Book Title: Subodh Jain Pathmala Part 02
Author(s): Parasmuni
Publisher: Sthanakvasi Jain Shikshan Shivir Samiti Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ प्राक्कथन तपस्वी श्री लालचन्दजो. म० आदि चार सन्तो का सम्वत २०१७ में राणावास में चतुर्मास हुआ ! उस समय वहाँ छोटेलालजी अजमेरा प्रचारक अ० भा० साधुमार्गी जैन सस्कृति रक्षक संघ आये थे। उन्होने वहाँ श्रो कानमुनिजो को उत्साहपूर्वक बालकों को धार्मिक शिक्षण देते हुए देख कर निवेदन किया कि हमारे स्था० सघ० मे आप जैसे धार्मिक शिक्षण मे रूचि लेने वाले सत कम हैं। परन्तु ग्रीष्मावकाश मे यदि हम शिक्षण शिविर लगायें और आप वहाँ एकत्रित बालकों को धार्मिक शिक्षण दें, तो अधिक बालको को लाभ मिले और उन बच्चो का जो अवकाश का समय प्रमाद में जाता है, वह भी सफल बन जाय। काल परिपक्व हुआ और राणावास में हो राणावास सघ के आग्रह और अजमेराजो आदि के प्रयास से स० २०२० में धार्मिक शिक्षण शिविर लगा। उस समय बालको के प्राथमिक तात्कालिक शिक्षण के लिए श्री कानमुनिजी ने विषय सयोजना को और उन्होंने धार्मिक दाचना दो। १२विर समाप्ति पर गठित शिविर समिति के मन्त्री श्री धीगडमलजा गिडिया, जोधपुर व सदस्य श्री सम्पतराजजी डोसो ने मुझे समिति को ओर से यह अनुरोध किया कि आप श्री कानमुनिजो द्वारा तात्कालिक विषय को कुछ समय लगा कर सम्पादित कर दे तथा उत्तरोत्तर शिक्षण के लिए अन्य भी क्रमबद्ध चार पुस्तकें लिखकर एक पाठ्यक्रम निर्मित करावे, जिससे शिविरार्थी बालको को क्रमबद्ध शिक्षण मिल सके तथा अल्पकाल मे अधिक 1२ क्षण मिल सके। [क]

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 311