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सूत्राङ्क | श्वेताम्बर सूत्रपाठः सूत्रं न विध
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१७.
१८.
सूत्रं न विधते
सूत्रं न विधते
सूत्रं न विध
सूत्रं न विध
सूत्रं न विधते
सूत्रं न विधते सूत्रं न विधते
सूत्रं न विध
| नृस्थिति परापरे त्रिपल्योपमा तिर्यग्योनीनाञ्च
તત્ત્વાર્થાધિગમ સૂત્ર અભિનવટીકા दिगम्बरसूत्रपाठः
सूत्राङ्क
२४. | भरत: षड्विंशति पञ्चयोजन शतविस्तारः षट्चैकोन विंशाति भागा योजनस्य
२५. तद् द्विगुणदिगुण विस्तारा वर्षधर विदेहान्ता:
२६. उतरादक्षिणा तुल्याः
२७. भरतैरावतयोवृध्धिहासौ षट् समयाभ्य मुत्सर्पिण्यवसर्पिणीभ्याम्
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२८. ताम्यामपरा भूमियो ऽवस्थिताः २९. | एक द्वि त्रिपल्योपमस्थितयो हैमवतकहारिवर्षकदैव कुरुवका:
३०. तथोरा
३१. | विदेहेषु सङ्ख्येयकाला : ३२. | भरतस्य विष्कम्भो जम्बूद्वीपस्य नवतिशत भाग
३८. नृस्थिति परावरे त्रिपल्योपमा ३९. | तिर्यग्योनीजानाञ्च
શ્વેતામ્બર દિગમ્બર પાઠભેદ સ્પષ્ટીકરણ :
[१] सूत्र: १ भां पृथुतरा: शब्दपाठ हिगभ्रमां नथी
[૨] સૂત્રઃ ૨ માં દિગમ્બર આમ્નાયમાં નરકાવાસની સંખ્યા જણાવી છે.
[3] सूत्रः ३ नारका शब्दपाठ हिगम्बरमा वधारे मुडेल छे
[४] सूत्र: ५ हिगम्भर आम्नायमां नर5 भाटे प्राक्चतुर्थ्याः ने महल छे.
[4] सूत्रः ७ हिगंजर सामान्यमां लवण ने स्थाने लवणोद छे.
[5] सूत्र: १० तत्र शब्द हिगंजर मां नथी.
[૭] દિગમ્બર આમ્નાય મુજબના સૂત્રઃ ૧૨ થી ૩૨ શ્વેતામ્બર પરંપરામાં નથી [८] सूत्र : १७ भां परापरे ने स्थाने हिगंजर भां परावरे छे.
[C] सूत्र: १८ योनीनाञ्च ने पहले हिगभ्रमां योनीजानाञ्च छे.
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