Book Title: Stotravali
Author(s): Yashovijay
Publisher: Yashobharati Jain Prakashan Samiti

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Page 380
________________ [ 287 गौतम स्वामी जी का इस प्रकार कुल 35 चित्रों का अपूर्व तथा बेजोड़ चित्र-सम्पुट / जिसमें चार रंग के, प्रायः '6-12' इंच की साइज में छपे हुए चित्र हैं / इनमें विविध हेतुलक्षी, अत्यन्त उपयोगी, बौद्धिक 40 बार्डर, जैन तथा भारतीय संस्कृति के-जैन कुंकुमपत्रिका तथा कार्डों में प्रयोग किया जा सके और नया-नया ज्ञान मिले ऐसे-उपयोगी 121 प्रतीक हैं / इन 35 चित्रों का परिचय हिन्दी, गुजराती तथा इंग्लिश तीन भाषाओं में दिया गया है। ___तथा इनके साथ ही 12 परिशिष्ट भी जोड़े गए हैं, जिनमें भगवान् महावीर के जीवन का संक्षेप में विशाल परिचय दिया गया है। सभी रेखापट्टियों (बॉर्डर) और प्रतीकों का परिचय 28 पृष्ठों में वरिणत है। ____इन चित्रों की बाइण्डिंग की हुई पुस्तक जिस प्रकार तैयार की गई है वैसा ही खुले 35 चित्रों का पेकेट भी तैयार हुआ है। ६-विविध रंगों वाली डाक-टिकिटों से ही तैयार किए हुए भगवान् / श्रीपार्श्वनाथ तथा श्रीहेमचन्द्राचार्य जी के चित्र / ७-भरत काम (गूंथन) में सपरिकर भगवान् पार्श्वनाथ आदि। ८-रंगीन काँच पर सोने के पतरे द्वारा तैयार किया गया विविध आकृतियों का विशिष्ट संग्रह। ... ६-जम्बूद्वीप तथा अढ़ीद्वीप के स्केल के अनुसार ड्रेसिंग क्लाथ पर तैयार किए गए 5 फुट के नक्शे (सं. 2003) 10 मिरर (बिल्लोरी) काच-ग्लासवर्क में तैयार कराए हुए चित्र / ११-जैन साधु प्रातःकाल से रात्रि शयन तक क्या प्रवृत्तियाँ करते हैं ? इससे सम्बद्ध दिनचर्या के तैयार किए जा रहे रंगीन 35 चित्र। १२-प्रतिक्रमण और जिन-मन्दिर में होनेवाले विधि-अनुष्ठान आदि में उपयोगी, आसन-मुद्राओं से सम्बन्धित पहली बार ही तैयार

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