Book Title: Subodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar Author(s): Vinayvijay Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 7
________________ Jain Educatic क. ३५ शक्रस्तवनो अर्थ ३६ मेघकुमारनी कथा विषय. .... www. द्वितीयं व्याख्यानं. .... .... लो हुकम ५२ हरिणैगमेषीनुं वर्णन ५३ गर्न संहरण करवाना जांगा **** १६ १७ १७ १८ ३७ शक्रस्तवनो चालु अर्थ.. ३० तीर्थंकरो कया कुलमां उपजे ? ३७ “ उपसर्ग” अबेरानुं वर्णन १४० गोशालानुं वृत्तांत ४१ "गर्भहरण” अवेरानुं वर्णन ४२ "स्त्री तीर्थंकर" अबेरानुं वर्णन ४३ " जावित पर्षदा " अबेरानुं वर्णन ४४ "कृष्णनुं मरकामां जवुं” ए १८ १८ .... 20 बेरानुं वर्णन १५ ४५ "चंद्र सूर्यनुं मूल विमाने उतरवु” ए अवेरानुं वर्णन १७ 烤麵 ४६ "हरिवंश कुलनी उत्पत्ति" ए अबेरानुं वर्णन ४७ "चमोत्पात" ए अबेरानुं वर्णन १ ए .... ४० " एकसो ने वनुं एकी वखते सिद्ध यर्बु” ए रानुं वर्णन "असंयतिनी पूजा " ए अबेरानुं वर्णन .... .... ५० वीर प्रजुना सत्तावीश नवोनुं वर्णन ... २१ गर्भ बदलाववा माटे इंद्रे हरिगमेषीने करे **** .... 2000 वर्णन **** .... .... .... .... .... 4400 www. पृष्ठ. यांक. १५ १६ 麵 २० २० विषय. ५४ प्रनुं गर्भसंहरण संबंधी ज्ञान ५५ त्रिशला राणीना शयनग्रहनुं वर्णन २६ गजना स्वमनुं वर्णन ७ वृषजना स्वमनुं वर्णन २८ सिंहना स्वमनुं वर्णन लक्ष्मी देवीना स्वमनुं वर्णन .... २३ २३ २३ .... For Private & Personal Use Only **** .... .... .... .... .... .... तृतीयं व्याख्यानं. ६० पुष्पमालाना स्वप्ननुं वर्णन ६१ चंद्रना स्वप्ननुं वर्णन ६२ सूर्यना स्वमनुं वर्णन ६३ ध्वजाना स्वमनुं वर्णन ६४ कलशना स्वमनुं वर्णन ६५ पद्म सरोवरना स्वप्ननुं वर्णन ६६ क्षीर समुना स्वमनुं वर्णन ६७ देवविमानना स्वमनुं वर्णन .... ६० रत्नराशिना स्वप्ननुं वर्णन ६ अग्निशिखाना स्वमनुं वर्णन ७० त्रिशला राणीनी वाणीनुं वर्णन ७१ सिद्धार्थ राजाए कहेलो स्वमोनो अर्थ १२ सिद्धार्थ राजा करावेलो महोत्सव ७३ सूर्योदयनुं वर्णन .... .... .... .... .... *... .... .... .... .... **** .... .... .... .... .... www. .... .... ---- .... .... .... .... .... .... पृष्ठ. २४ २४ २५ १५ २५ २५ २७ २० २७. ३० ३१ ३१ ३२ ३३ ३४ ३४ ३५ ३६ • ३७ ३० wjainelibrary.orgPage Navigation
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