Book Title: Tapagaccha Bruhad Paushalik Shakha
Author(s): Shivprasad
Publisher: Z_Nirgrantha_1_022701.pdf and Nirgrantha_2_022702.pdf and Nirgrantha_3_022703.pdf

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Page 14
________________ Jain Education International लब्धिसागरसूरि धनरलसूरि सौभाग्यसागरसूरि अमररत्लसूरि तेजरत्नसूरि देवरत्नसूरि मुनिसिंह विजयसुन्दर भानुमेरुगणि उदयधर्म जयरत्न राजसुन्दर् नयसिंहगणि नयसुन्दर जयदेव देवसुन्दरसूरि लावण्यरत्न वि. सं. १६३७ प्रशस्तिलेख For Private & Personal Use Only भानुमंदिर उदयसौभाग्य (वि. सं. १५९१ में भानुमंदिरांशष्य हैमप्राकतढिका (वि० सं० १६१२में के कर्ता) देवकुमारचरित्र के कर्ता) सौभाग्यसूरिशिष्य (वि० सं० १५७८ में चम्पकमालारास के कर्ता) शिवप्रसाद विजयसुन्दरसूरि ज्ञानरल भुवनकीर्तिसूरि विद्यारत्न पद्मसुन्दर साध्वीहेमश्री लावण्यदेव (कर्मविवरणनो रास के कर्ता) लाब्धचन्द्रसूरि जयसुन्दर रत्नकीतिसूरि कनकसुन्दर भगवतासूत्रबालावबाथ वि. स. १६१८-१६६९ । के कर्ता के मध्य रचित विभिन्न विनयचन्द्रसूरि रत्नसुन्दर सुमतिविजय वि. सं १६६२-१७०३ रचनायें उपलब्ध के मध्य रचित अनेक कृतियाँ धरचन्द्रसूरि विवेकसुन्दर उपलब्ध 1 रात्रिभोजनरास वि० सं० १७२३, उदयचन्द्रसूरि सहजसुन्दर सुखसुन्दर रलकीर्तिसरिचउपई वि. सं. १७४९ । आदि के कर्ता जयचन्द्रसूरि वि. सं. १७३९में कल्पसूत्रसुबोधिका के प्रतिलिपिकार Nirgrantha www.jainelibrary.org

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