Book Title: Sudarshanodaya Mahakavya
Author(s): Bhuramal Shastri, Hiralal Shastri
Publisher: Digambar Jain Samiti evam Sakal Digambar Jain Samaj

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Page 174
________________ जानुज जिनप जूर्ति झष झुण्ड डिम्ब तति तमाल तल्प, ताति ताम्रचूड तुक तुला तुर्य तूर्ण तूल REET दारा दिवा हप्ति दोषाकर द्रुत द्वादशात्मा द्विज द्विजिह्न धारणा धिषणा ध्यामलता नग नदीप Jain Education International वैश्य जिनेन्द्र ज्वर (झ) मछली समूह (ड) छोटा बालक (त) पंक्ति, श्रेणी तमाखुपत्री स्त्री शय्या, परम्परा मुर्गा पुत्र तुलना चौथा शीघ्र विस्तार, रुई (द) स्त्री दिन उन्माद चन्द्रमा शीघ्रता से सूर्य ब्राह्मण, पक्षी सर्प (१) व्रत- स्वीकृति बुद्धि कालिमा (1) पर्वत समुद्र नभोग नरप नर्म निधान निम्नगा निरागस निर्वृति निशा निशाचर निश्चलक निःस्व पङ्क पचेलिम पण पण्ड पण्ययोषित पण्यललना पतङ्ग पद्मिनी पनस पयस्विनी पर्व पल पल्वल पलाशिता पवमान पायुवायु पारणा पारावार पार्श्वद्दषद् पिक पिशित पिष्ट पुत्तल पुत्राग For Private & Personal Use Only आकाशगामी नरपाल, राजा विनोद खजाना, भंडार नदी निरपराध मुक्ति 10 रात्रि राक्षस नग्न, वस्त्र रहित दरिद्र (19) कीचड़ परिपाक विष्णु, मुख्य षण्ड, नपुंसक वेश्या वेश्या शलभ कमलिनी कटहल दुधारू गाय व्रत का दिन मांस छोटा तालाब मांस-भक्षिता वायु अधोवायु उपवास के पीछे भोजन करना समुद्र पारस पत्थर कोकिल मांस पीठी पुतला जायफल, श्रेष्ठपुरुष www.jainelibrary.org

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