Book Title: Tattvartha Sutra Nikash
Author(s): Rakesh Jain, Nihalchand Jain
Publisher: Sakal Digambar Jain Sangh Satna

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Page 322
________________ तत्वार्था -निकाय/ 266, 3. मावन - मेहर-अमरपाटन मार्ग पर अमरपाटन से लगभग 7 कि0 मी0 दूर 'नादन' ग्राम है। यहाँ भी अनेक जैन शिल्पावशेष पाये गये हैं। खेरमाई के नाम से एक सुन्दर तीर्थंकर प्रतिमा ग्राम देवता के चबूतरे पर पूजी जाती रही है। 4.मेडा- मैहर-अमरपाटन मार्ग पर ही भेडा ग्राम के तालाब के किनारे एक जीर्ण-शीर्ण अवस्था में स्थित मन्दिर की ललाट पद्रिका पर तीर्थकर प्रतिमा का अंकन है, जो इस मन्दिर का जैन मन्दिर घोषित करने के लिये पर्याप्त है । ग्राम में कुछ अन्य शिल्पावशेष भी प्राप्त हुये हैं। 5. ममरपाटन - ग्राम से लगभग 2 कि0 मी0 दूर मैहर रोड़ पर एक तालाब के किनारे, सुन्दर पद्मासन तीर्थंकर की प्रतिमा टिकी हुई थी। सुसौम्य आकृति की यह प्रतिमा वर्षों तालाब में आने वाले लोगों की श्रद्धा का केन्द्र रही। मूर्तिचोरों ने एक दिन इस प्रतिमा को सदा-सदा के लिये विलुप्त कर दिया। 6. बरा - अमरपाटन-रीवा रोड़ पर ग्राम के तालाब की दीवार पर अनेक प्राचीन प्रतिमाएँ जडी हुई है। एक कायोत्सर्ग आसन सहित तीन-चार पद्मासन प्रतिमाओं के दर्शन यहाँ होते हैं। 1.भरजुना- मड़ई की तरह समृद्ध रहे इस ग्राम मे धरणेन्द्र पद्मावती, चक्रेश्वरी, अम्बिका, द्वार, तोरण आदि के अवशेष प्राप्त हुये थे। मूर्ति तस्करों ने सबको लुप्त कर दिया । यह ग्राम सतना साइडिग के पास है और शोधकर्ताओं के लिये अभी भी आकर्षण का केन्द्र है। है. जसो - यह ग्राम सतना से 42 कि0 मी0 दूर नागौद तहसील में स्थित है। यहाँ ग्राम देवता के रूप में आदिनाथ की पूजा होती है। यहाँ के शिल्पों में भरत, बाहुबली तथा नेमि-राजुल विवाह उल्लेखनीय है । लगभग दशवीं शताब्दी में यह स्थान विशाल जैन मन्दिरों के लिये प्रसिद्ध स्थान था । यहाँ से प्राप्त पुरावशेष प्रयाग और रामवन के संग्रहालयों में संग्रहीत हैं। जिले की सीमामों से सटे प्राचीन जैन पुरातात्विक स्थल 1.सीस पहाड- सतना जिले की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर जसो के आगे गंज नाम का ग्राम है। गंज से थोडी ही दूरी पर नचना-कुठरा नामक स्थान है। एक सुन्दर सी पहाड़ी की छाया में वसा हुआ यह स्थान अत्यन्त रमणीय है। पहाड़ी के पगतल को छूता हुआ एक छोटा-सा तालाब श्रान्त-क्लान्त पथिकों को राहत प्रदान करता है। पहाड़ में गुफाओं के अन्दर मुप्तकालीन जैन मूर्तियों बिराजमान हैं। यहाँ पर विराजमान भगवान महावीर स्वामी की पॉच फुट ऊँची पपासन प्रतिमा अत्यन्त मनोज्ञ है। सीरा पहाड़ी से प्राप्त अनेक प्रतिमाएँ रामवन संग्रहालय, पन्ना स्थित छत्रसाल उद्यान, नागौद जैन मन्दिर तथा ममेहा जैन मन्दिर में विराजमान हैं। सलेहा जैन मन्दिरों में विराजमान तीर्थंकर आदिनाथ की प्रतिमा अत्यन्त विलक्षण/ अदभुत है। प्रतिमा का केशविन्यास अत्यन्त आकर्षक है। इस प्रतिमा की एक प्रमुख विशेषता यह है कि मस्तक के

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