Book Title: Sudansana Cariyam
Author(s): Saloni Joshi
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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પરિશિષ્ટ-૭
જૈન પારિભાષિક શબ્દો अइयार (अतिचार)- १५४३ अरहंत (अर्हत्)-१४२५ अंबिल (आचाम्ल)-१३७९ अरिहंत (अरिहन्त)-१४१३, १४२२, अजीव (अजीव)-६८९,९०
१४२३, १५४०. अट्टज्झाण (आर्तध्यान)-गोखंड १२: अरुहत (अरुहत)-१४२५ १२४२.
अवसप्पिणी (अवसर्पिणीकाल)अट्ठम (अष्टम)-२६
गद्यखंड-१० अट्ठविह कम्म (अष्टविधकर्म)-११७२ अवा
अवहिणाण (अवधिज्ञान.)-७०,१२१५ अट्ठारस गुरुदोष (अष्टादश गरुदोष)- अविरङ्ग (अविरति)-१५६१ ४२१, ४२२
असुहकम्मविवाग (अशुभ कर्म अट्ठारसविह बंभचेर-(अष्टादशविध
विपाक)ब्रह्मचर्य )-ग-१२.
अहक्खायचारित्त (यथाख्यात चारित्र)
गद्यखंड-१२ अट्ठाहियाओ (अष्टान्टिका)-१९०,
आखेवकरी (आक्षेपकरी)-७६ १३९७ अणसण (अनशन.)-२६,१४५२
आगासत्थिकाय (आकाशास्तिकाय)
६९० अणुव्वय (अणुव्रत )-६७९
आनल (आनल)- ६८४ अतिहिभागो (अतिथि संविभाग)-६८०
आयरिय (आचार्य)- १४१३. अधम्मत्थिकाय (अधर्मास्तिकाय)
आरंभ (आरंभ)- १००३ अभयदाण (अभय दान)-९७०,
आरंभ परिगह (आरंभ परिग्रह)-६३४ ९८४, ९८६, ९९३.
आसव (आस्रव)-६९१ अमारि/अमारी (अमारि)-१२५,२०१ ।।
इसाण विमान( इशान विमान)अमूढ दीट्ठि (अमूढ दष्टि)- १५४२,
१४३८, १४५२. १५४७
उज्झाओ (उपाध्याय)-१४१३.
६८९
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