अल्प साधनों के होते हुये भी इसके प्रकाशन का निर्णय लिया और सम्प्रति इसका मुद्रित रूप आपके सामने प्रस्तुत है। सर्वप्रथम हम परम पूज्य उपाध्याय श्री के प्रति नमोऽस्त निवेदन करते हैं, जिनके माङ्गलिक आशीर्वाद से इसका प्रकाशन सम्भव हो सका, साथ ही ब्र. अतुल जैन एवं सम्पादकों के हम आभारी हैं, जिनकी प्रेरणा एवं परिश्रम के बिना यह कार्य संभव नहीं था। प्राच्य श्रमण भारती ने अब तक तीर्थङ्कर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा तथा प्रमेय कमलमार्तण्ड परिशीलन आदि अनेक लोकोपयोगी एवं विद्वज्जनोपयोगी ग्रन्थों का प्रकाशन किया है, जिनका सर्वत्र बहुशः समादर हुआ है। आशा है प्रस्तुत ग्रन्थ का भी पूर्ववत् सम्मानार्थ होगा। मंत्री रवीन्द्र कुमार जैन (नावला वाले) मु. नगर

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