________________ [285 6. . ., ( , )-जघन्य वृत्ति (..) . * ७-वादमाला' (नव्यन्याय-दार्शनिक) •८-वादमाला ( , , ) ६-चक्षुरप्राप्यकारितावाद (पद्यमय) * १०-न्यायसिद्धान्तमञ्जरी (शब्दखण्ड टीका) ११-तिङन्वयोक्ति (व्याकरण) १२-२काव्य प्रकाश (द्वितीय तथा तृतीय उल्लास) १३-सिद्धसहस्रनामकोश (पर्यायवाचक नाम) १४-पार्षभीयचरित्र (महाकाव्य) १५-विजयोल्लास काव्य १६-कूपदृष्टान्तविशदीकरण (धर्मशास्त्र) १७-यतिदिनचर्या (आचारशास्त्र) १८-३विजयप्रभसूरिक्षामणकपत्र (पत्रकाव्य) ४१६-स्तोत्रावली (हिन्दी अनुवादसहित) २०-एक सौ आठ बोध संग्रह २१-तेर काठिया निबन्ध २२-कायस्थिति स्तवन ढालियावालु २३-विचारबिन्दु (धर्मपरीक्षा का वार्तिक) 1. * इस चिह्न वाली कृतियाँ संशोधनपूर्वक मुद्रित हो चुकी हैं। 2. यह कृति हिन्दी अनुवाद, विस्तृत भूमिका एवं अन्य आवश्यक टिप्पणियों के साथ शीघ्र प्रकाशित हो रही है। 3. यह काव्य हिन्दी अनुवाद सहित 'स्तोत्रावली'-प्रस्तुत ग्रन्थ में प्रकाशित 4. इस ग्रन्थ का गुजराती भाषान्तर के साथ प्रकाशन भी शीघ्र ही करने की ... सम्भावना है।