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42 : श्रमण, वर्ष ६४, अंक ४ / अक्टूबर-दिसम्बर २०१३
के आधार पर अनेक विषयों को चर्चा की गयी है। इसमें विषयों का संकलन और उनका विस्तृत विवेचन है। जैन आगम वनस्पति कोश - जैन आगम वनस्पति कोश अपने आप में एक अनूठा प्रयोग है। यह कोश आगम में उल्लिखित वनस्पति विषयक शब्दों का संग्रह है। मूल शब्द प्राकृत भाषा में, कोष्ठक में संस्कृत छाया तथा टीकाकार द्वारा दिया गया अर्थ भी मुख्य रूप से संग्रहीत है। यह कोश जैन विश्वभारती संस्थान लाडनूं से १९९६ में प्रकाशित हुआ है। इसके सम्पादक मुनि श्री चन्द्र कमल जी हैं।
जैन पारिभाषिक शब्द कोश - इस कोश के सम्पादक आचार्य महाप्रज्ञ है। इसका प्रकाशन जैन विश्वभारती संस्थान लॉडनू से २००९ ई० में हुआ है। इस कोश में १०३ ग्रंथों के आधार पर अकारादिक्रम से पारिभाषिक शब्दों के अर्थ को समझाया गया है। इसमें अधिकांश परिभाषायें प्राचीन ग्रंथो पर आधारित हैं। इस कोश में बिना किसी पूर्वाग्रह के श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों परंपराओं के मौलिक श्रुत का उपयोग किया है। उक्त कोशों के अतिरिक्त अनेक कोश हैं जिनकी सूची इस प्रकार हैदेशी शब्द कोश - आचार्य महाप्रज्ञ निरुक्त कोश
आचार्य महाप्रज्ञ कुन्दकुन्द शब्द कोश - डॉ० उदय चन्द्र जैन जैन पारिभाषिक शब्द कोश - महो० चन्दप्रभसागर पुष्कर सूक्ति कोश - आ० देवेन्द्र मुनिशास्त्री जैन पुराण कोश - प्रो० प्रवीण चन्द्र जैन जैन संस्कृति-कोश - प्रो० भागचन्द्र जी जैन 'भाष्कर' प्राकृत हिन्दी-कोश - प्रो० उदय चन्द्र जैन जैन योग पारिभाषिक कोश - मुनि राकेश कुमार
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