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अर्हत् वचन पुरस्कारों की घोषणा
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा प्रकाशित शोध त्रैमासिकी " अर्हत् वचन" के वर्ष 5 / 1993 में प्रकाशित 4 अंकों में छपे आलेखों में से तीन सर्वश्रेष्ठ आलेखों के लिए प्रो. राजाराम जैन, आरा, प्रो. राजगोपाल, प्राध्यापक गणित, एटकिन्सन कालेज, योर्क यूनिवर्सिटी, ओण्टोरियो, कनाडा एवं प्रो. जे. एन. कपूर, प्रो. आव एमिनेन्स, गणित, जे. एल. नेहरु, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, दिल्ली को क्रमशः रु.3001, रु.2001 तथा रु. 1001 के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनके लेखों का शीर्षक क्रमशः (1) गोपाचल : उत्तर - मध्यकालीन इतिहास, साहित्य एवं कला संगम का तीर्थ, (2) Mathematical problem solving in Medieval India and Europe तथा (3) Ancient Indian Mathematics and its Relevance to Modern Indian Mathematics.
जैनागम, पर्यावरण-संरक्षण और विश्वशान्ति राष्ट्रीय संगोष्ठी
यह संगोष्ठी पूज्य प्रवर्तक श्री रूपचन्द मुनि रजत एवं उपप्रवर्तक शकुनमुनि की प्रेरणा से अहिंसा जैन विद्यापीठ, सोजत सिटी, राजस्थान एवं जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के संयुक्त संयोजन में आगामी 7-8 जून को आयोजित की जा रही है ।
संगोष्ठी का आयोजन पूज्य मरुधर केसरी स्मृतिधाम, सोजत सिटी, राजस्थान के प्रांगण में संचालित अहिंसा जैन विद्यापीठ के अन्तर्गत किया जा रहा है। संगोष्ठी के निदेशक डॉ. प्रेमसुमन जैन, विभागाध्यक्ष एवं संयोजक डॉ. हुकुमचन्द जैन, सहायक प्रोफेसर, जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर हैं।
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