Book Title: Tattvanirnaya Prasada
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Amarchand P Parmar

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Page 3
________________ (यह ग्रंथ १८६७ का २५ मा एकट मुजिब रजीस्टर्ड करवाकर प्रसिद्धक ने सब हक्क स्वाधिन रखे हैं.) सूचना, नीचे माफक यह पुस्तक तीन तरहसे प्रसिद्ध किया गया है. (१) मूलग्रंथ, प्रस्तावना, उपोद्घात जन्मचरित्र, छवीओं, वंशवृक्षवाला संपूर्ण ग्रंथ. (पृष्ट संख्या-८८०) । (२) मात्र मूलग्रंथ और ग्रंथकर्ताकी तस्वीर. ( पृष्ट संख्या-७४४) (३) प्रस्तावना, चरित्र, छवीओं, वंशवृक्ष वगैरहका न्यारा पुस्तक. (पृष्ट संख्या-१३६) (UUU ग्रंथ मिलनेका पत्ता:-अमरचंद पी. परमार, प्रसिद्धकर्ता, पायधुणी-मुंबई. शा. भीमशी माणेक मांडवी-मुंबई; मांगरोल जैनसभा, पायधुणी,-मुंबई. श्री आत्मानंद जैनसभा, लाहोर; जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर; और तमाम पुस्तक बेचनेवालों के पास, जैन पाठशालाओंमें वगैरह. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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