Book Title: Tattvarthadhigam Sutra Abhinav Tika Adhyaya 03
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Shrutnidhi Ahmedabad

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Page 157
________________ ૧૫૬ सूत्राङ्क | श्वेताम्बर सूत्रपाठः सूत्रं न विध ܀܀܀ १७. १८. सूत्रं न विधते सूत्रं न विधते सूत्रं न विध सूत्रं न विध सूत्रं न विधते सूत्रं न विधते सूत्रं न विधते सूत्रं न विध | नृस्थिति परापरे त्रिपल्योपमा तिर्यग्योनीनाञ्च તત્ત્વાર્થાધિગમ સૂત્ર અભિનવટીકા दिगम्बरसूत्रपाठः सूत्राङ्क २४. | भरत: षड्विंशति पञ्चयोजन शतविस्तारः षट्चैकोन विंशाति भागा योजनस्य २५. तद् द्विगुणदिगुण विस्तारा वर्षधर विदेहान्ता: २६. उतरादक्षिणा तुल्याः २७. भरतैरावतयोवृध्धिहासौ षट् समयाभ्य मुत्सर्पिण्यवसर्पिणीभ्याम् Jain Education International २८. ताम्यामपरा भूमियो ऽवस्थिताः २९. | एक द्वि त्रिपल्योपमस्थितयो हैमवतकहारिवर्षकदैव कुरुवका: ३०. तथोरा ३१. | विदेहेषु सङ्ख्येयकाला : ३२. | भरतस्य विष्कम्भो जम्बूद्वीपस्य नवतिशत भाग ३८. नृस्थिति परावरे त्रिपल्योपमा ३९. | तिर्यग्योनीजानाञ्च શ્વેતામ્બર દિગમ્બર પાઠભેદ સ્પષ્ટીકરણ : [१] सूत्र: १ भां पृथुतरा: शब्दपाठ हिगभ्रमां नथी [૨] સૂત્રઃ ૨ માં દિગમ્બર આમ્નાયમાં નરકાવાસની સંખ્યા જણાવી છે. [3] सूत्रः ३ नारका शब्दपाठ हिगम्बरमा वधारे मुडेल छे [४] सूत्र: ५ हिगम्भर आम्नायमां नर5 भाटे प्राक्चतुर्थ्याः ने महल छे. [4] सूत्रः ७ हिगंजर सामान्यमां लवण ने स्थाने लवणोद छे. [5] सूत्र: १० तत्र शब्द हिगंजर मां नथी. [૭] દિગમ્બર આમ્નાય મુજબના સૂત્રઃ ૧૨ થી ૩૨ શ્વેતામ્બર પરંપરામાં નથી [८] सूत्र : १७ भां परापरे ने स्थाने हिगंजर भां परावरे छे. [C] सूत्र: १८ योनीनाञ्च ने पहले हिगभ्रमां योनीजानाञ्च छे. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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