Book Title: Swadhyaya Shiksha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Akhil Bharatiya Sahitya Kala Manch

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Page 169
________________ ग, कर्मग्रन्थ भाग-1, गा.2,.घ.मूलाचार गाथा 1221 ङ. तत्त्वार्थ सूत्र 8/4, च.गोम्मटसार कर्मकाण्ड गा.89/73 छ. द्रव्य संग्रह गाथा 33, ज. पंचाध्यायी उत्तरार्ध 935/5 67. क. पंचाध्यायी उत्तरार्ध-48, ख. गोम्मट सार कर्मकाण्ड 2/3 68. नियमसार तात्पर्य वृत्ति, गाथा 40 69. क. मूलाचार 1221, ख. पंचसंग्रह (प्राकृत) 2/1 ग. कषाय पाहुड़-2/2-22, ग. राजवार्तिक-8/3/11/567/20 70. क. षट्खण्डागम-13/5.5 सू. 19/205, ख. द्रव्यसंग्रह टीका-31/90/6 ग. तत्त्वार्थ सूत्र-8/5, घ. पंचसंग्रह (संस्कृत) 2/1 71. क. उत्तराध्ययन सूत्र अ.32, गा.87, ख. स्थानांग सूत्र 5/3/466 ग. समवायांग सूत्र, समवाय-27/ सू.1, घ. उपासगदशांग सूत्र-अ.6/ सू.168 72. क. राजवार्तिक-9/7/672, ख. तत्त्वार्थ सूत्र-अ.2/सू.1 73. क. अनुयोगद्वार सू.233, ख. स्थानांग सूत्र, स्थान 6/सू.537 ग. भगवती सूत्र 14/7, घ. कर्मग्रन्थ भाग-4, गाथा 64 74. पंचास्तिकाय गाथा 56 75. सर्वार्थसिद्धि-2/1, पृष्ठांक 149 76. पंचसंग्रह (प्राकृत) 212, पृ. 6 77. क. भगवती सूत्र-श.25, उद्दे.7, सू.114, ख. उत्तराध्ययन सूत्र-अ.29, सू.39 ग. स्थानांग सूत्र-5/3/466, घ. समवायांग सूत्र, समवाय-32, सूत्र 1 78. यु जुंपी योगे-हेमचन्द्र धातुमाला, गण-7 79. युजि च समाधौ-हेमचन्द्र धातुमाला, गण-4 80. उत्तराध्ययन सूत्र, अ.27, गाथा-2 81. क. सूत्रकृतांग सूत्र श्रुतस्कन्ध-1/अ.2/उद्दे.1/ गा.11 ख. उत्तराध्ययन सूत्र-अ.11/गाथा 14 82. स्थानांग सूत्र, स्थान 3/उद्दे.1/ सू.144 83. क. स्थानांग सूत्र 3/1/124, ख. भगवती सूत्र श.25/उद्दे.1/सू.719 ग. प्रज्ञापना सूत्र पद 16/सू.202, घ. समवायांग सूत्र, समवाय-5 84. सूत्रकृतांग सूत्र-श्रुतस्कन्ध-1, अध्ययन 15, गाथा 5 85. क. भगवती आराधना-1178/1187,4, ख. नियमसार गाथा 139 ग. सर्वार्थसिद्धि-6/12/331/3, घ. गोम्मट सार कर्मकाण्ड 801/980/12 ङ. तत्त्वार्थ राजवार्तिक-6/12/8/522/31 86. सूत्रकृतांग सूत्र 1/16/3 87. क. स्थानांग सूत्र-स्था.4, उद्दे.1 सू.247, ख. दशवैकालिक सूत्र चूर्णि पृ. 29 ग. उत्तराध्ययन सूत्र 30/34, घ. भगवती सूत्र श.25/उद्दे.7/ सूत्र 236 ङ. औपपातिक सूत्र, सूत्र 30 88. क. अनु पुनः पुनः प्रेक्षणं-चिन्तनं स्मरणं अनित्यादि-स्वरूपाणामित्यनुप्रेक्षा -कार्तिकेयानुप्रेक्षा, टीका-1 ख. शरीरादीनां स्वभावानुचिन्तनमनुप्रेक्षा। -तत्त्वार्थसूत्र भाष्य 9/2/40 89. क. तत्त्वार्थ सार 6/43/351, ख. सर्वार्थ सिद्धि 9/7/416 : 90. क. दशवैकालिक सूत्र चूलिका 2, ख. उत्तराध्ययन सूत्र अ.6, गाथा 2 156 स्वाध्याय शिक्षा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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