Book Title: Tapagaccha Bruhad Paushalik Shakha
Author(s): Shivprasad
Publisher: Z_Nirgrantha_1_022701.pdf and Nirgrantha_2_022702.pdf and Nirgrantha_3_022703.pdf

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Page 12
________________ Jain Education International जगच्चन्द्रसूरि [तपागच्छ के आदिपुरुष] ३३६ तपागच्छ-बृहद्पौषालिकशाखा के मुनिजनों को गुरु-परम्परा देवेन्द्रसूरि विजयचन्द्रसूरि (बृहद्पौषालिकशाखा के प्रवर्तक) क्षेमकीर्ति (वि. सं. १३३२ / ई. स. १२७६ में बृहद्कल्पसूत्रवृत्ति के रचनाकार) लघुपौषालिकशाखा--- हेमकलशसूरि रत्नाकरसूरि (इनके उपदेश से वि० सं० १३७० में खंभात में शब्दानुशासनवृत्ति की प्रतिलिपि की गयी) रत्नप्रभसूरि For Private & Personal Use Only मुनिशेखरसूरि शिवप्रसाद धर्मदेवसूरि ज्ञानचन्द्रसूर अभयसिंहसूरि जयतिलकसूरि (रचनाकार) रत्नसागरसूरि धर्मशेखरसूरि रत्नसिंहसूरि जयशेखरसूरि माणिक्यसूरि जिनरत्नसूरि बृहद्तपागच्छ -रत्नाकरगच्छ भृगुकच्छीयशाखा प्रारम्भ बृहद्तपागच्छ मुख्यशाखा Nirgrantha www.jainelibrary.org

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