Book Title: Tattva Nyaya Vibhakar
Author(s): Labdhisuri
Publisher: Labdhisuri Jain Granthmala

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Page 28
________________ अष्टमः किरण: ] विषयाः ७९८ प्रदेशोदयस्वरूपन् ७९९ पुनर्निर्जरायाः विभागः ८०० सकामनिर्जरास्वरूपम् ८०१ अकामनिर्जरास्वरूपम्... ८०२ द्रव्यभावनिर्जरास्वरूपम् ८०३ तपसः स्वरूपम् ... ८०४ अलब्धवृत्तीनां कर्मणां तप ८०५ बाह्यतपोभेदप्रदर्शनम् ... ... ... ... साक्षय इति वर्णनम् ... २१५ ९ २१५ १८ २१५ २३ ... ... ८०६ अनशनस्वरूपम् ८०७ यावज्जीवस्य विभागः पादपो पगमन भेदाश्च... ८०८ इङ्गिनीस्वरूपम्... २१६ ८०९ भक्तप्रत्याख्यानस्वरूपम् ८१० ऊनोदरिकास्वरूपकथनम् .. २१६ ८११ वृत्तिसंक्षेपस्वरूपकथनम् ... २१७ ४ ८१२ रसत्यागवर्णनम् ... २१७ १३ ८१३ विरसपदार्थाभावकास ... 200 ... विस्तरतो विषयानुक्रमः पृ. पं. २१३ १६ २१३ २६ २१४ ११ २१४ १७ २१४ २३ २१५ २ ... ... माधानम्... ८१४ विकृतिभेदवर्णनम् ८१५ अनशनोदरिकार सत्यागानां - वृत्तिसंक्षेपाद्भिन्नत्वसम थनम् ... ८१६ कायक्लेशस्वरूपम् ८१७ संलीनतानिरूपणं भेदश्च ८१८ इन्द्रियसंलीनतादीनां निरू ... पणम् ८१९ आभ्यन्तरतपोविभागः २१९ ११ २१९ २१ ८२० सप्रभदं प्रायश्चित्तस्वरूपम् २१९ २५ ८२१ प्रायश्चित्तलक्षणं पदकृत्यञ्च... २२० ४ ८२२ तत्त्वार्थे नवविधत्वं प्राय वित्तस्येति कथनम् ... ८२३ आलोचनस्वरूपम् ८२४ तद्भावार्थवर्णनम् ... २१६ ३ २१६ ७ ११ १७ २१७ २० २१७ २१८ ११ २१८ १७ २१९ २ २२० २२० २२० १० विषयाः ८२५ प्रतिक्रमणनिरूपणम् ८२६ मिश्रनिरूपणम् ८२७ विवेकनिरूपणम्... ८२८ व्युत्सर्गस्वरूपम्... ८२९ प्रायश्चित्तान्तर्गततपोनिरू a. my w पणम् ८३० छेदस्वरूपम् ८३१ मूलस्वरूपम् ८३२ अनवस्थाप्यस्वरूपम्... . ८३३ पाराश्चितस्वरूपम् ... ... ... ... ... नश्च... ८४८ ध्यानभेदाः ८४९ आर्त्तध्यानलक्षणम् ८३४ उपाध्यायस्यानवस्थाप्यान्तं मूलान्तं सामान्य साधूनां प्रायश्चित्तमित्यभिधानम् ... ... ... २२१ : : : : ७ २२४ २२४ १५ २२४ २० ... २२४ २२ २२५ २ २२५ ५ ८३५ विनयस्वरूपम् ८३६ तद्भेदाः ८३७ ज्ञानविनयस्वरूपम् ८३८ दर्शनविनयस्वरूपम् ८३९ चारित्रविनयस्वरूपम् ८४० उपचारविनयस्वरूपम् २२. ८४१ सप्रभेदवैयावृत्त्यनिरूपणम् २२५ १५ ८४२ सेवायाः विषयः फलश्च ८४३ स्वाध्यायस्वरूपम् ८४४ कालवेलास्वाध्यायभेदाः २२५ ६ २२५ २० २२६ ४ फलञ्च .... १३ प्रदर्शनम्... १६ | ८५२ अस्य ध्यातृवर्णनम् .. ... ... www ... ... ८४५ ध्यानस्वरूपम् ... ८४६ लक्षणार्थस्फुटीकरणम् ८४७ लक्षणेऽव्याप्तिशंका समाधा ⠀⠀⠀ www : १७ : ८५० तद्भेदप्रदर्शनम्... ८५१ आर्त्तकार्यस्य विशेषणमुखेन पृ. पं. ક २२१ ११ २२१ १२ २२२ x 2 9 २२३ ७ २२२ १३ २२२ १८ ५ २२३ ११ २२३ २१ २२६ २२६ २० २२७ ६ α & m २२७ १३ २२७ २४ २२८ ५ २२८ ८ २२८ १५ २२८ १८

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