Book Title: Tattva Chintamani
Author(s): Nagin G Shah
Publisher: B L Institute of Indology
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________________ सुखबोधिकागतानां ग्रन्थ-ग्रन्थकारादिनाम्नां सूचि: अक्षपाद 487 आचार्य 14, 16, 180, 181, 183, 186, 310,313 उदयनाचार्य 13, 169, 177, 309, 402, 562 उपाध्याय (यज्ञपति) 46, 48, 56, 185, 192 194, 350, 353, 376, 378, 379 कथकसम्प्रदाय 490 कुसुमाञ्जलि 309 / कुसुमाञ्जलिप्रकाश 21 / गङ्गेश 350 गुणरत्न५९८ चार्वाक 7, 13, 74, 310 चिन्तामणि 183, 598 चिन्तामणिकार 326, 396, 402,558 जीर्णमत 186 जैमिनीयसूत्र 351, 356 प्राभाकर 278, 280, 282, 284, 286, 288, 291, 295, 300, 303, 306, 309, 312, 386,478 प्राभाकरैकदेशिन् 308 बौद्ध 315 बौद्धमत 316 भवभूति 371 भाट्ट 278 भास्कर 340 मणिकार 59, 183, 378, 594 मणिकृन्मत 375, 420 महर्षि (अक्षपाद) 448,576,577 मालतीमाधव 371 मिश्र (पक्षधर) 135, 156, 183, 234, 317, 318, 479, 485, 490, 491 मीमांसंक 28, 104, 106, 107, 111, 112. 115, 116, 118, 121, 123, 125, 527, 141, 160, 203, 297, 300, 302-305, 310, 315, 362 . मीमांसकैकदेशिन् 298 यज्ञपति 36, 183, 350, 378 रत्नकोषकार 28-30,554,558,561 लीलावती 177 वाचस्पतिमिश्र 380 वार्तिककार (उद्योतकर) 427 वैशेषिकसूत्र 230 शबरस्वामी 203 शिरोमणि 594 . श्रीरामकृष्ण 598 सुखबोधिका 598 निबन्धकार (उदयनाचार्य) 562 नैयायिक 5, 7, 9, 10, 104-107, 109-113, . .115, 116, 125, 129, 131, 132, 203, - 284, 285, 288, 290, 291, 295, 297, 301, 303-306, 309, 312, 461, 478 नैयायिकैकदेशिमत 255 न्यायमत 104, 108, 166, 271, 279, 567 न्यासकार 377 पक्षधरमिश्र 4, 101, 103, 134, 183, 485 पञ्चाध्यायी (न्यायसूत्र) 562 पदार्थखण्डन 514 पाणिनि 350, 351 पाणिनिसूत्र 378 पूर्वमीमांसकमत 298
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