Book Title: Tejbai Vrat Grahan Sazzaya Author(s): Suyashchandravijay, Sujaschandravijay Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 7
________________ डिसेम्बर-२००९ १०७ दिन प्रति सचित वीस, पांच विगय वली, साठि द्रव्य मुझ मोकलां ए ॥५॥ वाहणी(वाणहि?) जोडां पांच, तंबोल, अध सेर, वस्त्र वि(वी)स मुझ मोकलां ए ॥६॥ कुसुम भोग नि[षे]ध, जयणा कारणि, पांच वेहलि छ गाडला ए ॥७॥ अवर वाहन वली सात, उंट तुरंगम, पोठी बलद सहू मली ए ॥८॥ संपुन सय्या सात, आसन ओग(णि)णीस, सेर डोढ विलइपन ए ॥९॥ अब्रह्म तणो निषेध, गाऊ च्यालीस चिहू(हुं) दिसी(सि) दिन प्रति मोकलुं ए ॥१०॥ मासई नाहण पांच, खलकंकोडिई, नित अंघोल बे मोकली ए ॥११॥ दिन प्रति भात अधमण, पाणि(णी) छ घडा, पीवा वावरवा थईए ॥१२॥ अनंतकाय बत्रीस, बावीस अभख्य, जावजीव कलपइ नही ए ॥१३॥ गहूं चोखा तिल जारि, चोला मठ चिणा, मग अडदनई बाजरी ए ॥१४॥ कलथी बरटी कांग-अलसी ओली(लि)या, तुयरि झालर जव मेथी ए ॥१५॥ नागली लांग मसुर, चीणो कोदरा, धानजाति मुझ मोकली ए ॥१६।। अवर सवइं पचखाण, राजकदैवकइं, कालादि तगरणि जयणा ए(?) ॥१७॥ श्रीफल आंबा जाति, गोटा शेस(ल)डी ? चोला गुला(वा)र तणीं फली ए ॥१८॥Page Navigation
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