Book Title: Tattva Nyaya Vibhakar
Author(s): Labdhisuri
Publisher: Labdhisuri Jain Granthmala

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Page 36
________________ चतुर्थ: किरण: ] विषयाः १५ | २११ सदृष्टान्तं तद्वर्णनम् १७ | २१२ सामान्यलक्षणायां प्रमाणाभाव इति वर्णनम् ३५० ३५० १५ २३२ क्रमभावनियमस्योदाहरण ३५१ १ ३५१ ९ ३५१ १५ ३५१ १७ ३५१ २३ ३५२ ४ ३५२ ९ प्रदर्शनम्... ... १८५ अक्षरश्रुतलक्षणम् १८६ अनक्षरश्रुतलक्षणम् १८७ संशिश्रुतलक्षणम् १८८ असंशिश्रुतलक्षणम् १८९ सम्यक् श्रुतलक्षणम् १९० मिथ्यात्वश्रुतलक्षणम्... १९१ सादिश्रुतस्वरूपम् १९२ अनादिश्रुतस्वरूपम् १९३ सपर्यवसितश्रुतस्वरूपम् ३५२ १५ २१६ तर्क कारणोपलम्भानुपलम्भ१९४ अपर्यवसितश्रुतस्वरूपम् ... ३५२ १७ १९५ गमिकश्रुतस्वरूपम् १९६ अगमिकश्रुतस्वरूपम्... १९७ अङ्गप्रविष्टस्वरूपम् १९८ अनङ्गप्रविष्टस्वरूपम् १९९ मतिश्रुतोपसंहारः २०० सांव्यवहारिकप्रत्यक्षोप प्रदर्शनम् ... ३५२ ३५२ ३५३ ३५३ ४ ३५३ ११ विषयाः १८२ मतिश्रुतयोर्भेदकवर्णनम् ... ३४८ १८३ स्फुटतरं तद्वर्णनञ्च .... १८४ श्रुतज्ञानभेदाः ३४८ संहारः २०१ किरणोपसंहारः ... ... ... ... ... ... विस्तरतो विषयानुक्रमः । पू. पं. मन्तर्भावर्णनम् २१० तर्कप्रमाणनिरूपणम्... ... ... तृतीयः किरणः २०७ संकलनात्मकत्वसमर्थनम २०८ प्रत्यभिज्ञादृष्टान्तप्रदर्शनम् २०९ उपमानस्य प्रत्यभिज्ञाया ... ... ... ... : : : : ... ... ... ⠀⠀ ::: ३५४ ३ ३५४ ७ २०२ स्मृतिलक्षणम्... २०३ स्मृतिपरिकरप्रदर्शनम् २०४ स्मृतेः प्रामाण्यव्यवस्थापनम् ३५४ २५ २०५ प्रत्यभिज्ञालक्षणम् ३५५ १५ २०६ स्मरणप्रत्यक्षाभ्यामस्या विशेषव्यवस्थापनम् ... ... の ... ३५३ १९ ३५३ २५ ... ... ... ... प्रदर्शनम्... ३६७ १८ ३६७ २५ २३३ साध्यलक्षणम् २३४ तत्पदप्रयोजनम् ३६८ ३ २१३ नैयायिकाभिमततर्कनिरासः ३५९ १० २१४ तर्कस्य प्रामाण्यसाधनम् .. ३५९ २० २१५ वाच्यवाचकभावविषयतर्क ... २२ २५ २१७ वाच्यवाचकभावसम्बन्धज्ञानमननविधानवर्णनम् १ २१८ तदभिप्रायस्फुटीकरणम् २१९ किरणोपसंहारः ... ... ... ... .... चतुर्थः किरणः २२० अनुमानं स्वरूपयति २२१ ज्ञानद्वयादेवानुमानं न परा ... : ... ::: ... ... २२५ सामान्यविशेषवतोरविनाभाव इति समर्थनम् २२६ व्याप्तिलक्षणम् www ३५५ २० ३५६ ८ ३५६ २५ | २२७ व्याप्तेरुभयवृत्तित्वेऽपि हेतु वृत्तेर्गमकताङ्गत्ववर्णनम् ३५७ ११ २२८ अन्ययोगव्यवच्छेदलन्धार्थ३५८ १२ स्फुटीकरणम् ... : २५ : पू. पं. ३५८ १५ मर्शोऽप्यपेक्षित इति वर्णनम् ३६२ २६ २२२ हेतुलक्षणवर्णनम् ३६३ ६ २२३ त्रिरूपस्य हेतुरूपत्वव्युदासः ३६३ ११ २२४ पञ्चरूपस्य हेतुरूपत्वव्यु दासः ... ३५८ २४ ३६० १ on ३६० ८ ३६० २१ ३६१ ६ ३६२ १७ ३६२ २२ ३६४ १० २ ३६५ ३६५ १६ ३६५ २२ ३६६ ५

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