Book Title: Sudansana Cariyam
Author(s): Saloni Joshi
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 256
________________ विश्वभारती, १९८६. जैन धर्ममें दान : एक समीक्षात्मक अध्ययन :- उपाध्याय पुष्कर मुनि, संपा. देवेन्द्रमुनि शास्त्री, श्रीचन्द सुराना तारक गुरु जैन ग्रंथालय, १९७७. (तारक गुरु जैन ग्रंथमाला, ८८) जैन धर्मदर्शन : १८९ मोहनलाल महेता. वाराणसी : पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, १९७३ (पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रंथमाला, १९) जैन साहित्य का बृहद इतिहास - भाग - ६ काव्य साहित्य :- गुलाबचन्द्र चौधरी. वाराणसीः पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान १९७३. (पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रंथमाला; २०) प्राकृत भाषा और साहित्य का इतिहास :- नेमिचंद शास्त्री. वाराणसी : तारा पब्लिकेशन, १९६६ प्राकृत भाषाओंका तुलनात्मक व्याकरण एवं उनमें प्राक् संस्कृत तत्व :- के. आर. चन्द्र- अमदावाद, प्राकृत विद्या मंडळ, १९८२. प्राकृत साहित्य का इतिहास :- जगदीशचन्द्र जैन - २. आ. वाराणसी : चोखम्बा विद्याभवन, १९८५ प्राचीन भारत का भोगोलिक स्वरूप :- अवधविहारीलाल अवस्थी. लखनौ : कैलाश प्रकाशन, १९६४. भारतीय साहित्य शास्त्र कोश :- राजवंश सहाय " हीरा". पटना : बिहारी हिंदी ग्रन्थ अकादमी, १९७३. महापुराण- उत्तरपुराण :- गुणभद्राचार्य, संपा. पन्नालाल जैन. काशी : भारतीय ज्ञानपीठ, १९५४ . ( ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन ग्रन्थमाला (सं.) ग्रंथांक - १४) Catalogue of Palm leaf Manuscripts in the Shantinath Jain Bhandar, Cambay, Part-2. ed. by Muni Punyavijauyji. Baroda : Oriental Research Institute, 1966. (Gayakwad oriental Series : 149 ) Cultural Study of the Nisitha Curni - Madhu Sen. Amristsar : Sohanlal Jaindharma Pracharak Samiti, 1975. Dictionary of Pali Proper Names - ed. by G. P. Malalaseekhar, London : Pali Text Society, 1960. Geographical Encyclopadeia of Ancient India :- ed by K. D. Bajpai. Varanasi : Indic Academy, 1967. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 254 255 256 257 258